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सैनिक स्कूल में प्रवेश के लिए 13 तक करें आवेदन

नई दिल्ली: ऑल इंडिया सैनिक स्कूल (AISSEE) में सत्र 2025-26 के लिए छठी और नौवीं कक्षा में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इच्छुक उम्मीदवार 13 जनवरी 2025 तक एनटीए की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

नए सैनिक स्कूलों में छठी कक्षा में प्रवेश AISSEE 2025 के माध्यम से होगा। परीक्षा के लिए आवेदन करते समय उम्मीदवारों को परीक्षा की योग्यताएं, पात्रता, परीक्षा पैटर्न और अन्य विवरणों को अच्छी तरह से पढ़ लेना चाहिए। ताकि बाद में कोई परेशानी न हो।

पात्रता मानदंड:

छठी कक्षा के लिए: उम्मीदवार की उम्र 31 मार्च 2025 तक 10 से 12 वर्ष के बीच होनी चाहिए। लड़कियों के लिए केवल छठी कक्षा में नामांकन का अवसर दिया जाएगा।

नौवीं कक्षा के लिए: उम्मीदवार की उम्र 31 मार्च 2025 तक 13 से 15 वर्ष के बीच होनी चाहिए। लड़कियों के लिए भी नौवीं कक्षा में प्रवेश के लिए आवेदन करने का अवसर उपलब्ध है, लेकिन यह रिक्तियों के आधार पर होगा। उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त स्कूल से 8वीं कक्षा पास होना चाहिए, यदि वे नौवीं कक्षा में आवेदन कर रहे हैं।

आवेदन शुल्क: एससी-एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 650 रुपये है। अन्य सभी वर्गों के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 800 रुपये है।

आवेदन प्रक्रिया: अधिक जानकारी और आवेदन प्रक्रिया के लिए उम्मीदवार एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट https://exams.nta.ac.in/AISSEE/ पर जा सकते हैं। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे सभी पात्रता और परीक्षा से संबंधित जानकारी को अच्छे से पढ़ें और आवेदन से पहले किसी भी प्रकार की गलती से बचने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज़ सही ढंग से अपलोड करें।

पुरुषों के लिए वरदान है जादुई नट्स, बढ़ाता है वीर्य!

हेल्थ डेस्क: चिलगोजा (Pine nuts) एक पौष्टिक नट्स है, जो पुरुषों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। इसे खासकर ताकत और यौन स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। चिलगोजा में जिंक पाया जाता है, जो पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन को बूस्ट करने में सहायक होता है।

पुरुषों के लिए वरदान है जादुई नट्स, बढ़ाता है वीर्य!

1 .वीर्य वृद्धि में मददगार: चिलगोजा नट्स में जिंक, मैग्नीशियम और विटामिन E जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य को समर्थन देते हैं। यह वीर्य की गुणवत्ता और संख्या को बढ़ाने में मदद करता है।

2 .हॉर्मोन संतुलन: चिलगोजा नट्स में पाए जाने वाले फैटी एसिड्स और विटामिन E पुरुषों के हॉर्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं, जिससे यौन स्वास्थ्य में सुधार होता है।

3 .स्फूर्ति और ऊर्जा का स्रोत: यह नट्स शरीर में ऊर्जा का संचार करते हैं, जिससे पुरुषों में शारीरिक थकान कम होती है और वे लंबे समय तक शारीरिक गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं।

4 .यौन ड्राइव को बढ़ावा: चिलगोजा में आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाते हैं, जिससे यौन उत्तेजना और यौन ड्राइव में वृद्धि होती है।

5 .मस्तिष्क की क्षमता में सुधार: इसमें पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। यह मानसिक सतर्कता और ध्यान केंद्रित करने में मदद करते हैं।

6 .हृदय स्वास्थ्य: चिलगोजा नट्स में एंटीऑक्सीडेंट्स और स्वस्थ फैट्स होते हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखते हैं और रक्त संचार को सुधारते हैं, जिससे यौन स्वास्थ्य को भी बढ़ावा मिलता है।

7 .प्राकृतिक एंटी-एजिंग गुण: यह नट्स त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करता है और पुरुषों में अधिक आत्मविश्वास पैदा करता है।

बिहार में अब आधार से लिंक होगी सभी जमाबंदी

पटना: बिहार सरकार ने रैयतदारों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। अब राज्य में सभी जमाबंदियों (खातों) को आधार कार्ड और मोबाइल नंबर से लिंक करना अनिवार्य होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पहल को राज्य में भूमि रिकॉर्ड और संपत्ति के दस्तावेजों के डिजिटलकरण और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। इस फैसले से रैयतदारों के लिए कई फायदे होंगे और भविष्य में होने वाली किसी भी तरह की परेशानियों से बचा जा सकेगा।

आधार से लिंक करने का उद्देश्य

रैयतदारों के जमाबंदी को आधार और मोबाइल नंबर से लिंक करने का मुख्य उद्देश्य भूमि विवादों को सुलझाना, कागजातों में पारदर्शिता लाना है। इस प्रक्रिया के जरिए, भूमि से संबंधित सभी दस्तावेजों की सत्यता को प्रमाणित किया जाएगा और आधार से लिंकिंग के बाद यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोई भी धोखाधड़ी नहीं हो रही है। 

लाभ

पारदर्शिता और धोखाधड़ी से सुरक्षा: आधार और मोबाइल से लिंक होने पर जमाबंदी के दस्तावेजों की प्रमाणिकता सुनिश्चित होगी, जिससे भूमि से संबंधित किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी रोकी जा सकेगी।

सरकारी योजनाओं का लाभ: रैयतदारों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उनके बैंक खाते में मिल सकेगा। आधार लिंकिंग के बाद यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि योजना का लाभ सही पात्र व्यक्ति तक पहुंचे।

भूमि विवादों की सुलझन: इस प्रक्रिया से भूमि विवादों में पारदर्शिता आएगी और संबंधित व्यक्ति को उसके भूमि अधिकार की सही जानकारी मिल सकेगी।

नौकरशाही में सुधार: आधार लिंकिंग से विभागीय स्तर पर सभी दस्तावेजों की ट्रैकिंग सरल हो जाएगी, जिससे सरकारी कामकाज में तेजी आएगी।

दुनिया की 8 सबसे शक्तिशाली मिसाइलें, नई लिस्ट!

न्यूज डेस्क: मिसाइल एक प्रकार की निर्देशित हथियार प्रणाली है, जिसे किसी विशेष लक्ष्य पर हमला करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। यह एक रॉकेट की तरह होती है, जिसे नियंत्रित तरीके से लांच किया जाता है और जो अपनी गति, दिशा और ऊंचाई को नियंत्रित करके तय लक्ष्य तक पहुँचती है। 

1 .RS-28 सरमत मिसाइल (रूस): यह मिसाइल रूसी सेना द्वारा विकसित की गई है और यह कई परमाणु वारहेड्स ले जाने की क्षमता रखती है। इसे "शैतान 2" के नाम से भी जाना जाता है, और यह दुश्मन के डिफेंस को भेदने में सक्षम है।

गति: मैक 20 (24,500 किमी/घंटा या 15,220 मील प्रति घंटे)

रेंज: 18,000 किमी (11,185 मील)

2 .DF-41 मिसाइल (चीन): DF-41 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। यह कई स्वतंत्र रूप से लक्षित करने योग्य पुनः प्रवेश वाहनों (MIRV) से लैस है, जिससे यह बहुत शक्तिशाली और सटीक बनती है।

गति: मैक 25 (30,625 किमी/घंटा या 19,030 मील प्रति घंटे)

रेंज: 15,000 किमी (9,320 मील)

3 .UGM-133 ट्राइडेंट II मिसाइल (USA): यह पनडुब्बी से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) है, जो अमेरिका और यूके की पनडुब्बियों पर तैनात है। यह अपनी अत्यधिक गति और लंबी रेंज के लिए प्रसिद्ध है।

गति: मैक 24 (29,400 किमी/घंटा या 18,270 मील प्रति घंटे)

रेंज: 12,000 किमी (7,456 मील)

4 .LGM-30 मिनटमैन III मिसाइल (USA): यह एक अमेरिकी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है जो अत्यधिक सटीकता के साथ परमाणु हथियार पहुंचाने में सक्षम है।

गति: मैक 23 (28,300 किमी/घंटा या 17,600 मील प्रति घंटे)

रेंज: 13,000 किमी (8,080 मील)

5 .ह्वासोंग-15 मिसाइल (उत्तर कोरिया): ह्वासोंग-15 एक शक्तिशाली ICBM है जो पूरी तरह से अमेरिका पर परमाणु हमला करने में सक्षम है। यह उत्तर कोरिया की सबसे लंबी रेंज वाली मिसाइल है।

गति: मैक 22 (27,000 किमी/घंटा या 16,777 मील प्रति घंटे)

रेंज: 13,000 किमी (8,080 मील)

6 .अवनगार्ड मिसाइल (रूस): यह एक हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन है जो पारंपरिक और परमाणु पेलोड दोनों को ले जाने में सक्षम है। यह वर्तमान मिसाइल रक्षा प्रणालियों को चकमा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

गति: मैक 20 (24,500 किमी/घंटा या 15,220 मील प्रति घंटे)

रेंज: 6,000 किमी (3,728 मील)

7 ."एम 51 (फ्रांस)": यह एक पनडुब्बी से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) है। यह मिसाइल फ्रांस की "ले ट्रायाम्फेंट (Le Triomphant)" और "ले तरे" (Le Téméraire) जैसी परमाणु पनडुब्बियों से लॉन्च की जाती है।

गति: मैक 25 (लगभग 30,625 किमी/घंटा या 19,030 मील प्रति घंटे) तक पहुंच सकती है।

रेंज: 8,000 किलोमीटर (4,970 मील) 

8 .अग्नि-V (India): यह एक पृथ्वी-आधारित, बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है। यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और इसकी रेंज पूरी तरह से अंतरमहाद्वीपीय है।

रेंज : 5,000 किलोमीटर से ज्यादा

गति: मैक 24 (29,400 किमी/घंटा या 18,270 मील प्रति घंटे)

यूपी में 1 जनवरी से बदलेंगे ये 10 बड़े नियम

लखनऊ: यूपी समेत देशभर में 1 जनवरी 2025 से कई नियम में बदलाब होंगे। इसको लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिया गया हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 1 जनवरी 2025 से कई ऐसे नियम लागू होंगे, जिनका सीधा असर आपकी रोजमर्रा की जिंदगी और फाइनेंशियल प्लानिंग पर पड़ेगा

