1. सबसे आम लेकिन सबसे ज़रूरी
O+ दुनिया का सबसे कॉमन ब्लड ग्रुप है। लगभग 37% वैश्विक आबादी O पॉजिटिव है। यह उपलब्धता इसे इमरजेंसी के समय सबसे अधिक उपयोगी बनाती है, खासकर जब तुरंत ब्लड की जरूरत होती है।
2. O+ ब्लड डोनेशन में हैं हीरो
क्योंकि O+ सबसे आम ब्लड ग्रुप है, ब्लड बैंकों में इसकी हमेशा जरूरत होती है। अगर आपका ब्लड ग्रुप O+ है, तो आप ब्लड डोनेट करके अनगिनत ज़िंदगियाँ बचा सकते हैं।
3. ट्रांसफ्यूजन में सीमाएं और सुरक्षा
O+ ब्लड ग्रुप वाले केवल O+ और O- से ही ब्लड ले सकते हैं, जिससे उनकी ट्रांसफ्यूजन ऑप्शन्स थोड़ी सीमित होती हैं, लेकिन उनकी इम्यून सिस्टम प्रतिक्रिया ज़्यादा सुरक्षित रहती है।
4. इम्यून सिस्टम में खास मजबूती
कुछ रिसर्च बताती हैं कि O ब्लड ग्रुप वालों में कुछ वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों के खिलाफ बेहतर प्राकृतिक प्रतिरोध हो सकता है। उदाहरण के लिए, COVID-19 संक्रमण में O ग्रुप वालों के कम रिस्क होने की बात सामने आई थी (हालांकि पूरी तरह से निष्कर्ष पर पहुँचना अभी बाकी है)।
5. डाइट और मेटाबॉलिज्म से संबंध
"Blood Type Diet" थ्योरी के अनुसार, O ब्लड ग्रुप वाले लोगों का मेटाबॉलिज्म तेज होता है और वे प्रोटीन-समृद्ध डाइट (जैसे मीट, मछली) से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। हालाँकि, यह थ्योरी वैज्ञानिक समुदाय में बहस का विषय बनी हुई है।
6. हार्ट डिजीज़ का रिस्क थोड़ा कम
कई अध्ययनों से पता चला है कि O ब्लड ग्रुप वालों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का रिस्क थोड़ा कम हो सकता है, खासकर A और AB ग्रुप वालों की तुलना में। इसका कारण ब्लड क्लॉटिंग फैक्टर्स और कोलेस्ट्रॉल प्रोफाइल में अंतर हो सकता है।
7. यूनिवर्सल डोनर (रेड ब्लड सेल्स के लिए नहीं, लेकिन प्लाज्मा के लिए)
O पॉजिटिव व्यक्ति केवल O+ और O- ब्लड ग्रुप वालों को रेड ब्लड सेल्स डोनेट कर सकते हैं, लेकिन इनका प्लाज्मा A, B और AB को दिया जा सकता है। प्लाज्मा डोनेशन के मामले में ये बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।
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