हाइपरसोनिक हथियारों की रेस शुरू: भारत समेत 4 देश आगे!

नई दिल्ली।

दुनिया में हथियारों की दौड़ एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है — अब बात हो रही है हाइपरसोनिक मिसाइलों की। ये ऐसे आधुनिक हथियार हैं जो आवाज की गति से 5 गुना (माच 5) से भी तेज़ उड़ान भर सकते हैं और पारंपरिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सक्षम हैं। इस उभरती हुई तकनीक की दौड़ में दुनिया के सिर्फ चार देश — अमेरिका, रूस, चीन और भारत — सबसे आगे हैं।

क्या हैं हाइपरसोनिक मिसाइलें?

हाइपरसोनिक मिसाइलें ऐसी उन्नत हथियार प्रणालियाँ हैं जो 6,000 किमी/घंटे से अधिक की रफ्तार से उड़ान भर सकती हैं। ये दो प्रकार की होती हैं — Hypersonic Glide Vehicles (HGV) और Hypersonic Cruise Missiles (HCM)। इनकी सबसे बड़ी ताकत है इनकी गति, गतिशीलता और सटीकता, जो इन्हें दुश्मन के रडार और डिफेंस सिस्टम के लिए लगभग अजेय बना देती है।

कौन-कौन देश हैं इस रेस में?

1 .रूस: रूस इस टेक्नोलॉजी में सबसे आगे माना जाता है। उसका "Avangard" हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल पहले से ही डिप्लॉय किया जा चुका है। इसके अलावा रूस की Zircon मिसाइल भी चर्चा में है, जो समुद्र और ज़मीन दोनों से लॉन्च की जा सकती है।

2 .चीन: चीन ने अपने DF-ZF हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल के ज़रिए दुनिया को चौंकाया है। यह मिसाइल हजारों किलोमीटर दूर तक सटीक निशाना साध सकती है। चीन इस तकनीक का उपयोग अपने क्षेत्रीय प्रभुत्व को मजबूत करने में कर रहा है।

3 .अमेरिका: अमेरिका ने हाइपरसोनिक मिसाइल विकास में देर से शुरुआत की, लेकिन अब वह बड़े स्तर पर निवेश कर रहा है। अमेरिका की योजनाओं में ‘ARRW’ (Air-Launched Rapid Response Weapon) और ‘LRHW’ (Long-Range Hypersonic Weapon) प्रमुख हैं।

4 .भारत: भारत ने भी हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी में बड़ी छलांग लगाई है। DRDO (Defence Research and Development Organisation) द्वारा विकसित Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle (HSTDV) की सफल टेस्टिंग के बाद भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जो स्वदेशी हाइपरसोनिक क्षमता विकसित कर रहे हैं।

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