1 जनवरी से बदलेंगे ये 10 बड़े नियम:

कारों की कीमतों में बढ़ोतरी: प्रमुख ऑटो कंपनियां जैसे मारुति सुजुकी, हुंडई, महिंद्रा, और बीएमडब्ल्यू 1 जनवरी से अपनी गाड़ियों की कीमतों में 3% तक की बढ़ोतरी करने वाली हैं। कार खरीदने वालों को अब ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है।

फिक्स्ड डिपॉजिट के नए नियम: RBI ने NBFCs और HFCs के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट से जुड़े नए नियम लागू किए हैं। यह नियम 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होंगे और डिपॉजिट की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।

अमेरिकी वीजा नियमों में बदलाव: अमेरिकी दूतावास 1 जनवरी 2025 से नॉन-इमिग्रेंट वीजा के लिए एक बार अपॉइंटमेंट री-शेड्यूल करने की सुविधा देगा। इसके बाद री-शेड्यूल करने पर शुल्क लिया जाएगा।

LPG सिलेंडर की कीमतों में बदलाव: 1 जनवरी 2025 को एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बदलाव हो सकता है। हालांकि घरेलू सिलेंडर की कीमत स्थिर रहने की संभावना है, जबकि कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है।

पेंशन निकासी के नियमों में सुधार: EPFO ने पेंशनभोगियों के लिए निकासी नियमों में सुधार किए हैं। अब पेंशनभोगी किसी भी बैंक से अपनी पेंशन निकाल सकते हैं, और इसके लिए अतिरिक्त सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी।

राशन कार्ड के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य: सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है। 31 दिसंबर 2024 तक ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी न करने वाले राशन कार्ड 1 जनवरी 2025 से रद्द कर दिए जाएंगे।

EPFO के सदस्यों के लिए ATM कार्ड सुविधा: EPFO के तहत रजिस्टर्ड कर्मचारियों के लिए एटीएम कार्ड की सुविधा शुरू की जाएगी। इससे कर्मचारी आसानी से अपने पीएफ अकाउंट से पैसे निकाल सकेंगे।

फीचर फोन यूजर्स के लिए UPI लिमिट में वृद्धि: UPI 123Pay सेवा के तहत फीचर फोन यूजर्स अब 10,000 रुपये तक का भुगतान कर सकेंगे, जबकि पहले यह सीमा 5,000 रुपये थी।

सेंसेक्स और बैंकिंग डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की नई तारीखें: बीएसई ने 1 जनवरी 2025 से सेंसेक्स और बैंकेक्स के साप्ताहिक डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की समाप्ति तिथि बदल दी है। अब ये हर मंगलवार को समाप्त होंगे, जो पहले शुक्रवार को होते थे।

दुनिया के 10 सबसे खतरनाक कमांडो, 2 भारत से!

नई दिल्ली: दुनिया में कई देशों के पास सबसे खतरनाक और उच्च प्रशिक्षित स्पेशल फोर्सेज  हैं। ये स्पेशल फोर्सेज दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी अभियानों, और गुप्त ऑपरेशन्स में प्रमुख भूमिका निभाती हैं।

दुनिया के 10 सबसे खतरनाक कमांडो, 2 भारत से!

1 .यूएस नेवी सील्स (अमेरिका) - यह दुनिया की सबसे खतरनाक और प्रभावशाली स्पेशल फोर्स मानी जाती है। इनकी स्थापना 1962 में हुई थी और इनका प्रमुख कार्य पानी, जमीन और हवा में ऑपरेशन करना है। इनके द्वारा ओसामा बिन लादेन को मारने का ऑपरेशन प्रसिद्ध है।

2 .ब्रिटिश स्पेशल एयर सर्विस (SAS) - यूके - SAS की स्थापना 1942 में हुई थी। यह यूनाइटेड किंगडम की सबसे पुरानी और प्रभावशाली स्पेशल फोर्स है, जो जासूसी, आतंकवाद विरोधी अभियानों और उच्च स्तरीय सैन्य अभियानों में माहिर है।

3 .मार्कोस - भारत - भारत की मरीन कमांडो फोर्स, जिसे 1985 में स्थापित किया गया, समुद्र, ज़मीन और हवा में विशेष ऑपरेशन्स को अंजाम देती है।

4 .रूसी अल्फा ग्रुप - रूस - यह रूस की अत्यधिक प्रशिक्षित स्पेशल फोर्स है जो खुफिया अभियानों, आतंकवाद विरोधी कार्यों और संकटों में विशेषज्ञ होती है। इन्हें शहरी युद्ध, बंधक बचाव और अन्य जटिल ऑपरेशन्स में प्रशिक्षित किया जाता है।

5 .सेयरेत मटकल - इजरायल - यह इजरायल की विशेष सेना है, जो विशेष रूप से इंटेलिजेंस, आतंकवाद विरोधी कार्यों और विदेशी ऑपरेशन्स में माहिर है। इसकी स्थापना 1957 में हुई थी।

6 .पैरा कमांडो - भारत - भारतीय सेना की यह विशेष इकाई आतंकवाद विरोधी अभियानों और अन्य महत्वपूर्ण रक्षा कार्यों के लिए जानी जाती है। ये कमांडो हाथ से हाथ का मुकाबला और अन्य विशेष युद्धक तकनीकों में निपुण होते हैं।

7 .जेंडरमेरी इंटरवेंशन ग्रुप - फ्रांस - 1973 में स्थापित यह फ्रांसीसी स्पेशल फोर्स आतंकवाद, बंधक बचाव और अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए प्रशिक्षित होती है।

8 .ईकेओ कोबरा - ऑस्ट्रिया - यह ऑस्ट्रियाई संघीय आंतरिक मंत्रालय के तहत कार्य करती है और खासतौर पर बंधक बचाव अभियानों और गुप्त मिशनों में विशेषज्ञ है।

9 .स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) - पाकिस्तान - पाकिस्तान की यह स्पेशल फोर्स, जिसे ब्लैक स्टॉर्क के नाम से जाना जाता है, विशेष रूप से भारत के खिलाफ ऑपरेशन्स के लिए प्रशिक्षित है।

10 .स्पेशल एयर सर्विस रेजिमेंट - यूके - 1957 में स्थापित, यह यूनिट विशेष परिस्थितियों में आतंकवादियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित होती है। इसके कमांडो की चयन प्रक्रिया में अत्यधिक कठिनाइयाँ होती हैं, जिससे यह फोर्स विश्व के सबसे कठिन प्रशिक्षण से गुजरने वाली स्पेशल फोर्सेज में से एक मानी जाती है।

यूपी में नौकरियों की भरमार, 35 हजार तक वेतन

मेरठ: यूपी में नववर्ष 2025 युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर लेकर आ रहा है, क्योंकि क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय द्वारा निजी क्षेत्र में रोजगार पाने के लिए जनवरी माह में 5 से अधिक रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे। यह रोजगार मेले युवाओं को उनके क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालयों के माध्यम से रोजगार प्राप्त करने का एक अच्छा मौका प्रदान करेंगे।

इन मेले में छोटे स्तर के रोजगार मेले हर सप्ताह आयोजित होंगे, जबकि बड़े स्तर पर विभिन्न शिक्षण संस्थानों में रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे। इसके अंतर्गत मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय से संबंधित जिलों जैसे बागपत, बुलंदशहर, हापुड़, नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ में रोजगार मेले होंगे। 

इस दौरान, आठवीं से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट और तकनीकी एवं गैर-तकनीकी सभी प्रकार के युवाओं के लिए नौकरी के अवसर उपलब्ध होंगे। युवाओं को रोजगार मेले के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए युवा रोजगार संगम पोर्टल (https://rojgaarsangam.up.gov.in/) पर पंजीकरण करना होगा, ताकि उन्हें रोजगार मेले की तिथियों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी आसानी से मिल सके।

बता दें की इस पहल के तहत 10,000 से लेकर 35,000 रुपये तक का वेतन निर्धारित किया गया है, जो युवाओं को एक अच्छा रोजगार अवसर प्रदान करेगा। सहायक निदेशक शशिभूषण उपाध्याय ने बताया कि मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय से संबंधित बागपत, बुलंदशहर, हापुड़, नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ परिसर में हर सप्ताह रोजगार मेला लगेगा और युवाओं को नौकरी दी जाएगी।

वियाग्रा से भी ज्यादा असरदार है घर की ये 4 चीजें!

हेल्थ डेस्क: वियाग्रा के मुकाबले कुछ घरेलू चीजें भी असरदार हो सकती हैं, जो आपके शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं। ये चीजें न केवल सेक्सुअल स्वास्थ्य बल्कि अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी फायदेमंद हो सकती हैं।

वियाग्रा से भी ज्यादा असरदार है घर की ये 4 चीजें!

1 .मेथी (Methi): मेथी के बीजों में फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं, जो यौन ड्राइव को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। मेथी के बीज का सेवन हार्मोनल बैलेंस को सुधारता है और शारीरिक शक्ति में वृद्धि करता है। इसलिए पुरुषों को प्रतिदिन इसका सेवन करनी चाहिए।

2 .लहसुन (Lahsun): लहसुन का सेवन रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जिससे शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। यह पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को भी बढ़ाने में मदद कर सकता है, जो यौन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इसलिए हर दिन इसका सेवन करें।

3 .आदरक (Adrak): अदरक में ताजगी और गर्मी देने वाले गुण होते हैं, जो रक्त संचार को बढ़ावा देते हैं और शारीरिक सक्रियता में सुधार करते हैं। यह शरीर को गर्माहट प्रदान करता है और यौन क्षमता को भी बढ़ा सकता है। इसलिए इसका सेवन करें।

4 .केसर (Kesar): केसर को प्राकृतिक aphrodisiac माना जाता है, जो सेक्सुअल इच्छाओं को बढ़ाता है। यह मानसिक स्थिति को भी बेहतर बनाता है और शरीर में ऊर्जा का संचार करता है। इसके नियमित सेवन से यौन स्टैमिना भी बेहतर होती हैं।

रोज खाइए मूंगफली, 'यौन स्टैमिना' रहेगी मजबूत!

