मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मदरसा शिक्षकों की चयन प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया जाए, ताकि योग्य उम्मीदवारों को ही अवसर मिले। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का लक्ष्य मदरसों के संचालन में व्यावसायिकता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना है, जिससे छात्र-छात्राओं का भविष्य उज्ज्वल हो सके।
गठित होगी उच्चस्तरीय समिति
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए कि अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाए। यह समिति मदरसों के संचालन, शिक्षकों की सेवा-सुरक्षा, पाठ्यक्रम में बदलाव और छात्रों के समग्र विकास से जुड़े मुद्दों पर संस्तुतियाँ तैयार करेगी। समिति में बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, वित्त, न्याय और अल्पसंख्यक कल्याण विभागों के विशेष सचिव शामिल होंगे।
शिक्षा के साथ कौशल विकास पर भी जोर
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि पारंपरिक धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक विषयों और कौशल विकास को भी मदरसा पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। इससे मदरसा छात्र मुख्यधारा की शिक्षा और रोजगार के अवसरों से बेहतर तरीके से जुड़ सकेंगे।
राज्य सरकार का यह कदम न केवल मदरसा शिक्षा में गुणवत्ता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अल्पसंख्यक छात्रों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास भी माना जा रहा है।
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