कर्मचारी संगठनों और पेंशनभोगियों के बीच सबसे बड़ा सवाल यही था कि क्या पेंशन को आयोग के दायरे में शामिल किया गया है। इस पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में बयान देते हुए कहा कि 8वें वेतन आयोग का अधिकार क्षेत्र बहुत व्यापक है। इसका मतलब है कि आयोग अपनी रिपोर्ट में रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन बढ़ाने और इसे वर्तमान महंगाई दर के अनुसार समायोजित करने के सुझाव देगा।
महंगाई भत्ते (DA) को लेकर सरकार का रुख
जहां पेंशन में राहत मिली है, वहीं महंगाई भत्ते (DA) को बेसिक सैलरी में मर्ज करने के मुद्दे पर सरकार ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। कर्मचारी लंबे समय से यह मांग कर रहे थे कि जब DA 50% के पार चले, तो इसे बेसिक पे में शामिल किया जाए। लेकिन वित्त राज्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस प्रस्ताव पर अभी कोई विचार नहीं किया गया है। यानी, सैलरी की गणना का वर्तमान फॉर्मूला अभी भी लागू रहेगा।
आठवें वेतन आयोग का कार्य प्रारंभ
सरकार ने यह भी पुष्टि की है कि 8वें वेतन आयोग का गठन 3 नवंबर 2025 से आधिकारिक रूप से शुरू हो गया है। आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति पूरी हो चुकी है, और उन्हें उनके कार्यकाल और शर्तों की जानकारी दे दी गई है।
आगामी महीनों में यह आयोग मौजूदा आर्थिक स्थिति, महंगाई दर और सरकारी वित्तीय स्थिति का अध्ययन करेगा। इसके आधार पर वेतन संरचना, भत्ते और पेंशन प्रणाली में बदलाव के प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे। यह कदम निश्चित रूप से केंद्रीय कर्मचारियों और रिटायर्ड कर्मियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। आने वाले समय में सरकारी कर्मचारियों के लिए आर्थिक सुधार और बेहतर पेंशन व्यवस्था की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

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