हेल्थ डेस्क: मूंगफली एक बहुत ही पौष्टिक और स्वादिष्ट स्नैक है, जो न केवल हमारी सेहत के लिए लाभकारी है, बल्कि यौन स्टैमिना को भी बढ़ाता है। इसे अपने दैनिक आहार में शामिल करने से आप शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय और ऊर्जा से भरपूर महसूस कर सकते हैं।

1. आर्जिनिन - यौन स्टैमिना को बढ़ाए: मूंगफली में आर्जिनिन नामक एक एमिनो एसिड पाया जाता है। यह यौन स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि यह रक्त संचार को बढ़ाने में मदद करता है और टेस्टोस्टेरोन (पुरुष हार्मोन) और एंडोर्फिन (खुशी का हार्मोन) के स्तर को बढ़ाता है। इसके परिणामस्वरूप यौन शक्ति और स्टैमिना में सुधार होता है।

2. रेसवेरेट्रॉल - शुक्राणुओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाए: मूंगफली में रेसवेरेट्रॉल नामक एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट शुक्राणुओं की गुणवत्ता और कार्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह शुक्राणु की गतिशीलता को बढ़ाता है और शुक्राणुओं की स्वस्थता को बढ़ाता है, जिससे प्रजनन क्षमता में सुधार होता है।

3. विटामिन बी, राइबोफ़्लेविन, बी6, और बी9 - ऊर्जा और मांसपेशियों के लिए फायदेमंद: मूंगफली में विभिन्न प्रकार के विटामिन होते हैं, जैसे विटामिन बी, राइबोफ़्लेविन, विटामिन बी6, और विटामिन बी9। ये सभी पोषक तत्व शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने, मांसपेशियों के विकास और वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। साथ ही, इन विटामिनों की मौजूदगी से शारीरिक और मानसिक थकावट कम होती है, जिससे आप अधिक सक्रिय महसूस करते हैं।

4. प्रोटीन - मांसपेशियों के विकास के लिए जरूरी: मूंगफली में प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो मांसपेशियों के निर्माण और विकास के लिए आवश्यक है। प्रोटीन शरीर की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है और शरीर की कमजोरी को दूर करता है। रोजाना मूंगफली का सेवन करने से मांसपेशियों में मजबूती आती है और शरीर के प्रदर्शन में सुधार होता है।

यूपी में एक अत्याधुनिक शहर बसाने की तैयारी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में एक नया, अत्याधुनिक शहर बसाने की योजना बनाई है, जिसे "राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर)" कहा जाएगा। यह शहर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से भी बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा और इसमें छह जिलों – लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी – को मिलाकर एक नया क्षेत्र विकसित किया जाएगा। 

इस योजना की बुनियाद तैयार कर ली गई है, और वर्ष 2025 में इसका निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है। इस शहर का उद्देश्य बढ़ती हुई जनसंख्या, बेहतर कनेक्टिविटी, उद्योगों को बढ़ावा देने, और उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के लिए जगह प्रदान करना है। 

लखनऊ की बढ़ती हुई आबादी और सीमित भूमि के कारण, एससीआर का निर्माण किया जा रहा है ताकि इस क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं और अवसंरचना विकसित की जा सके। एससीआर में आने-जाने के लिए सिटी बसों और मेट्रो रेल की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। 

इसके अलावा, स्वास्थ्य, पुलिस व्यवस्था और सौर ऊर्जा जैसे कई क्षेत्रों में भी बड़ी योजनाओं पर काम किया जाएगा। एससीआर के निर्माण के साथ ही, भूमि अधिग्रहण और आवंटन की प्रक्रिया भी शुरू होगी, और उम्मीद की जा रही है कि एक साल के भीतर यह परियोजना विश्व स्तर पर पहचान प्राप्त कर लेगी।

शीघ्रपतन से जल्दी राहत पाने के 7 असरदार तरीके

हेल्थ डेस्क: शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) यौन क्रिया के दौरान एक आम समस्या है, जिसमें व्यक्ति यौन संबंध स्थापित करते समय अनचाहे रूप से जल्दी वीर्यपात (ejaculation) कर देता है। इससे छुटकारा पाने के लिए सात असरदार तरीके आजमा सकते हैं।

शीघ्रपतन से जल्दी राहत पाने के 7 असरदार तरीके

1. गहरी सांसें लेना

गहरी सांसें लेना तनाव को कम करने के साथ-साथ यौन संबंध के दौरान नियंत्रण बढ़ाने में मदद करता है। जब भी आपको शीघ्रपतन का आभास हो, तो गहरी सांस लें और अपनी मानसिक स्थिति पर ध्यान केंद्रित करें। इससे शरीर को शांत करने में मदद मिलती है और वीर्यपात को नियंत्रित करने में आसानी होती है।

2. पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज

पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत करने वाली केगल एक्सरसाइज शीघ्रपतन के इलाज में प्रभावी होती हैं। यह अभ्यास आपको यौन गतिविधि के दौरान बेहतर नियंत्रण प्रदान करता है और वीर्यपात को कम करने में मदद करता है। इन्हें नियमित रूप से करना चाहिए।

3. फिटकरी और गुलाबजल

फिटकरी और गुलाबजल का मिश्रण यौन अंगों की संवेदनशीलता को कम करने में सहायक हो सकता है। इसे हल्के हाथों से यौन अंगों पर मलने से वीर्यपात की संभावना कम हो सकती है, जिससे शीघ्रपतन पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

4. शरीर में संतुलन बनाए रखना

हार्मोनल असंतुलन भी शीघ्रपतन का कारण बन सकता है। ऐसे खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बनाए रखें, जैसे अंडे, नट्स, और हरी पत्तेदार सब्जियाँ। यह आपके यौन स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करेगा।

5. तुलसी और शहद

तुलसी और शहद का मिश्रण शारीरिक ताकत बढ़ाता है और यौन स्वास्थ्य में सुधार करता है। इन दोनों का नियमित सेवन शीघ्रपतन की समस्या को कम कर सकता है। तुलसी का ताजगी देने वाला प्रभाव और शहद का पोषण यौन प्रदर्शन को बेहतर बनाता है।

6. आहार में बदलाव

ऐसी खाद्य सामग्री को अपने आहार में शामिल करें जो ऊर्जा प्रदान करें और यौन क्षमता को बढ़ाएँ। हरी सब्जियाँ, फल, नट्स, अंडे, और साबुत अनाज आपके शरीर को ऊर्जा और पोषण देते हैं, जिससे यौन शक्ति को बढ़ावा मिलता है और शीघ्रपतन में राहत मिल सकती है।

7. अश्वगंधा और शिलाजीत

अश्वगंधा और शिलाजीत दोनों ही प्राचीन औषधियाँ हैं जो यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं। अश्वगंधा तनाव को कम करने, ऊर्जा स्तर को बढ़ाने और यौन शक्ति को सुधारने में मदद करता है, जबकि शिलाजीत शरीर की शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ाता है, जिससे शीघ्रपतन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

साल 2024 में यूपी को मिले 18 मेडिकल कॉलेज!

न्यूज डेस्क: साल 2024 में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया गया। प्रदेश में 18 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज (Medical College) खोले गए हैं, जो न केवल चिकित्सा शिक्षा में सुधार लाएंगे, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को भी सुदृढ़ करेंगे। इन नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा बढ़ेगा और लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।

यह मेडिकल कॉलेज प्रदेश के विभिन्न जिलों में खोले गए हैं, जिनमें बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत, सुल्तानपुर, कानपुर देहात, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, गोंडा, औरैया, चंदौली, कौशांबी और सोनभद्र जैसे जिले शामिल हैं। इन कॉलेजों के माध्यम से चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ, ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में चिकित्सा सेवाओं की सुलभता भी बढ़ेगी, जिससे लोगों को अपने इलाके में ही इलाज की बेहतर सुविधा मिल सकेगी।

बता दें की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2024 को रायबरेली में एम्स (AIIMS) का वर्चुअल शुभारंभ भी किया था। रायबरेली में एम्स की स्थापना से न केवल वहां के लोगों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के आसपास के क्षेत्रों के लोगों को भी इससे लाभ होगा। यह परियोजना राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास को एक नई दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।

दरअसल, इन 18 नए मेडिकल कॉलेजों के साथ उत्तर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ, चिकित्सा विशेषज्ञों की संख्या में भी वृद्धि होगी। इससे प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को भी दूर किया जा सकेगा, जो ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित करेगा। इस कदम से उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की सुदृढ़ता और बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

यूपी के 42 जिलों की पूरी बिजली व्यवस्था प्राइवेट!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के 42 जिलों में बिजली व्यवस्था के निजीकरण की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। इसके तहत पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत निजी कंपनियों को सौंपने की योजना है। इस कदम का उद्देश्य बिजली वितरण व्यवस्था में सुधार लाना और कार्यकुशलता को बढ़ाना है, लेकिन इसके साथ ही कर्मचारियों के लिए कई नए बदलाव और विकल्प भी प्रस्तुत किए गए हैं।

बिजली निजीकरण के तहत, कर्मचारियों को इस प्रक्रिया के पहले एक साल तक वर्तमान स्थिति में काम करना होगा। इसके बाद, यदि कोई कर्मचारी चाहता है कि उसे अन्य डिस्कॉम में स्थानांतरित किया जाए, तो उसे अगले वर्ष के अंत में इसका अवसर मिलेगा, लेकिन यह केवल एक-तिहाई कर्मचारियों को ही मिलेगा। बाकी दो-तिहाई कर्मचारियों को अगले दो सालों तक अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए इंतजार करना होगा, जब तक उन्हें निजी कंपनी से बाहर जाने का अवसर नहीं मिलता।

निजी कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों की नौकरी तब तक सुरक्षित रहेगी, जब तक उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं होती। इस संबंध में एक अन्य महत्वपूर्ण विकल्प है - स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस)। वीआरएस का विकल्प कर्मचारियों के लिए एक वर्ष बाद लागू होगा, ताकि वे स्वेच्छा से सेवाएं समाप्त करने का निर्णय ले सकें।

इस निर्णय का उद्देश्य बिजली वितरण प्रणाली को अधिक दक्ष और पारदर्शी बनाना है, लेकिन यह कर्मचारियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर सकता है। अब तक, सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए यह बदलाव विभिन्न प्रकार की अनिश्चितताएं और विकल्प लेकर आया है।

ये हैं दुनिया की टॉप-10 खुफिया एजेंसी, देखें नई रैंक

नई दिल्ली: खुफिया एजेंसियां देशों की सुरक्षा और गोपनीय जानकारी हासिल करने के लिए काम करती हैं। ये संगठन आतंकवाद, जासूसी, साइबर हमले और अन्य खतरों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दुनिया भर में कई खुफिया एजेंसियां हैं, लेकिन कुछ एजेंसियां विशेष रूप से अपनी क्षमता और प्रभाव के लिए जानी जाती हैं। 

