पहली बार 2021 के बाद भारत यात्रा पर पुतिन
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यह यात्रा 2021 के बाद पहली बार होगी जब वे भारत की धरती पर कदम रखेंगे। यह दौरा केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि इसमें गहरे राजनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक मंतव्य जुड़े हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, पिछला सम्मेलन मॉस्को में हुआ था और अब बारी दिल्ली की है। हालांकि तिथि अभी तय नहीं हुई है, पर दोनों पक्ष इसे 2025 के अंतिम महीनों में आयोजित करने की योजना बना रहे हैं।
चर्चा के संभावित प्रमुख मुद्दे
1. रक्षा सहयोग: भारत-रूस रक्षा साझेदारी दशकों पुरानी है। ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली और S-400 डिफेंस सिस्टम जैसे प्रोजेक्ट इस सहयोग के प्रतीक हैं। भारत अपने सैन्य आधुनिकीकरण में रूस की भूमिका को बनाए रखना चाहता है, खासकर तब जब पश्चिमी देश भारत को अमेरिकी और यूरोपीय रक्षा उद्योगों की ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं।
2. ऊर्जा सुरक्षा और व्यापार: रूस, भारत का एक प्रमुख ऊर्जा आपूर्तिकर्ता बन चुका है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ऊर्जा के मामले में किसी भी एकतरफा प्रतिबंधों को नहीं मानेगा, जैसा कि रोसनेफ्ट से संबंधित यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के मामले में हुआ। उर्वरक निर्यात में वृद्धि और पेट्रोलियम आपूर्ति जैसे मुद्दे इस वार्ता का अहम हिस्सा होंगे।
3. परमाणु ऊर्जा और आर्कटिक सहयोग: कुडनकुलम जैसे परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण में रूस की भागीदारी अहम रही है। अब भारत रूस के साथ मिलकर नई लोकेशनों पर परमाणु संयंत्र स्थापित करना चाहता है। वहीं, आर्कटिक क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों की संभावनाएं भारत को रूस के साथ और गहरे सहयोग के लिए प्रेरित कर रही हैं।
4. खाद्य और कृषि सहयोग: रूस ने हाल ही में भारत को उर्वरकों की आपूर्ति बढ़ाई है, जिसे भारत ने एक सकारात्मक कदम माना है। खाद्य सुरक्षा से जुड़े इस प्रकार के मुद्दे भारत की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं और दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को नया आयाम दे सकते हैं।
वैश्विक राजनीति में भारत की भूमिका
यूक्रेन युद्ध के बाद बदले वैश्विक संतुलन में भारत ने एक संतुलित कूटनीति अपनाई है। भारत न तो रूस के खिलाफ पश्चिमी दबाव में आया है और न ही यूक्रेन मुद्दे पर खुलकर किसी का पक्ष लिया है। यह शिखर सम्मेलन भारत की "रणनीतिक स्वायत्तता" की नीति को और पुष्ट करेगा। भारत यह संकेत देना चाहता है कि वह वैश्विक शक्ति संतुलन में अपनी स्वतंत्र भूमिका निभाने में सक्षम है।
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