जारी है अंतिम प्रयास
निर्वाचन आयोग और चुनावी तंत्र इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) अब तक तीन से अधिक बार इन छूटे हुए मतदाताओं से संपर्क करने की कोशिश कर चुके हैं। इसके बावजूद जिन मतदाताओं से संपर्क नहीं हो पाया, उनके लिए एक और विशेष दौरे की योजना बनाई गई है। साथ ही, प्रवासी मतदाताओं को जोड़ने के लिए डिजिटल और परंपरागत माध्यमों से सूचना पहुंचाई जा रही है।
शहरी इलाकों में विशेष शिविर
बड़े पैमाने पर शहरी मतदाताओं को सूची में शामिल करने के लिए सभी 261 स्थानीय निकायों के 5,683 वार्डों में विशेष शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों में बीएलओ मतदाता फॉर्म भरवा रहे हैं और आवश्यक दस्तावेजों का सत्यापन कर रहे हैं। यह प्रयास सुनिश्चित करता है कि किसी भी नागरिक का नाम मतदाता सूची से वंचित न रह जाए।
एक अगस्त के बाद भी मौका
चुनाव आयोग की प्रक्रिया की सबसे अच्छी बात यह है कि 1 अगस्त को प्रारूप सूची प्रकाशित होने के बाद भी आम जनता को उसमें सुधार कराने का अवसर मिलेगा। 30 अगस्त तक दावे और आपत्तियां दर्ज की जा सकेंगी, जिससे छूटे हुए नाम जोड़े जा सकते हैं, गलत नाम हटाए जा सकते हैं और अन्य त्रुटियां सुधारी जा सकती हैं।
पटना में सबसे बड़ा कार्यभार
पटना जिले में अब केवल छह लाख मतदाताओं का सत्यापन बाकी है। जिले में 44 लाख से अधिक मतदाताओं का काम पूरा किया जा चुका है। पटना के दीघा विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक सत्यापन होना बाकी है, जबकि बाढ़ विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक सत्यापन का कार्य पहले ही सम्पन्न हो चुका है।
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