ये हैं दुनिया की टॉप-10 खुफिया एजेंसी, देखें नई रैंक

1 .सीआईए (CIA) - संयुक्त राज्य अमेरिका

सीआईए, यानी केंद्रीय खुफिया एजेंसी, अमेरिका की सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली खुफिया एजेंसी है। यह एजेंसी विदेशों में खुफिया जानकारी एकत्र करने, राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने और आतंकवाद जैसे वैश्विक खतरों से निपटने के लिए जानी जाती है। CIA की प्रमुख जिम्मेदारी विदेशी खुफिया जानकारी इकट्ठा करना और विश्लेषण करना है।

2 .मोसाद (Mossad) - इज़राइल

मोसाद, इज़राइल की खुफिया एजेंसी, का काम विश्वभर में खुफिया जानकारी प्राप्त करना और इज़राइल की राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है। मोसाद का प्रभाव और क्षमता दुनिया भर में बहुत प्रसिद्ध है, और यह आतंकवाद के खिलाफ भी कार्यरत है। मोसाद को विशेष रूप से आतंकवादियों को ट्रैक करने और उन्हें पकड़ने के लिए जाना जाता है।

3 .MI6 (Secret Intelligence Service) - यूनाइटेड किंगडम

MI6, जिसे Secret Intelligence Service भी कहा जाता है, ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी है। यह एजेंसी ब्रिटेन के हितों की रक्षा करने के लिए दुनिया भर में खुफिया जानकारी एकत्र करती है। MI6 का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति से संबंधित खुफिया जानकारी प्राप्त करना है।

4 .RAW (Research and Analysis Wing) - भारत

भारत की प्रमुख खुफिया एजेंसी, RAW (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग), विदेशों में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और भारतीय सुरक्षा की रक्षा करने का काम करती है। यह एजेंसी विशेष रूप से पड़ोसी देशों, विशेषकर पाकिस्तान और चीन से संबंधित खुफिया जानकारी इकट्ठा करती है। RAW आतंकवाद, जासूसी और अन्य अंतर्राष्ट्रीय खतरों का मुकाबला करती है।

5 .FSB (Federal Security Service) - रूस

FSB (फेडरल सिक्योरिटी सर्विस) रूस की प्रमुख आंतरिक खुफिया एजेंसी है। यह एजेंसी रूस में सुरक्षा सुनिश्चित करने, आतंकवादियों का मुकाबला करने और अन्य खतरों से निपटने का काम करती है। FSB का काम मुख्य रूप से देश के आंतरिक सुरक्षा मामलों से संबंधित है, लेकिन यह विदेशों में भी सक्रिय होती है।

6 .ISI (Inter-Services Intelligence) - पाकिस्तान

ISI (इंटर-सर्विसेज़ इंटेलिजेंस) पाकिस्तान की प्रमुख खुफिया एजेंसी है। यह एजेंसी पाकिस्तान की सुरक्षा, आतंकवाद, और जासूसी से संबंधित मामलों में सक्रिय रूप से काम करती है। ISI का प्रभाव विशेष रूप से पाकिस्तान और इसके पड़ोसी देशों, जैसे भारत, अफगानिस्तान, और अन्य देशों में है।

7 .MSS (Ministry of State Security) - चीन

यह चीन की एक प्रमुख खुफिया और सुरक्षा एजेंसी है। यह एजेंसी चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, और जासूसी से संबंधित मामलों पर काम करती है। MSS का काम राज्य की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय खुफिया जानकारी जुटाना, काउंटर-इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षा से संबंधित कार्यों में शामिल होना।

8 .NSA (National Security Agency) - संयुक्त राज्य अमेरिका

NSA, यानी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, एक प्रमुख अमेरिकी खुफिया एजेंसी है जो विदेशी संचारों को हैक करने, साइबर सुरक्षा, और अन्य संवेदनशील जानकारी को एकत्र करने का कार्य करती है। NSA का काम दुनिया भर में डिजिटल निगरानी और आतंकवाद से संबंधित खुफिया जानकारी प्राप्त करना है।

9 .DGSE (Directorate General for External Security) - फ्रांस

DGSE (डायरेक्टरेट जनरल फॉर एक्सटर्नल सिक्योरिटी) फ्रांस की बाहरी खुफिया एजेंसी है। यह एजेंसी फ्रांस की राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने और विदेशों में खुफिया जानकारी प्राप्त करने का कार्य करती है। DGSE का कार्य दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के खुफिया ऑपरेशनों को अंजाम देना है।

10 .BND (Bundesnachrichtendienst) - जर्मनी

BND, यानी फेडरल इंटेलिजेंस सर्विस, जर्मनी की बाहरी खुफिया एजेंसी है। BND का मुख्य काम विदेशों से खुफिया जानकारी प्राप्त करना और जर्मनी की राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। यह एजेंसी जर्मनी की रक्षा और विदेशी मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

बिहार में तीन शिक्षिकाएं होंगी बर्खास्त, जाने कारण

न्यूज डेस्क: बिहार के जहानाबाद जिले में तीन शिक्षिकाओं की नौकरी समाप्त होने वाली है, क्योंकि उन्होंने फर्जी कागजात के आधार पर नियुक्ति ली थी। यह शिक्षिकाएं घोसी प्रखंड के तीन विद्यालयों में पदस्थापित थीं, जिनकी सेवा अब समाप्त की जाएगी। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) द्वारा प्राप्त सूचना के बाद, डीडीसी (विकास आयुक्त) ने इन शिक्षिकाओं का नियोजन तत्काल रद्द करने का निर्देश दिया है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जांच के बाद पाया कि इन शिक्षिकाओं के प्रमाण पत्र फर्जी थे। इसके आधार पर उनके सेवा समाप्ति के निर्देश दिए गए थे। घोसी प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय शाहपुर, माधोपुर, और दरियापुर में कार्यरत बबीता कुमारी, ममता कुमारी और पल्लवी कुमारी का नियुक्ति पत्र रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं।  इस मामले में बीडीओ को शीघ्र रिपोर्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंपने का आदेश दिया गया है। 

इसके साथ ही, जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बीडीओ के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है। उन्होंने बताया कि अप्रशिक्षित शिक्षक अरविंद चौधरी की सेवा समाप्ति संबंधी विभागीय निर्देशों की अवहेलना की गई है, जबकि अन्य अप्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई थी। इस तरह के विरोधाभासी निर्णयों को लेकर कार्रवाई की जरूरत जताई गई है।

यूपी में भीषण ठंड, ये सभी स्कूल 15 दिन तक बंद

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में शीतकालीन अवकाश की घोषणा कर दी गई है। राज्य सरकार ने भीषण ठंड के मद्देनज़र प्राथमिक विद्यालयों में शीतकालीन अवकाश को लेकर आदेश जारी किया है, जिसके तहत सभी प्राइमरी विद्यालयों में 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक 15 दिनों का शीतकालीन अवकाश रहेगा। इस आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा इसे लागू करने के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

इस आदेश के अनुसार, उत्तर प्रदेश के समस्त परिषदीय, सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त, सीबीएसई, आईसीएसई और अन्य सभी बोर्ड के विद्यालयों में, जिसमें हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय शामिल हैं, कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए यह अवकाश लागू रहेगा।

यह निर्णय प्रदेश में बढ़ती ठंड और खराब मौसम को देखते हुए लिया गया है, ताकि बच्चों को ठंड से बचाया जा सके। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि 15 जनवरी से स्कूल पुनः खुलेंगे। शीतकालीन अवकाश के दौरान बच्चों को पढ़ाई में कोई परेशानी न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों ने बच्चों को होमवर्क दिया है। 

अवकाश के दौरान बच्चों को घर पर पढ़ाई जारी रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं, ताकि उनका शैक्षिक विकास प्रभावित न हो। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि शीतकालीन अवकाश का पालन हर विद्यालय में सुनिश्चित किया जाए और आदेश का अक्षरशः पालन किया जाए।

मछलियों के अंडे खाने के लिए लाखों खर्चते हैं अमीर

हेल्थ डेस्क: मछलियों के अंडे यानी कैवियार को खाने के लिए लोग लाखों रुपये खर्च करते हैं। यह एक महंगा और विशिष्ट व्यंजन है, जो अमीरों की डिश मानी जाती है। कैवियार की उच्च कीमत कई कारणों से होती है, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण हम यहाँ विस्तार से जानेंगे।

1. कैवियार बनाने की जटिल प्रक्रिया

कैवियार को बनाने के लिए विशेष मेहनत और समय की आवश्यकता होती है। मछली के अंडों को सावधानी से निकाला जाता है, धोया जाता है और फिर इसे हाथों से तैयार किया जाता है। यह एक कड़ी और समय-साध्य प्रक्रिया होती है, जिसमें मछलियों के अंडों को सही तरीके से संभालना और उनकी ताजगी बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है। मछली के अंडों की यह प्रक्रिया इस उत्पाद को और भी महंगा बनाती है।

2. कम आपूर्ति और बढ़ती मांग

कैवियार की आपूर्ति बहुत कम है जबकि इसकी मांग हर समय बढ़ती जा रही है। उदाहरण के लिए, एक मादा स्टर्जन मछली को अंडे देने में 7 से 20 साल तक का समय लगता है। इसका मतलब है कि स्टर्जन मछलियों का प्रजनन बहुत धीमा होता है और इसकी आपूर्ति सीमित रहती है। इस वजह से कैवियार की कीमत बहुत ऊँची रहती है, क्योंकि इसे पाने के लिए बहुत समय और मेहनत चाहिए होती है।

3. कैवियार की शेल्फ लाइफ

कैवियार की शेल्फ लाइफ बहुत कम होती है। इसे अधिकतम एक हफ़्ते के भीतर ही खा लेना चाहिए, अन्यथा इसकी ताजगी खत्म हो जाती है। यह भी एक कारण है कि कैवियार की कीमत में वृद्धि होती है, क्योंकि इसे जल्दी से बेचने के लिए बड़ी मात्रा में उत्पादन करना और उपभोक्ताओं तक पहुँचना होता है।

