इन समर कैंपों का मुख्य उद्देश्य बच्चों को शैक्षिक, मानसिक और शारीरिक विकास के अवसर प्रदान करना है। कैंप में छात्रों के लिए विविध गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, जिनमें खेलकूद, कला, विज्ञान, गणित, और भाषा के सत्र शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, ध्यान और योग जैसी मानसिक विकास से जुड़ी गतिविधियों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
हालांकि, विभाग के इस फैसले पर शिक्षक समुदाय में असंतोष की लहर है। शिक्षकों का कहना है कि समर कैंप का आयोजन उनकी व्यक्तिगत छुट्टियों में हस्तक्षेप करेगा और इससे उन्हें परिवार के साथ समय बिताने में कठिनाई होगी। गर्मी की छुट्टियां पहले से ही छात्रों और शिक्षकों के लिए आराम का समय होता है, लेकिन अब यह समर कैंप उनके समय की कोई कद्र किए बिना आयोजित किया जा रहा है।
इसके अलावा, समर कैंप के आयोजन की निगरानी के लिए राज्य परियोजना निदेशालय द्वारा मंडलवार टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों को 12 जून तक विभिन्न सरकारी विद्यालयों का शैक्षिक पर्यवेक्षण करने और कैंप की गतिविधियों का मूल्यांकन करने का कार्य सौंपा गया है। अपर राज्य परियोजना निदेशक विष्णुकांत पांडेय ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक टीम अपने आवंटित मंडल में कम से कम दस विद्यालयों का निरीक्षण करके रिपोर्ट राज्य परियोजना कार्यालय को भेजे, ताकि कैंप की गुणवत्ता और तैयारी में सुधार किया जा सके।
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