मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित विशेष कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई। इस बैठक में सिर्फ बिजली से जुड़े इसी एक एजेंडे को प्रस्तुत किया गया और उसी पर निर्णय लिया गया, जो राज्य के ऊर्जा इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में कुल 1.86 करोड़ घरेलू विद्युत उपभोक्ता हैं, जिनमें से 1.67 करोड़ उपभोक्ता ऐसे हैं जिनकी मासिक बिजली खपत 125 यूनिट या उससे कम है। अब ये उपभोक्ता हर महीने शून्य बिजली बिल का लाभ उठा सकेंगे। हालांकि जिन उपभोक्ताओं की मासिक खपत 125 यूनिट से अधिक है, उन्हें निर्धारित टैरिफ के अनुसार बिल देना होगा।
वित्तीय भार और राज्य की जिम्मेदारी
इस योजना को लागू करने के लिए राज्य सरकार पर वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल 19,792 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ेगा। इसमें से योजना के विस्तार के लिए 3,797 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह खर्च राज्य सरकार स्वयं वहन करेगी ताकि आम जनता को राहत मिल सके।
नवीकरणीय ऊर्जा को भी मिलेगा बढ़ावा
मुफ्त बिजली योजना के साथ-साथ राज्य सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को न्यूनतम 1.1 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने का भी निर्णय लिया है। कुटीर ज्योति उपभोक्ताओं को इसके लिए पूर्ण वित्तीय सहायता दी जाएगी, जबकि अन्य उपभोक्ताओं को भी अनुदान का लाभ मिलेगा।
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