पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनज़र राज्य चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत राजधानी पटना समेत पूरे राज्य में घर-घर जाकर वोटर डाटा का सत्यापन और सुधार किया जा रहा है। इस महत्त्वपूर्ण कार्य में पटना जिले के लगभग 3,000 शिक्षकों को बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के रूप में नियुक्त किया गया है, जो मतदाता पुनरीक्षण का काम करेंगे।
बता दें की इस बीच इन शिक्षकों को बड़ी राहत दी गई है। अब उन्हें मतदाता पुनरीक्षण कार्य के दौरान स्कूल जाकर हाजिरी बनाने की आवश्यकता नहीं होगी। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी पूनम कुमारी के अनुसार, बीएलओ के रूप में कार्यरत शिक्षक "ई-शिक्षा कोष" ऐप के माध्यम से खुद को ‘मार्क ऑन ड्यूटी’ दिखाकर उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे। यह व्यवस्था ना केवल शिक्षकों के कार्य को सुविधाजनक बनाएगी, बल्कि पुनरीक्षण अभियान को भी अधिक प्रभावी और व्यवस्थित बनाएगी।
गणना फॉर्म भरना अनिवार्य
पटना जिले में 50.31 लाख मतदाताओं तक गणना फॉर्म पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रत्येक बीएलओ मतदाता के घर जाकर यह फॉर्म प्रदान करेगा। मतदाता को फॉर्म के साथ जरूरी प्रमाण पत्र संलग्न कर, उसमें दी गई जानकारी की पुष्टि करते हुए घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करना होगा। यह प्रक्रिया 26 जुलाई तक पूरी करनी होगी। अगर कोई मतदाता इस समय-सीमा के भीतर फॉर्म जमा नहीं करता है, तो उसका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा सकता है। ऐसे में यह प्रक्रिया अत्यंत संवेदनशील और महत्वपूर्ण है।
व्यापक तैयारियां और जनजागरूकता अभियान
पटना जिले के सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 4906 मतदान केंद्र और 2944 पोलिंग स्टेशन हैं। इन पर निगरानी के लिए 4906 बीएलओ और 527 बीएलओ सुपरवाइज़र नियुक्त किए गए हैं। पटना के जिलाधिकारी त्यागराजन एसएम ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न सामाजिक और शैक्षणिक संस्थाओं के साथ बैठकें की हैं।
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