यूपी में पंचायत चुनाव से पहले गांवों में होगा ये काम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार पंचायत चुनाव से पहले न केवल राजनीतिक प्रक्रिया को सुदृढ़ करने की दिशा में काम कर रही है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और ग्रामीण विकास को लेकर भी गंभीर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में "ग्रीन चौपाल" की शुरुआत की जा रही है, जिसका उद्देश्य ग्राम पंचायत स्तर पर पर्यावरण संरक्षण को जनांदोलन बनाना है।

क्या है ग्रीन चौपाल?

ग्रीन चौपाल एक मासिक बैठक होगी जो प्रत्येक ग्राम पंचायत में हर माह के तीसरे शुक्रवार को आयोजित की जाएगी। यदि उस दिन कोई राजकीय अवकाश हो, तो यह चौपाल अगले दिन अनिवार्य रूप से आयोजित की जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण से जुड़ी सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना और ग्राम स्तर पर लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए हरियाली बढ़ाना है।

सामूहिक भागीदारी से होगा पर्यावरणीय परिवर्तन

ग्रीन चौपाल को पूरी तरह सामूहिक सहभागिता पर आधारित बनाया गया है। इसकी अध्यक्षता ग्राम प्रधान करेंगे और संचालन ग्राम पंचायत अधिकारी तथा संबंधित विभागों के अधिकारी मिलकर करेंगे। समिति में प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक, स्वयं सहायता समूह की महिला प्रतिनिधि, पर्यावरणविद, एनजीओ प्रतिनिधि, प्रगतिशील किसान, और स्थानीय नागरिकों को भी शामिल किया जाएगा।

मुख्य कार्य और जिम्मेदारियाँ

पर्यावरणीय योजनाओं का प्रचार: वन विभाग, स्वच्छ भारत मिशन, जल जीवन मिशन और मनरेगा जैसी योजनाओं की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाई जाएगी।

स्थानीय आयोजन: नुक्कड़ नाटक, रैलियां, गोष्ठियां जैसे कार्यक्रमों के जरिए पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी।

विद्यालयों में जागरूकता: शिक्षकों और विद्यार्थियों को पर्यावरणीय मुद्दों पर शिक्षित करने के लिए विशेष गतिविधियां चलाई जाएंगी।

पौधरोपण एवं रख-रखाव: ग्राम पंचायत की खाली जमीनों पर पौधारोपण का माइक्रोप्लान तैयार किया जाएगा और उसका क्रियान्वयन ग्रीन चौपाल की निगरानी में होगा।

हरित निधि की स्थापना: मानव-वन्यजीव संघर्ष को नियंत्रित करने तथा पर्यावरणीय कार्यों को आर्थिक सहायता देने के लिए "ग्राम हरित निधि" की स्थापना की जाएगी।

प्रशासनिक निगरानी और प्रोत्साहन

ग्रीन चौपाल के कार्यों की नियमित समीक्षा जिला वृक्षारोपण समिति द्वारा की जाएगी। मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में प्रत्येक महीने जिला पंचायत राज अधिकारी इन कार्यों का विवरण संकलित करेंगे। उत्कृष्ट कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को जिला व राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा, जिससे अन्य पंचायतें भी प्रेरित हों।

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