भारत ने की रूस-अमेरिका की बराबरी: चीन हैरान!

नई दिल्ली। भारत ने हाल ही में अपनी पहली लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया, जो 1500 किलोमीटर से अधिक की मारक क्षमता रखती है। इस सफलता के साथ भारत ने रूस और अमेरिका जैसे वैश्विक सैन्य महाशक्तियों के बराबरी का कदम बढ़ा दिया है, और इस उपलब्धि ने चीन को भी हैरानी में डाल दिया है।

हाइपरसोनिक मिसाइल क्या है?

हाइपरसोनिक मिसाइलें अत्यंत तेज गति से उड़ने वाली मिसाइलें होती हैं, जो आवाज़ की गति से पांच गुना या उससे भी अधिक तेजी से अपने लक्ष्य तक पहुंचती हैं। ये मिसाइलें पारंपरिक मिसाइलों से इसलिए अलग हैं क्योंकि ये उड़ान के दौरान दिशा बदल सकती हैं, जिससे इन्हें रोक पाना बेहद कठिन हो जाता है।

भारत की सैन्य ताकत में बड़ा कदम

भारत की नई हाइपरसोनिक मिसाइल तीनों सेनाओं — थल, जल और वायु — के लिए विभिन्न प्रकार के पेलोड ले जाने के लिए सक्षम है। इसकी 1500 किलोमीटर से अधिक की मारक क्षमता भारत को रणनीतिक तौर पर बेहद मजबूत बनाती है। यह मिसाइल भारत की रक्षा और हमले दोनों के लिहाज से ताकत को बढ़ाती है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन में बदलाव की उम्मीद है।

रूस-अमेरिका की बराबरी और चीन की चिंता

अब तक केवल चीन, रूस और अमेरिका के पास हाइपरसोनिक तकनीक थी, लेकिन भारत ने इसे हासिल कर वैश्विक सैन्य तकनीक में अपना अहम स्थान बना लिया है। चीन, जो इस क्षेत्र में भारत का मुख्य प्रतिद्वंद्वी है, के लिए यह चुनौती बड़ी चिंता का विषय है। भारत की यह सफलता न केवल उसकी सुरक्षा को बढ़ाएगी, बल्कि क्षेत्रीय राजनीतिक और सैन्य समीकरणों को भी प्रभावित करेगी।

हाइपरसोनिक तकनीक भविष्य की रणनीति और सुरक्षा

हाइपरसोनिक मिसाइलों की वजह से युद्ध के परिदृश्य बदल रहे हैं। तेज़ गति और सटीकता से लैस ये मिसाइलें दुश्मन की रक्षा प्रणालियों को छलने में सक्षम हैं। भारत की इस सफलता ने यह दिखा दिया है कि वह तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है और अपनी सैन्य ताकत को विश्व स्तर पर स्थापित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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