क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
सरकारी वेतन निर्धारण प्रणाली में फिटमेंट फैक्टर एक अहम भूमिका निभाता है। यह बेसिक सैलरी को एक विशेष गुणांक (मल्टीप्लायर) से गुणा कर नया वेतन तय करने की प्रक्रिया है। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 रखा गया था। इस बार 8वें वेतन आयोग में मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 1.92, 2.28 और 2.86 में से किसी एक फिटमेंट फैक्टर को अपनाया जा सकता है।
अगर आपकी सैलरी है ₹70,000 तो कितना बढ़ सकता है वेतन?
मान लीजिए किसी कर्मचारी की मौजूदा मासिक सैलरी ₹70,000 है। ऐसे में विभिन्न संभावित फिटमेंट फैक्टर के अनुसार उनका संशोधित वेतन इस प्रकार हो सकता है:
1.92 फिटमेंट फैक्टर पर: ₹70,000 × 1.92 = ₹1,34,400
2.28 फिटमेंट फैक्टर पर: ₹70,000 × 2.28 = ₹1,59,600
2.86 फिटमेंट फैक्टर पर: ₹70,000 × 2.86 = ₹2,00,200
यानी अगर सरकार सबसे अधिक सुझाए गए फिटमेंट फैक्टर 2.86 को लागू करती है, तो कर्मचारियों की सैलरी लगभग दोगुनी से अधिक हो सकती है।
क्या होगा नेट वेतन पर असर?
हालांकि यह बढ़ोतरी ग्रॉस वेतन को दर्शाती है, लेकिन नेट वेतन (हाथ में आने वाली राशि) टैक्स कटौती, PF योगदान और अन्य भत्तों पर निर्भर करेगा। फिर भी, ग्रॉस वेतन में इतने बड़े इजाफे के बाद कर्मचारियों के हाथ में आने वाली रकम में भी अच्छा-खासा इजाफा तय है।
0 comments:
Post a Comment