पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए विशेष सुविधा
इस विद्यालय में विशेष व्यवस्था की जाएगी, जिसमें 50 प्रतिशत सीटें बिहार पुलिस के कर्मचारियों और शहीद या सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए आरक्षित होंगी। वहीं, अन्य 50 प्रतिशत सीटें सामान्य बच्चों के लिए उपलब्ध रहेंगी। इस योजना का उद्देश्य पुलिस परिवारों को अच्छी शिक्षा के अवसर प्रदान करना है, विशेषकर उन परिवारों के लिए जो खुद समाज की सुरक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
गृह विभाग से सैद्धांतिक सहमति की प्रक्रिया
पुलिस मुख्यालय ने इस विद्यालय की स्थापना के लिए प्रारंभिक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे आगामी जून माह तक गृह विभाग को सैद्धांतिक सहमति के लिए भेजा जाएगा। इस प्रस्ताव के संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने अपनी सकारात्मक प्रतिक्रियाएं दी हैं। विशेष रूप से, इस पहल को लेकर पूर्व पुलिस महानिदेशक अरविंद पांडेय ने भी डीजीपी विनय कुमार को पत्र लिखकर आभार जताया है और इस कार्य में तेजी से कार्रवाई करने की सराहना की है।
दो चरणों में होगा विद्यालय का संचालन
बिहार पुलिस विद्यालय की शुरुआत दो चरणों में होगी। पहले चरण में आठवीं कक्षा तक पढ़ाई शुरू की जाएगी और इसे बिहार शिक्षा परियोजना परिषद से संबद्ध किया जाएगा। इसके बाद, दूसरे चरण में 12वीं कक्षा तक शिक्षा देने की योजना है, जिसमें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्धता ली जाएगी। इस योजना के तहत स्कूल की कक्षाएं, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, शिक्षकों की नियुक्ति आदि सभी कार्य सीबीएसई के मानकों के अनुसार किए जाएंगे, ताकि बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिल सके।
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