खबर के अनुसार यह कदम भूमि विवादों में त्वरित निवारण के लिए उठाया गया है, ताकि बलपूर्वक कब्जा या बेदखली की स्थिति में थाना स्तर से तत्काल कार्रवाई की जा सके। इस प्रक्रिया के तहत रैयतों को फौरी राहत दिलाने के लिए पुलिस थाने और संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी।
बता दें की मुख्य तौर पर, यह कदम भूमि अतिक्रमण की समस्या से निपटने और जमीनों पर अवैध कब्जे को रोकने के लिए उठाया गया है, ताकि वास्तविक मालिकों को उनकी संपत्ति पर अधिकार मिल सके और किसी भी प्रकार के अवैध कब्जे को तुरंत समाप्त किया जा सके।
दरअसल गृह विभाग के प्रधान सचिव को लिखे पत्र में राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि थाना और अंचल स्तर पर जमीन विवाद के मामले के त्वरित समाधान के लिए साप्ताहिक बैठकें होती हैं, मगर कार्रवाई कारगर नहीं होती। इसलिए थाना स्तर से तत्काल कार्रवाई की जाए।
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