कृषि फीडर से जुड़ेंगे नए नलकूप कनेक्शन
पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने इस संबंध में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्यभर में जहां भी नलकूप कनेक्शन दिए जा रहे हैं, वे कृषि फीडर से जुड़े हों। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को लागू करने में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक के दौरान यह भी तय किया गया कि पूर्व में दिए गए नलकूप कनेक्शनों की जांच की जाएगी कि वे कृषि फीडर से जुड़े हैं या नहीं।
क्यों ज़रूरी है कृषि फीडर से कनेक्शन?
कृषि फीडर विशेष रूप से किसानों के लिए बनाए गए बिजली वितरण नेटवर्क होते हैं, जो खेती के कार्यों में बिजली की आपूर्ति को प्राथमिकता देते हैं। इससे दो मुख्य लाभ होते हैं:
सिचाईं के लिए पर्याप्त बिजली मिलती है – कृषि फीडर से जुड़े कनेक्शन पर बिजली की उपलब्धता अपेक्षाकृत अधिक रहती है।
अन्य उपभोक्ताओं पर भार नहीं पड़ता – घरेलू और औद्योगिक उपयोगकर्ताओं की बिजली आपूर्ति पर असर नहीं पड़ता।
बिजली व्यवस्था सुधारने की सख्त हिदायत
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि बिजली ढांचे को सुदृढ़ बनाने के लिए चल रहे कार्यों की नियमित समीक्षा होनी चाहिए। अध्यक्ष ने अधिकारियों से कहा कि कार्यों का आकलन मुख्यालय स्तर पर किया जाए और छोटी-छोटी सामग्रियों की भी गुणवत्ता व कीमतों की जांच हो। ट्रांसफार्मरों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने का निर्देश भी दिया गया है, ताकि खेतों तक बिजली पहुंचाने की व्यवस्था बाधित न हो।
उपभोक्ताओं के लिए बिल सुधार महाभियान
इसके साथ ही, बिजली उपभोक्ताओं के लिए सरकार ने एक बिल सुधार महाभियान चलाया है, जो शनिवार तक चलेगा। इस अभियान के तहत उपभोक्ता अपने बिजली बिलों में सुधार करवा सकते हैं। साथ ही, नए कनेक्शन, लोड वृद्धि, खराब मीटर, बिल संशोधन और विधा परिवर्तन जैसी समस्याओं का समाधान भी किया जा रहा है।
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