बिहार में किसानों को 1 बड़ी खुशखबरी, सरकार दे रही 80 हजार अनुदान!

पटना। बिहार सरकार ने किसानों के लिए एक नई योजना की घोषणा की है, जिससे जिले में आम की खेती को बढ़ावा मिलेगा। एकीकृत बागवानी मिशन के तहत निजी भूमि पर आम के बगीचे लगाने के इच्छुक किसानों को पौधे मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएंगे और उनकी देखभाल के लिए वित्तीय मदद भी दी जाएगी।

इस वर्ष जिले में 10 हेक्टेयर भूमि पर आम का बगीचा लगाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के अनुसार कोई भी किसान न्यूनतम आठ कट्ठा से लेकर अधिकतम दो हेक्टेयर तक भूमि पर आम का बाग लगा सकता है। एक हेक्टेयर पर पौधरोपण का अनुमानित खर्च लगभग दो लाख रुपये है, जिसमें से सरकार 40 प्रतिशत यानी 80,000 रुपये का अनुदान प्रदान करेगी।

अनुदान दो किस्तों में दिया जाएगा। पहली किस्त में 60 प्रतिशत (48,000 रुपये) और दूसरी किस्त में शेष 40 प्रतिशत (32,000 रुपये) प्रदान की जाएगी। दूसरी किस्त तभी जारी की जाएगी जब बाग में लगाए गए कम से कम 80 प्रतिशत पौधे सुरक्षित पाए जाएंगे।

उद्यान विभाग की ओर से चयनित किसानों को पांच उन्नत किस्मों के पौधे—मालदह, बम्बइया, गुलाब खास, आम्रपाली और मल्लिका—उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक हेक्टेयर में 400 पौधों का रोपण किया जाएगा। सरकारी दरों के अनुसार पौधों की लागत पहली किस्त से काट ली जाएगी, और शेष राशि किसानों के खाते में भेजी जाएगी ताकि वे सिंचाई, खाद, सुरक्षा जाल और अन्य देखभाल संबंधी खर्च उठा सकें।

इस योजना में महिला किसानों को विशेष प्राथमिकता दी गई है। कुल लक्ष्य का 30 प्रतिशत हिस्सा महिला कृषकों के लिए आरक्षित रखा गया है, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ-साथ फलोत्पादन के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।

योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को उद्यान विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ एलपीसी या जमीन की रसीद, पहचान पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो और बैंक पासबुक की प्रति अपलोड करना अनिवार्य है।

जिला कृषि पदाधिकारी त्रिपुरारी शर्मा ने कहा कि चौथे कृषि रोड मैप के तहत जिले में फलोत्पादन को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने किसानों से अपील की कि इच्छुक किसान आवश्यक दस्तावेजों के साथ समय पर ऑनलाइन आवेदन जरूर करें। इस पहल के माध्यम से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि उन्हें दीर्घकालिक आय का स्थायी स्रोत भी मिलेगा।

0 comments:

Post a Comment