गरीबों के लिए रोज़गार की गारंटी
इस अभियान के तहत चिन्हित गरीब परिवारों के मुखिया को गारंटीड स्किलिंग प्रोग्राम से जोड़ा जाएगा। इसका मतलब यह है कि उन्हें न केवल प्रशिक्षण दिया जाएगा, बल्कि प्रशिक्षण के बाद रोज़गार की गारंटी भी सरकार द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। पहले चरण में 300 निर्धन परिवारों को शामिल किया गया है, और बाद में यह योजना पूरे प्रदेश में विस्तार पायेगी।
किस तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी?
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार, यह प्रशिक्षण पूरी तरह से 360 डिग्री मॉडल पर आधारित होगा, जिससे प्रतिभागी बहुआयामी स्किल्स में दक्ष हो सकें। प्रशिक्षण के मुख्य क्षेत्र होंगे: कार्यालय का रखरखाव, शौचालय की सफाई, गेस्ट अटेंडेंट, हाउसकीपिंग, हॉस्पिटैलिटी (आतिथ्य), भाषा कौशल (विशेषकर कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए), व्यवहार और कार्यस्थल का नैतिक प्रशिक्षण।
देश और विदेश की शीर्ष कंपनियों में नौकरी
सरकार का दावा है कि यह पहली बार है जब किसी राज्य सरकार ने सीधे गरीब तबके के लिए ऐसी योजना चलाई है, जिसमें प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी की व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद जिन कंपनियों में नौकरी दिलाई जाएगी, उनमें शामिल हैं: होटल ताज, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), एल एंड टी लिमिटेड, मेदांता, अदाणी ग्रुप। इन संस्थानों में काम करने का अवसर न केवल आर्थिक बदलाव लाएगा, बल्कि सामाजिक रूप से भी इन परिवारों को एक नया मुकाम देगा।
क्या मिलेगी वेतन और जीवन स्तर में क्या सुधार?
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रशिक्षण पूरा करने वाले हर व्यक्ति को कम से कम ₹18,400 मासिक वेतन दिया जाए। इससे वे न केवल अपने परिवार की बुनियादी जरूरतें पूरी कर सकेंगे, बल्कि एक सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे। दरअसल "जीरो पावर्टी अभियान" केवल एक आर्थिक योजना नहीं है, बल्कि यह सामाजिक बदलाव की नींव है। इसका उद्देश्य है कि समाज के सबसे कमजोर वर्ग को वह अवसर मिले जो अब तक केवल सीमित वर्ग तक सीमित थे।
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