बिहार के सभी सरकारी स्कूलों में नई व्यवस्था लागू

पटना। बिहार सरकार अब अपने सरकारी विद्यालयों को तकनीक से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठा चुकी है। राज्य के सभी प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों में ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की नई व्यवस्था लागू की जा रही है। यह व्यवस्था न केवल आधुनिक शिक्षा पद्धति की ओर एक महत्वपूर्ण बढ़त है, बल्कि स्कूलों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित हो सकती है।

टैबलेट के माध्यम से उपस्थिति का डिजिटलीकरण

शिक्षा विभाग ने हर सरकारी स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर दो से तीन टैबलेट उपलब्ध कराए हैं। इन टैबलेट्स में ई-शिक्षाकोष समेत सभी आवश्यक शैक्षणिक ऐप पहले से इंस्टॉल हैं, जिनमें किसी प्रकार की छेड़छाड़ संभव नहीं होगी। एक टैबलेट का उपयोग बच्चों की उपस्थिति और मिड-डे मील से संबंधित गतिविधियों के लिए किया जाएगा, जबकि दूसरे टैबलेट से शिक्षक अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे।

शिक्षकों को मिल रहा विशेष प्रशिक्षण

नई प्रणाली को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए प्रधानाध्यापक सहित तकनीक में रुचि रखने वाले शिक्षकों को जूम मीटिंग के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में उन्हें फोटो अपलोड करने, उपस्थिति दर्ज करने, विभिन्न रिपोर्ट तैयार करने तथा ऐप संचालन की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद विद्यालय स्तर पर डिजिटल उपस्थिति प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू किया जाएगा।

हर वर्ग की उपस्थिति का प्रमाण

इस व्यवस्था की सबसे विशेष पहल यह है कि हर क्लास टीचर को प्रतिदिन अपने वर्ग के छात्रों का एक सामूहिक फोटो खींचकर पोर्टल पर अपलोड करना होगा। फोटो इस तरह लेना अनिवार्य होगा कि सभी छात्रों के चेहरे स्पष्ट दिखें और उनकी उपस्थिति का सही-सही रिकॉर्ड बनाया जा सके।

मिड-डे मील में पारदर्शिता

अधिकारियों के अनुसार यह प्रणाली मिड-डे मील में होने वाली गड़बड़ियों और फर्जीवाड़े पर प्रभावी रोक लगाने में मदद करेगी। अब प्रतिदिन मिड-डे मील पाने वाले बच्चों की वास्तविक संख्या डिजिटल फोटो के माध्यम से प्रमाणित होगी, जिससे गलत रिपोर्टिंग पर पूरी तरह रोक लग सकेगी।

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