4. कैवियार का परोसने का तरीका

कैवियार को अक्सर बर्फ़ पर रखा जाता है और इसे खाने के लिए विशेष किस्म के चम्मच होते हैं, जो हड्डी या सीप के बने होते हैं। ये चम्मच इस व्यंजन की विशेषता को और बढ़ाते हैं, और इसके खाने का अनुभव एक खास रिचनेस और ठाठ से भरपूर होता है। इसे आमतौर पर विशेष अवसरों या शानदार पार्टियों में परोसा जाता है।

5. दुनिया का सबसे महंगा कैवियार

दुनिया का सबसे महंगा कैवियार अल्मास कैवियार है। यह कैवियार ईरान की अल्बिनो स्टर्जन मछली से प्राप्त होता है। इसका मूल्य प्रति किलोग्राम करीब 20 लाख रुपये होता है, जो इसे दुनिया का सबसे महंगा कैवियार बनाता है। इसकी दुर्लभता, शुद्धता और उच्च गुणवत्ता इसे एक अत्यधिक लक्ज़री उत्पाद बनाती है, जिसे केवल अमीर लोग ही खरीद सकते हैं।

6. कैवियार में पोषक तत्व

कैवियार मछली के अंडों का एक प्रकार है, जिसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन डी, विटामिन बी12 जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। यह शरीर के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह दिल की सेहत, मस्तिष्क के कार्य और हड्डियों की मजबूती के लिए अच्छा माना जाता है। हालांकि, कैवियार में कोलेस्ट्रॉल भी बहुत अधिक होता है, इसलिये इसे अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए। इसके बावजूद, यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन माना जाता है।

ये 7 फूड्स जो धीरे-धीरे आपको मार रहे हैं, जानिए

हेल्थ डेस्क: कुछ फूड्स, जो लंबे समय तक खाए जाने पर स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, उनमें रिफाइन तेल, कृत्रिम मक्खन, एनर्जी ड्रिंक, पिज्जा, मैदा और फ्रेंच फ्राइज शामिल हैं। इन चीजों का हर दिन सेवन करने से आपकी सेहत खराब हो सकती हैं।

1 .रिफाइन तेल (Refined Oil): रिफाइन तेल उच्च तापमान पर प्रसंस्कृत किया जाता है, जिससे इसमें हानिकारक ट्रांस फैट्स और रासायनिक पदार्थ हो सकते हैं। ये शरीर में सूजन, हृदय रोग, और मोटापे जैसी समस्याओं को बढ़ा सकते हैं।

2 .कृत्रिम मक्खन (Margarine or Artificial Butter): कृत्रिम मक्खन में ट्रांस फैट्स होते हैं, जो हृदय रोग, रक्तचाप, और शारीरिक सूजन का कारण बन सकते हैं। यह भी शरीर के कोलेस्ट्रॉल स्तर को बढ़ा सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

3 .एनर्जी ड्रिंक्स (Energy Drinks): इन ड्रिंक्स में उच्च मात्रा में शर्करा और कैफीन होती है, जो शरीर में ऊर्जा की कमी को अस्थायी रूप से पूरा करते हैं। ज्यादा सेवन से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, हृदय गति में वृद्धि, और हाई ब्लड प्रेशर हो सकते हैं।

4 .पिज्जा (Pizza): पिज्जा में अधिक मात्रा में फैट, कैलोरी, और सोडियम होते हैं, जो वजन बढ़ाने और हृदय रोगों का कारण बन सकते हैं।

5 .मैदा (Refined Flour): मैदा, जिसमें फाइबर की कमी होती है, रक्त शर्करा को तेजी से बढ़ा सकता है। इसे अत्यधिक सेवन करने से डायबिटीज, मोटापा और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।

6 .फ्रेंच फ्राइज (French Fries): फ्रेंच फ्राइज में ट्रांस फैट्स होते हैं, जो रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें उच्च कैलोरी और सोडियम स्तर होते हैं, जो दिल की बीमारियों और मोटापे को बढ़ा सकते हैं।

7 .प्रोसेस्ड मीट (Processed Meats like Sausages, Bacon): प्रोसेस्ड मीट में नाइट्रेट्स और नाइट्राइट्स होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं और कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।

पतला वीर्य गर्भधारण में मुश्किलें पैदा कर सकता है!

हेल्थ डेस्क: पतला वीर्य, जिसे वैज्ञानिक भाषा में ओलिगोस्पर्मिया कहा जाता है, पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या में कमी या शुक्राणुओं की गुणवत्ता में गिरावट का संकेत हो सकता है। यह स्थिति गर्भधारण में मुश्किलें उत्पन्न कर सकती है, क्योंकि शुक्राणुओं की संख्या, गुणवत्ता, और गतिशीलता (mobility) इन सभी का गर्भधारण में महत्वपूर्ण योगदान होता है।

कई मामलों में पतला वीर्य अस्थायी होता है और सही जीवनशैली बदलाव, आहार में सुधार, और चिकित्सा उपचार से स्थिति में सुधार संभव है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति खराब आहार या तनाव से ग्रस्त है, तो आहार में सुधार और तनाव कम करने से वीर्य की गुणवत्ता में वृद्धि हो सकती है।

पतला वीर्य क्या है?

वीर्य में पानी की अधिकता और शुक्राणुओं की संख्या में कमी को पतला वीर्य कहा जाता है। वीर्य का सामान्य रंग सफेद या हल्का पीला होता है, जबकि पतला वीर्य हल्के रंग का या थोड़ा पारदर्शी हो सकता है। यह स्थिति किसी भी पुरुष के लिए चिंता का कारण बन सकती है, विशेष रूप से जो पिता बनने की योजना बना रहे हैं।

गर्भधारण पर असर?

पतला वीर्य गर्भधारण में मुश्किलें पैदा कर सकता है, क्योंकि यह शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता में कमी का संकेत है। हालांकि, शुक्राणु की गतिशीलता और गुणवत्ता की भी गर्भधारण में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अगर शुक्राणु अच्छे से गतिशील होते हैं, तो गर्भधारण की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए, केवल वीर्य की पतलापन ही कारण नहीं होता, बल्कि अन्य कारक भी महत्वपूर्ण होते हैं।

यूपी में नए साल पर 80 हजार सिपाहियों की भर्ती

लखनऊ: नया साल 2025 यूपी पुलिस के लिए एक ऐतिहासिक क्षण लेकर आ रहा है, खासकर जनवरी से शुरू होने वाले महाकुम्भ के संदर्भ में। इस बार यूपी पुलिस महाकुम्भ के आयोजन में पहली बार सात स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू करेगी, जो इसे एक नई पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।इसके अलावा, ट्रैफिक मैनेजमेंट में भी अभूतपूर्व बदलाव किए गए हैं, जो आयोजन की सफलता को सुनिश्चित करेंगे।

यूपी पुलिस को 2025 में करीब 80 हजार नए सिपाही मिलेंगे, जिनमें कुछ पुरानी भर्तियों के परिणाम भी शामिल होंगे। इन नए पुलिसकर्मियों के शामिल होने से पुलिस विभाग की कार्यक्षमता और सक्रियता में वृद्धि होगी। इससे विजिबल पुलिसिंग को और मजबूती मिलेगी, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था और गश्त के दौरान पुलिस बल की कमी नहीं होगी। साथ ही, इन नए सिपाहियों की तैनाती से पुलिस का रिस्पांस टाइम भी पहले से बेहतर होगा।

बता दें की वर्तमान में, 60,244 सिपाहियों की भर्ती प्रक्रिया अंतिम चरण में है, और उनकी तैनाती से यूपी पुलिस की सुरक्षा और संचालन में एक नया आयाम जुड़ने की उम्मीद है। इन सब तैयारियों से महाकुम्भ में सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक व्यवस्था में कोई कमी नहीं रहेगी।

यूपी में आवास योजना के लिए मोबाइल से आवेदन

लखनऊ: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर और पात्र लोगों को आवास उपलब्ध कराने का प्रयास किया है। अब तक बड़ी संख्या में लाभार्थियों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। इस योजना को और अधिक सुलभ बनाने के लिए सरकार ने आवेदन प्रक्रिया को आसान बना दिया है, जिससे लोग अब अपने मोबाइल फोन के जरिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आवेदकों को PMAY मोबाइल एप डाउनलोड करना होगा।

इस बार प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का सर्वे शुरू हो चुका है और इसके लिए नए नियम लागू किए गए हैं। पहले जहां आवेदकों को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से आवेदन करना पड़ता था, वहीं अब मोबाइल से आवेदन का विकल्प भी दिया गया है। 

इसके अलावा पात्रता की शर्तों में भी संशोधन किया गया है। पहले जिनकी मासिक आय 10,000 रुपये से कम थी और जिनके पास बाइक, मोबाइल या फ्रिज जैसे सामान होते थे, उन्हें अपात्र माना जाता था। अब इन्हें भी पात्र माना गया है और 15,000 रुपये तक की मासिक आय वाले लोग भी इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।

नए नियमों के अनुसार, मोबाइल से आवेदन करने के बाद आवेदकों को अपने दस्तावेज़ तहसीलदार कार्यालय में जमा करने होंगे, जहां उनका सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन सही पाए जाने पर आवेदन स्वीकृत किया जाएगा।  प्रधानमंत्री आवास योजना के परियोजना निदेशक निर्मल द्विवेदी के अनुसार, पात्र लाभार्थियों को समय पर किस्त का भुगतान किया जा रहा है, और सर्वे के दौरान नई शर्तों के आधार पर पात्रों का चयन किया जाएगा।

यूपी में माध्यमिक स्कूलों की छुट्टियों का कैलेंडर जारी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 2025 के लिए स्कूलों की छुट्टियों का कैलेंडर जारी किया है। इस कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है, जिसके अनुसार केवल शादीशुदा महिला शिक्षिकाओं को ही करवा चौथ के दिन अवकाश मिलेगा। इसके अलावा, बेसिक शिक्षा विभाग के कैलेंडर में सभी महिला शिक्षिकाओं को करवा चौथ का अवकाश दिया गया है। यह अंतर इस बात को दर्शाता है कि दोनों शिक्षा क्षेत्रों में छुट्टियों की व्यवस्था में थोड़ा अंतर है।

बता दें की माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्रदेव द्वारा जारी इस कैलेंडर में छुट्टियों की संख्या का भी विवरण दिया गया है। प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश और शीतकालीन अवकाश को छोड़कर कुल 30 छुट्टियों का प्रावधान किया गया है, जबकि बेसिक शिक्षा के स्कूलों में 34 छुट्टियां हैं। 

