भारत ने बनाई 8-MAC वाली मिसाइल, S-500 भी बेअसर!

नई दिल्ली। भारत की रक्षा क्षमताओं में एक ऐतिहासिक छलांग लगाते हुए, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अपनी अब तक की सबसे उन्नत हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस अत्याधुनिक मिसाइल को ET-LDHCM नाम दिया गया है, और यह 'प्रोजेक्ट विष्णु' के तहत विकसित की गई है। इसकी विशेषताएं इसे न केवल भारत, बल्कि विश्व स्तर पर सबसे घातक मिसाइल प्रणालियों में शामिल कर देती हैं।

मैक-8 की गति: ध्वनि से आठ गुना तेज

ET-LDHCM मिसाइल की सबसे बड़ी ताकत इसकी अविश्वसनीय गति है – मच 8। इसका मतलब है कि यह मिसाइल ध्वनि की गति से आठ गुना तेज यानी लगभग 9,800 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकती है। इसकी तुलना अगर ब्रह्मोस से करें, जो मच 3 तक सीमित है, तो यह तकनीक तीन गुना तेज और कहीं अधिक घातक है।

1,500 किलोमीटर की रेंज और दिशा बदलने की क्षमता

इस हाइपरसोनिक मिसाइल की रेंज 1,500 किलोमीटर तक है। खास बात यह है कि यह मिसाइल अपने मार्ग में मनोवर्स यानी दिशा परिवर्तन कर सकती है, जिससे इसे रोकना अत्यंत कठिन हो जाता है। यह इसे अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणालियों जैसे S-500 या आयरन डोम के लिए भी चुनौतीपूर्ण बनाता है।

स्क्रैमजेट इंजन से लैस हैं ये घातक मिसाइल: तकनीक में क्रांति

ET-LDHCM मिसाइल में इस्तेमाल हुआ स्क्रैमजेट इंजन इसे पारंपरिक मिसाइलों से बिल्कुल अलग बनाता है। यह इंजन वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन का उपयोग करता है, जिससे ईंधन की खपत कम होती है और मिसाइल की गति में स्थिरता आती है। यह तकनीक अब तक केवल कुछ गिने-चुने देशों – अमेरिका, रूस और चीन – के पास थी।

विविध लॉन्च प्लेटफॉर्म और बहुउद्देशीय उपयोग बनाता हैं गेम चेंजर

ET-LDHCM की एक और बड़ी खासियत है कि इसे जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च किया जा सकता है। इसका मतलब है कि यह मिसाइल दुश्मन के कमांड पोस्ट, वायु रक्षा सिस्टम, नौसेना के जहाज और गहरे बंकर जैसे ठिकानों पर सटीक हमला कर सकती है। यह इसे एक स्ट्रेटेजिक गेम-चेंजर बनाता है।

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