भारतीय ₹100 की चीन में वैल्यू क्या है? चौंकाने वाले तथ्य

नई दिल्ली। आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में करेंसी एक्सचेंज रेट का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। कई बार हम सोचते हैं कि भारत में जितनी कीमत एक वस्तु की है, क्या उतनी ही कीमत वह दूसरे देश में भी होगी? खासकर जब बात चीन जैसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की हो, तो सवाल और दिलचस्प हो जाता है—अगर आपके पास भारतीय ₹100 हैं, तो उसकी चीन में क्या वैल्यू है?

करेंसी रेट का गणित

सबसे पहले समझते हैं मौजूदा एक्सचेंज रेट को। जुलाई 2025 के अनुसार: 1 भारतीय रुपया (INR) ≈ 0.088 चीनी युआन (CNY), यानी ₹100 ≈ 8.8 युआन।

क्यों है इतना अंतर?

1. आर्थिक आकार और निर्यात की ताकत

चीन की अर्थव्यवस्था भारत से कहीं बड़ी है और वह दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। चीन के उत्पादों की वैश्विक मांग अधिक होने से युआन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक मांग रहती है, जिससे उसकी कीमत मजबूत बनी रहती है।

2. मुद्रा नियंत्रण नीति

चीनी युआन को सरकार और चीन के केंद्रीय बैंक (People’s Bank of China) नियंत्रित करते हैं। वे विनिमय दर को कृत्रिम रूप से स्थिर और मजबूत बनाए रखते हैं, जबकि भारत में रुपया पूरी तरह से बाजार आधारित है, जो मांग और आपूर्ति से प्रभावित होता है।

3. व्यापार घाटा बनाम अधिशेष

भारत का व्यापार घाटा अधिक है – यानी हम जितना निर्यात करते हैं उससे ज्यादा आयात करते हैं। इससे रुपये पर दबाव बनता है। दूसरी ओर, चीन व्यापार अधिशेष (surplus) में रहता है, जिससे युआन की स्थिति मजबूत होती है।

4. विदेशी निवेश और मुद्रा प्रवाह

चीन में बड़े स्तर पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) होता है, जिससे युआन की मांग बढ़ती है। भारत में भी निवेश होता है, लेकिन कई बार राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता के कारण निवेशक सतर्क रहते हैं, जिससे रुपये पर दबाव पड़ता है।

5. मुद्रास्फीति (Inflation) और ब्याज दरें

भारत में मुद्रास्फीति की दर अक्सर चीन से अधिक होती है। उच्च मुद्रास्फीति से रुपये की क्रय शक्ति घटती है। इसके विपरीत, चीन मुद्रास्फीति को काफी हद तक नियंत्रित रखता है, जिससे युआन की स्थिरता बनी रहती है।

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