इन छुट्टियों में गणतंत्र दिवस, बसंत पंचमी, रामनवमी, मुहर्रम, रविवार और ग्रीष्मावकाश को जोड़ा गया है। इन अवकाशों के साथ ही माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में वर्ष भर में कुल 119 छुट्टियां निर्धारित की गई हैं। इसमें बोर्ड परीक्षाओं के 12 दिन और जोड़े जाएं तो माध्यमिक विद्यालयों में कुल कार्य दिवसों की संख्या 234 होती है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने यह भी उल्लेख किया है कि महिला शिक्षिकाओं को हरितालिका तीज, संकठा चतुर्थी, हलषष्ठी/ललई छठ, जीउतिया व्रत और अहोई अष्टमी पर अवकाश मिलेगा, लेकिन यह अवकाश केवल उन्हीं शिक्षिकाओं को मिलेगा जो व्रत रखती हैं, और यह अवकाश उन्हें उनके प्रार्थना पत्र के आधार पर संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य या प्रधानाध्यापक द्वारा अनुमन्य किया जाएगा। 

वहीं, बेसिक शिक्षा के स्कूलों में हरितालिका तीज, करवा चौथ, संकठा चतुर्थी, हलषष्ठी/ललई छठ, जीउतिया व्रत और अहोई अष्टमी के साथ-साथ पितृ विसर्जन के दिन भी पुरुष शिक्षकों को अवकाश मिलेगा। इसके अलावा, बेसिक शिक्षा के स्कूलों में 20 मई से 15 जून तक ग्रीष्मावकाश और 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित किया गया है। 

वहीं, माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में ग्रीष्मावकाश 21 मई से 30 जून तक रहेगा। इस कैलेंडर में खास बात यह है कि छुट्टियों के प्रावधान में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया गया है और यह पूरी तरह से संबंधित अवकाशों के महत्व और शिक्षकों के कार्य के हिसाब से निर्धारित किया गया है।

हर संकट से बचाएंगे हनुमान जी के 7 पावरफुल मंत्र

धर्म डेस्क: हनुमान जी को शक्ति, साहस, भक्ति और रक्षक के रूप में पूजा जाता है। उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हम उनके मंत्रों का जाप करते हैं, जो जीवन के हर संकट से मुक्ति दिलाते हैं और सुख-शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य प्रदान करते हैं। यहाँ हनुमान जी के 7 पावरफुल मंत्र दिए गए हैं, जिन्हें जपने से हर संकट दूर होता है और जीवन में सफलता प्राप्त होती है:

1. ॐ श्री हनुमते नमः॥

यह मंत्र हनुमान जी की कृपा से किसी भी कानूनी मामले में विजय प्राप्त करने के लिए जपा जाता है। यह विशेष रूप से वाद-विवाद, कोर्ट के मामलों या किसी अन्य न्यायिक कार्यवाही में सफलता दिलाने में सहायक है। प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करने से न्यायिक मामलों में विजय और सच्चाई की जीत होती है।

2. ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥

यह मंत्र मानसिक शक्ति और शांति देने वाला है। इसका जाप करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन की कठिनाइयों से सामना करने की क्षमता मिलती है। इस मंत्र का जाप सुबह या रात को शांत वातावरण में किया जा सकता है। यह मंत्र ध्यान और साधना में भी सहायक होता है।

3.ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्।

यह मंत्र उन लोगों के लिए है जो शत्रुओं से डरते हैं या जिनकी जान-माल को खतरा है। यह मंत्र शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करने और भय को दूर करने में सहायक है। शत्रु के भय या संकट के समय इस मंत्र का जाप करें। इससे आत्मविश्वास और साहस मिलेगा।

4. ॐ हं पवननन्दनाय स्वाहा।

यह मंत्र हनुमान जी के दर्शन को सरल और सुलभ बनाता है। यदि आप नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करते हैं, तो हनुमान जी की कृपा से आपकी जीवन में सुख और शांति बनी रहती है। इस मंत्र का जाप प्रतिदिन नियमित रूप से करें। इससे हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और आपकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

5. ॐ नमो हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा।

यदि आपका शत्रु बहुत बलवान हो और आपके लिए संघर्ष करना कठिन हो, तो यह मंत्र शत्रु को पराजित करने में मदद करता है। यह शत्रु की शक्ति को नष्ट करने के लिए जपा जाता है। शत्रु की चुनौती से निपटने के लिए यह मंत्र विशेष रूप से प्रभावी है।

6. ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।

यह मंत्र असाध्य रोगों और स्वास्थ्य समस्याओं के लिए बहुत प्रभावी है। हनुमान जी की कृपा से शारीरिक और मानसिक रोग दूर होते हैं और शरीर में बल और ऊर्जा की प्राप्ति होती है। इस मंत्र का जाप रोगी व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। यह व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ और शक्ति प्रदान करता है।

7. ॐ नमो भगवते हनुमते नमः।

यह मंत्र जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति के लिए सर्वोत्तम है। इसके जाप से मानसिक शांति मिलती है और जीवन में समृद्धि आती है। इस मंत्र का जाप हर दिन नियमित रूप से करें। यह जीवन को सुखमय और शांति से भर देता है।

बिहार के 6 शहरों से शुरू होगा जमीन सर्वे का काम

पटना: बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण की नई टाइमलाइन जारी की है, जिसमें यह बताया गया है कि भूमि सर्वेक्षण का नया लक्ष्य जुलाई 2026 तक निर्धारित किया गया है। इस परियोजना के तहत सबसे पहले दो लाख से कम आबादी वाले शहरी क्षेत्रों का सर्वे किया जाएगा। इस सर्वे का उद्देश्य भूमि विवादों को समाप्त करना है और इसे सफलतापूर्वक लागू करना हैं।

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में यह सर्वे भारत सरकार द्वारा कराया जाएगा, जबकि पहले चरण में बिहार के छह शहरों—सोनपुर, तारापुर, बक्सर, बांका, राजगीर और डेहरी—में सर्वेक्षण का कार्य शुरू होगा। इस योजना के बारे में अधिक जानकारी देते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव, दीपक कुमार सिंह ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत की। 

उन्होंने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत, बिहार राजस्व सेवा के अधिकारियों की तैनाती जिलों में डीसीएलआर (डिस्ट्रिक्ट कंट्रोलर ऑफ लैंड रेकॉर्ड्स) के 40 से 50 पदों पर की जाएगी। इसके अलावा, अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार की कोशिश यह है कि रैयतों (किसानों और भूमि मालिकों) को कोई कठिनाई न हो, इसलिए विशेष भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया में स्वघोषणा पत्र जमा करने की अवधि को 30 दिन से बढ़ाकर 180 दिन कर दिया गया है। 

इस कदम से रैयतों को अपने दस्तावेज तैयार करने और सर्वेक्षण में भाग लेने के लिए अधिक समय मिलेगा। यह सर्वेक्षण कार्य भूमि की सही पहचान और रिकॉर्डिंग के लिए अहम साबित होगा, जिससे सरकारी योजनाओं और भूमि अधिकारों में पारदर्शिता आएगी। इसके अलावा, यह बिहार राज्य में भूमि संबंधित विवादों को सुलझाने और एक स्थिर भूमि संरचना स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

उम्र बढ़ा सकता है शारीरिक संबंध, रिसर्च में खुलासा

हेल्थ डेस्क: न्यू इंग्लैंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (New England Research Institute) के शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण शोध में यह दावा किया है कि शारीरिक संबंध केवल शारीरिक संतुष्टि ही नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होते हैं। शोध में सामने आया है कि शारीरिक संबंध से न केवल मानसिक संतुष्टि मिलती है, बल्कि यह तनाव को भी कम करने में मदद करता है, जिससे व्यक्ति का जीवन बेहतर और लंबे समय तक चल सकता है।

शोध के अनुसार, नियमित शारीरिक संबंध से गंभीर बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है, विशेषकर दिल से जुड़ी समस्याओं का। शारीरिक संबंध से रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा घटता है। इसके अलावा, यह शरीर को मानसिक और शारीरिक रूप से एक्टिव बनाए रखता है, जो जीवन की गुणवत्ता को सुधारता है।

रिसर्च में यह भी सामने आया कि अगर आपकी जीवनशैली एक्टिव है और आप शारीरिक संबंध नियमित रूप से करते हैं, तो इसके सकारात्मक प्रभाव स्वास्थ्य पर दिखाई देते हैं। यह अध्ययन यह भी बताता है कि जिन लोगों की जीवनशैली में शारीरिक संबंध नियमित रूप से होते हैं, वे हार्ट अटैक के बाद भी ज्यादा समय तक जीवित रहते हैं।

शोध के निष्कर्षों में यह पाया गया कि जिन लोगों ने सप्ताह में एक से अधिक बार शारीरिक संबंध बनाए, उनके मरने की संभावना 27 प्रतिशत तक कम थी। वहीं, जिन लोगों ने कभी-कभी शारीरिक संबंध बनाए, उनकी मरने की संभावना केवल 8 प्रतिशत तक कम थी। इसका मतलब है कि नियमित शारीरिक संबंध से जीवनकाल में सुधार हो सकता है और व्यक्ति को दीर्घायु का लाभ मिल सकता है।

कई रानियों की संतुष्टि के लिए ये चीज खाते थें राजा!

