पात्रता और कार्य
करियर काउंसलर बनने के लिए आवेदक के पास एमए मनोविज्ञान और करियर काउंसलिंग में डिप्लोमा होना आवश्यक है। इन काउंसलरों का मुख्य कार्य राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों के छात्रों को मार्गदर्शन देना होगा। वे न केवल करियर विकल्पों की जानकारी देंगे, बल्कि छात्रों को मनोवैज्ञानिक समस्याओं और तनाव से निपटने के लिए भी सहायता प्रदान करेंगे। इसके साथ ही शिक्षक प्रशिक्षण, स्कूल निरीक्षण और करियर योजना बनाने में मदद करना भी इनकी जिम्मेदारी होगी।
छात्रों के लिए विशेष सत्र
प्रत्येक ब्लॉक में सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों को सूचीबद्ध कर साप्ताहिक विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों में छात्र करियर विकल्पों, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को भी बुलाया जाएगा ताकि छात्रों को सही और व्यावहारिक मार्गदर्शन मिल सके।
जीवनशैली और दिनचर्या का मार्गदर्शन
करियर काउंसलर केवल करियर विकल्पों तक सीमित नहीं रहेंगे। वे छात्रों को तनाव प्रबंधन, योग, खेल, संगीत और अन्य रचनात्मक गतिविधियों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के तरीके भी बताएंगे। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्र स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन बनाए रखते हुए करियर की तैयारी कर सकें।
छात्रों के लिए यह पहल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पढ़ाई और करियर की दौड़ में अक्सर युवा तनाव और दबाव में आ जाते हैं। कई बार सही मार्गदर्शन न मिलने के कारण वे गलत निर्णय भी ले लेते हैं। इन काउंसलरों की नियुक्ति से यह कमी पूरी होगी और छात्र सही समय पर सही निर्णय ले पाएंगे।
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