हेल्थ डेस्क: अश्वगंधा, कौंच बीज, सफेद मूसली" एक प्राचीन आयुर्वेदिक और शाही आहार का हिस्सा है। यह पदार्थ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए प्रसिद्ध हैं, और इन्हें पारंपरिक रूप से शक्ति और ऊर्जा बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता था।

1 .अश्वगंधा (Withania somnifera):

यह एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है जो शारीरिक और मानसिक सहनशक्ति को बढ़ाने के लिए जानी जाती है। अश्वगंधा को 'भारतीय जिन्सेंग' भी कहा जाता है और यह तनाव कम करने, इम्यूनिटी बढ़ाने, और शक्ति में वृद्धि करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। यह पुरुषों की यौन क्षमता को सुधारने के लिए भी उपयोगी माना जाता है, और इसलिए इसे राजा-महाराजाओं के आहार में शामिल किया जाता था।

2 .कौंच का बीज (Mucuna pruriens):

कौंच का बीज शारीरिक ताकत और यौन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। इसमें L-Dopa पाया जाता है, जो डोपामिन प्रणाली को उत्तेजित करता है। यह बीज मानसिक स्थिति को सुधारने और शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए उपयोगी है, और इसे यौन उत्तेजना और शक्ति में वृद्धि के लिए सेवन किया जाता है।

3 .सफेद मूसली (Chlorophytum borivilianum):

सफेद मूसली एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसे 'विज्ञानवर्धक' के रूप में जाना जाता है। यह शारीरिक सहनशक्ति को बढ़ाने, यौन शक्ति में सुधार, और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है। यह एक टॉनिक के रूप में काम करती है और पुरुषों में प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए उपयोगी मानी जाती है।

दरअसल इन तीनों पदार्थों को एक साथ मिलाकर एक शक्तिवर्धक और संतुलित आहार के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, खासकर उन राजाओं के लिए जो शारीरिक और मानसिक ताकत बनाए रखना चाहते थे। इनका सेवन शाही दरबारों में एक प्रकार के जीवन शक्ति और दीर्घायु के उपाय के रूप में किया जाता था।

यूपी में 1 एकड़ भूमि में कितने बिस्वा का प्लॉट होगा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (यूपी) में भूमि माप के विभिन्न पैमाने हैं, जो खासतौर पर बीघा, बिस्वा और एकड़ जैसी यूनिट्स के रूप में होते हैं। यह यूनिट्स पूरे भारत में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग मानक के अनुसार मापी जाती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से एक एकड़ की माप में बिस्वा और बीघा के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है।

एकड़ और बीघा का अंतर

उत्तर प्रदेश में 1 एकड़ जमीन लगभग 1.6 बीघा के बराबर होती है। हालांकि, बीघे की परिभाषा में क्षेत्रीय अंतर के कारण यूपी के कुछ हिस्सों में यह माप थोड़ा बदल सकता है। 1 बीघा की माप क्षेत्रीय मानकों पर आधारित होती है, जो प्रत्येक क्षेत्र में भिन्न हो सकती है, लेकिन आमतौर पर उत्तर प्रदेश में 1 बीघा लगभग 16 बिस्वा के बराबर मानी जाती है।

एक एकड़ में कितने बिस्वा होते हैं?

यदि हम उत्तर प्रदेश में मानक परिभाषाओं का पालन करें, तो 1 एकड़ में लगभग 32.27 बिस्वा होते हैं। इसका मतलब यह है कि 1 एकड़ भूमि में कुल 32.27 बिस्वा का क्षेत्रफल होता है। यह अनुमान क्षेत्रीय विविधताओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है, क्योंकि कुछ क्षेत्रों में 1 एकड़ की माप को थोड़ा अलग तरीके से मापा जा सकता है।

यूपी में जमीन मापने की कुछ प्रमुख इकाइयाँ:

एकड़ (Acre): एक एकड़ भूमि का माप लगभग 4046.86 वर्ग मीटर या 0.4047 हेक्टेयर के बराबर होता है। एक एकड़ में लगभग 32.27 बिस्वा होते हैं, जैसा कि उत्तर प्रदेश में बताया गया है। यह इकाई भूमि मापने के लिए एक सामान्य और मान्यता प्राप्त इकाई है।

बीघा (Bigha): बीघा की माप राज्य के अनुसार बदल सकती है, लेकिन उत्तर प्रदेश में 1 बीघा को लगभग 1.6 एकड़ माना जाता है। विभिन्न क्षेत्रों में बीघा की माप में भिन्नताएँ हो सकती हैं, जैसे कि कुछ स्थानों पर इसे 12 बिस्वा के बराबर माना जाता है, जबकि अन्य स्थानों पर यह 16 बिस्वा के बराबर हो सकता है।

बिस्वा (Biswa): बिस्वा एक बहुत ही पुरानी इकाई है और उत्तर प्रदेश में 1 बीघा में 12 से 16 बिस्वा होते हैं (क्षेत्रीय भिन्नताओं के आधार पर)। एक बिस्वा की माप स्थान विशेष पर अलग हो सकती है, लेकिन आमतौर पर यह 1/20 से 1/40 एकड़ के बराबर मानी जाती है।

धुर (Dhur): धुर की इकाई मुख्य रूप से उत्तर भारत के ग्रामीण इलाकों में प्रयुक्त होती है, और यह 1 बीघा का 1/20 से 1/40 हिस्सा होता है। हालांकि, इसकी माप में भी क्षेत्रीय भिन्नता हो सकती है। एक धुर का आकार लगभग 72 से 150 वर्ग गज के बीच हो सकता है, जो स्थान के हिसाब से बदलता है।

हाथ (Haath): हाथ की इकाई पारंपरिक रूप से व्यक्तियों के हाथ की लंबाई को मापने के लिए उपयोग की जाती है, लेकिन ज़मीन मापने में इसका उपयोग सीमित होता है। 1 हाथ लगभग 18 इंच या 45.72 सेंटीमीटर के बराबर होता है, और इसे छोटे पैमाने पर भूमि माप के लिए उपयोग किया जा सकता है।

कठ (Kath): यह एक छोटी इकाई होती है, जो आमतौर पर उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में प्रयोग की जाती है। 1 कठ में 5 धुर होते हैं, और इसका उपयोग ज़मीन के छोटे हिस्से को मापने के लिए किया जाता है।

पुरुषों में कब बनते हैं 'वीर्य', साइंस ने किया कंफर्म!

हेल्थ डेस्क: साइंस के अनुसार, पुरुषों में वीर्य (sperm) का निर्माण विशेष रूप से अंडकोष (testicles) में होता है। इस प्रक्रिया को 'स्पर्मेटोजेनेसिस' (Spermatogenesis) कहा जाता है, और यह प्रक्रिया जीवन भर लगातार होती रहती है, हालांकि इसका प्रमुख उत्पादन युवा अवस्था में अधिक होता है।

एक शोध के अनुसार लड़कों में वीर्य बनना आम तौर पर 11 से 15 साल की उम्र के बीच शुरू हो जाता है. हालांकि, यह उम्र अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग हो सकती है। यह प्रक्रिया उम्रभर होती रहती हैं, जिससे पुरुष किसी भी उम्र में पिता बन सकते हैं।

यह प्रक्रिया इस प्रकार होती है:

स्पर्मेटोजेनेसिस की शुरुआत: पुरुषों के अंडकोष में 'स्पर्मैटोगोनिया' (spermatogonia) नामक अंडाणु कोशिकाएँ होती हैं, जो शुक्राणु में विकसित होती हैं। जब पुरुष शारीरिक और यौन रूप से परिपक्व होते हैं, तो ये कोशिकाएँ विभाजित होकर शुक्राणु का निर्माण शुरू कर देती हैं।

शुक्राणु का निर्माण: स्पर्मेटोजेनेसिस के दौरान, स्पर्मैटोगोनिया से 'स्पर्मैटोसाइट' (spermatocyte) कोशिकाएँ बनती हैं, जो फिर विभाजन के जरिए शुक्राणु (sperm cells) में परिवर्तित होती हैं।

समय की प्रक्रिया: शुक्राणु का निर्माण पूरी प्रक्रिया में लगभग 64 से 74 दिन लगते हैं। इसके बाद ये शुक्राणु अंडकोष के अंदर स्थित एपिडिडिमिस (epididymis) में आते हैं, जहाँ वे परिपक्व होते हैं और शुक्राणु निषेचन के लिए तैयार होते हैं।

प्रजनन प्रणाली: जब पुरुष उत्तेजित होते हैं, तो परिपक्व शुक्राणु अंडकोष से गुर्दे के पास स्थित 'वेसिकल' (seminal vesicles) और 'प्रोस्टेट' (prostate) ग्रंथियों के माध्यम से वीर्य में मिश्रित होते हैं और वीर्य के रूप में निकलते हैं। यहीं महिला के अंडे से मिलकर एक नया जीवन तैयार करते हैं।

10 साल तक भारत रहेगा बॉस, चीन को झटका!

नई दिल्ली: Ray Dalio का ग्रेट पावर्स इंडेक्स ने 2024 में हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें अगले 10 वर्षों में विभिन्न देशों की जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत का आर्थिक भविष्य बेहद उज्जवल दिखाई देता है और यह अगले दशक में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा।

भारत की आर्थिक वृद्धि अगले 10 वर्षों में 

भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट अगले 10 वर्षों में औसतन 6.3% रहने का अनुमान है। यह आंकड़ा वैश्विक संदर्भ में भारत की अत्यधिक वृद्धि को दर्शाता है। भारत की बढ़ती आबादी, मजबूत उपभोक्ता बाजार, और सुधारात्मक नीतियां देश को लगातार आर्थिक प्रगति की दिशा में ले जा रही हैं। इसका असर यह है कि भारत के मुकाबले अन्य प्रमुख देशों की वृद्धि दर कहीं न कहीं धीमी रहेगी।

चीन और अमेरिका की अपेक्षाकृत धीमी वृद्धि

चीन, जो कि अब तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, अगले 10 साल में केवल 4% की औसत वृद्धि हासिल कर सकेगा। इसके पीछे का कारण चीन की जनसंख्या वृद्ध‍ि दर में कमी और अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक बदलावों की आवश्यकता है। वहीं, अमेरिका की वृद्धि दर 1.4% रहने का अनुमान है, जो इसकी अपेक्षाकृत स्थिर और परिपक्व अर्थव्यवस्था को दर्शाता है। हालांकि, अमेरिका अपनी स्थिरता और नवाचार में लगातार सुधार करता रहेगा, लेकिन विकास दर उतनी तेज नहीं होगी जितनी अन्य विकासशील देशों में हो सकती है।

भारत के बाद दूसरे नंबर पर यूएई

भारत के बाद, यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) अगले दशक में तेज़ी से विकास करेगा। यूएई का औसत जीडीपी ग्रोथ रेट 5.5% रहने का अनुमान है। इसका कारण है कि यूएई अपनी अर्थव्यवस्था को तेल के अलावा पर्यटन, वित्तीय सेवाओं, और व्यापार में भी विविधता प्रदान कर रहा है। इसके साथ-साथ यूएई के रणनीतिक निवेश और सरकारी नीतियां इसे क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाए रखेंगी।

अन्य तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाएं

भारत के बाद, अगले 10 वर्षों में इंडोनेशिया, सऊदी अरब, तुर्की, और चीन जैसी अर्थव्यवस्थाएं तेज़ी से बढ़ने वाली हैं। इंडोनेशिया का अनुमानित जीडीपी ग्रोथ रेट 5.5% है, जो इसे विकासशील देशों में तीसरे स्थान पर रखता है। जबकि 4.6% की वृद्धि दर के साथ सऊदी अरब अपनी तेल-आधारित अर्थव्यवस्था से हटकर नॉन-ऑयल सेक्टर में भी निवेश बढ़ा रहा है। जबकि तुर्की की वृद्धि दर 4% रहने का अनुमान है, लेकिन यह भी आर्थिक सुधारों और संरचनात्मक बदलावों के कारण कुछ गति पकड़ सकता है।

चिकन की कलेजी खाने के ये हैं 7 जादुई फायदे!

हेल्थ डेस्क: चिकन की कलेजी, जो कि चिकन का एक प्रमुख अंग है, स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है। इसमें भरपूर पोषक तत्व होते हैं जो शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों में मदद करते हैं। इसलिए आप चाहें तो इसका सेवन कर सकते हैं।

चिकन की कलेजी खाने के ये हैं 7 जादुई फायदे!

1. रक्त की कमी को दूर करना (एनीमिया): चिकन की कलेजी आयरन से भरपूर होती है, जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करती है। यह एनीमिया (रक्त की कमी) से बचाव में मदद करता है और ऊर्जा स्तर को बनाए रखता है।

2. हड्डियों को मजबूत बनाना: कलेजी में कैल्शियम, फास्फोरस और अन्य खनिज पाए जाते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं और हड्डियों से संबंधित समस्याओं को दूर रखते हैं।

3. त्वचा की चमक को बढ़ाना: चिकन की कलेजी में विटामिन A और B12 होते हैं, जो त्वचा के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। यह त्वचा की चमक को बढ़ाता है और दाग-धब्बों को कम करने में मदद करता है।

4. मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ावा देना: इसमें मौजूद विटामिन B12 मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाता है और तंत्रिका तंत्र के स्वास्थ्य को बनाए रखता है। यह याददाश्त बढ़ाने और मानसिक ताजगी बनाए रखने में मदद करता है।

5. प्रोटीन का अच्छा स्रोत: चिकन की कलेजी प्रोटीन से भरपूर होती है, जो मांसपेशियों के निर्माण और शरीर की मरम्मत में मदद करता है। यह शरीर के विकास और वृद्धि के लिए आवश्यक है।

6. दिल के स्वास्थ्य को बढ़ावा देना: कलेजी में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और विटामिन B12 होते हैं, जो दिल की सेहत को बढ़ावा देते हैं। यह रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखता है और दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करता है।

7. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना: चिकन की कलेजी में जिंक और अन्य खनिज होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करते हैं। यह संक्रमण से लड़ने में सहायक है और शरीर को स्वस्थ रखता है।

भारत पर कितना है कर्ज, जानकर हो जाएंगे हैरान!

नई दिल्ली: भारत का विदेशी कर्ज़ जून 2024 के अंत में 682.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा मार्च 2024 के अंत के मुकाबले 13.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर अधिक है। इस बढ़ोतरी ने भारतीय अर्थव्यवस्था और सरकार के वित्तीय स्थिति पर कुछ सवाल उठाए हैं। 

1. भारत का विदेशी कर्ज़ और विदेशी मुद्रा भंडार

भारत का विदेशी कर्ज़ अब देश के विदेशी मुद्रा भंडार से भी ज्यादा हो गया है। यह स्थिति एक चिंताजनक संकेत हो सकती है, क्योंकि सामान्य तौर पर देश के विदेशी मुद्रा भंडार को कर्ज़ चुकाने के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में देखा जाता है। जब कर्ज़ विदेशी मुद्रा भंडार से अधिक हो जाता है, तो यह उस देश की वित्तीय स्थिरता पर दबाव डाल सकता है, क्योंकि कर्ज़ चुकाने के लिए अधिक विदेशी मुद्रा की जरूरत हो सकती है।

2. विकासशील देशों पर असर

भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए विदेशी कर्ज़ का बढ़ना एक चुनौती हो सकती है। इन देशों के पास अक्सर सीमित राजस्व स्रोत होते हैं, और जब कर्ज़ का बोझ बढ़ता है, तो उन्हें कर्ज़ चुकाने के लिए अधिक वित्तीय संसाधनों की जरूरत पड़ती है। इस स्थिति में, सरकारों को विकास कार्यों और अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए खर्चों में कटौती करनी पड़ सकती है, जिससे समग्र आर्थिक विकास पर असर पड़ता है।

3. सॉवरेन रेटिंग पर असर

भारत के बढ़ते कर्ज़ का एक और प्रभाव देश की सॉवरेन रेटिंग पर पड़ सकता है। सॉवरेन रेटिंग उन विदेशी निवेशकों के लिए एक अहम संकेतक होती है, जो किसी देश में निवेश करने पर विचार करते हैं। यदि कर्ज़ अत्यधिक बढ़ता है और कर्ज़ चुकाने की क्षमता पर सवाल उठते हैं, तो यह रेटिंग एजेंसियों द्वारा नकारात्मक प्रतिक्रिया का कारण बन सकता है। इससे निवेशकों का विश्वास कमजोर हो सकता है, और इसके परिणामस्वरूप भारतीय रुपये की कीमत पर दबाव बढ़ सकता है।

4. भारत सरकार का कुल कर्ज़

भारत सरकार का कुल कर्ज़ सितंबर 2023 तक 161 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। इस आंकड़े के साथ देखा जाए तो पिछले 9 सालों में भारत सरकार पर कर्ज़ में 192% की बढ़ोतरी हुई है। यह वृद्धि सरकार के लिए एक बड़ी चिंता का विषय हो सकती है, क्योंकि यह संकेत देती है कि सरकारी खर्चों में बढ़ोतरी हुई है, और इसे चुकाने के लिए वित्तीय प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता हो सकती है।

5. भारत का कर्ज़ कैसे बढ़ा?

कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार को आर्थिक गतिविधियों को समर्थन देने के लिए बड़े पैमाने पर खर्च करना पड़ा, जिससे कर्ज़ में वृद्धि हुई। वहीं, सरकार द्वारा विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं और योजनाओं को पूरा करने के लिए कर्ज़ का सहारा लिया गया है। निर्यात और आयात के बीच असंतुलन के कारण भी कर्ज़ में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि भारत को अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशों से उधारी करनी पड़ती है।

दुनिया में 4 देशों के पास है एक्टिव लेजर हथियार

न्यूज डेस्क: दुनिया में सिर्फ 4 देशों के पास "एक्टिव लेजर हथियार" (Directed Energy Weapons - DEWs) हैं, जो सैन्य और रक्षा उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये लेजर हथियार उच्च ऊर्जा की किरणों का इस्तेमाल करके दुश्मन की मिसाइलों, ड्रोन, रडार सिस्टम, और अन्य उपकरणों को नष्ट करने में सक्षम होते हैं।

ये चार प्रमुख देश हैं जिनके पास एक्टिव लेजर हथियार हैं:

1 .अमेरिका (USA):

अमेरिका ने कई दशक पहले एक्टिव लेजर हथियारों का विकास शुरू किया था। इसके पास AN/SEQ-3 Laser Weapon System जैसे आधुनिक लेजर हथियार हैं जो मिसाइलों और ड्रोन पर हमला करने में सक्षम हैं। इसके अलावा, LaWS (Laser Weapon System) को भी विकसित किया गया है। अमेरिका ने लेजर हथियार तैनात कर रखें हैं।

2 .रूस (Russia):

रूस भी एक्टिव लेजर हथियारों के विकास में अग्रणी है। रूस का Peresvet लेजर सिस्टम प्रसिद्ध है, जिसे 2018 में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया था। यह हथियार उपग्रहों और मिसाइलों को निशाना बनाने में सक्षम हो सकता है। हालांकि इसकी तैनाती की खबर नहीं हैं।

3 .चीन (China):

चीन ने भी अपने लेजर हथियारों को विकसित किया है और इनका उपयोग मिसाइलों और अन्य हवा से हवा में हमले की प्रणालियों को नष्ट करने के लिए किया जा सकता है। चीन के पास High-Energy Laser Defense System जैसे लेजर हथियार हैं। चीन ने अपने लेजर हथियार तैनात कर रखें हैं।

4 .इजरायल (Israel):

इजरायल ने Iron Beam नामक एक लेजर डिफेंस सिस्टम विकसित किया है। यह सिस्टम छोटी दूरी की मिसाइलों और ड्रोन को नष्ट करने के लिए उपयोगी है। यह सिस्टम इजरायल की रक्षा क्षमताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। इजराइल ने भी लेजर हथियार की तैनाती की हैं।

चीन ने बनाया 6th जनरेशन स्टील्थ फाइटर जेट

न्यूज डेस्क: चीन ने एक बार फिर दुनिया में हलचल मचा दी है, और इस बार इसकी वजह है उसका 6th जनरेशन स्टील्थ फाइटर जेट। हाल ही में चीन के चेंग्दू रीजन में छठी पीढ़ी के दो स्टील्थ फाइटर जेट की पहली उड़ान के फोटोज और वीडियोज वायरल हो रहे हैं। यह विमान न केवल तकनीकी दृष्टि से अत्याधुनिक है, बल्कि यह चीन के सैन्य सामर्थ्य को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

चीन का 6th जनरेशन स्टील्थ फाइटर जेट

चीन के इस छठी पीढ़ी के फाइटर जेट में कई नए और उन्नत फीचर्स हो सकते हैं, जैसे कि बेहतर स्टील्थ तकनीक, अत्याधुनिक रडार और सेंसर, बेहतर ड्रोन नियंत्रण क्षमता, स्वायत्त संचालन की क्षमता, और क्यूबिक डिजाइन। इसके अलावा, इसमें मानव रहित उड़ान की भी संभावना हो सकती है। चीन ने इसके परीक्षण की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, और इसका विकास वैश्विक सैन्य जगत में एक नई प्रतियोगिता का कारण बन सकता है।

भारत का मुकाबला

जहां चीन 6th जनरेशन के स्टील्थ फाइटर जेट के परीक्षण कर रहा है, वहीं भारत अभी भी 4.5th जनरेशन के राफेल फाइटर जेट्स पर निर्भर है। राफेल विमान विश्वस्तरीय हैं, लेकिन 5th जनरेशन के विमानों की तुलना में इनकी तकनीक पीछे है। भारत के पास 5th जनरेशन के फाइटर जेट बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है, जिसका नाम AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) है।

AMCA प्रोजेक्ट का महत्व

AMCA भारत के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है, क्योंकि इससे भारत को 5th जनरेशन के फाइटर जेट्स की तकनीकी क्षमता मिल सकेगी, जो उसे चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के मुकाबले एक कदम आगे रखेगा। हालांकि, इस परियोजना की प्रगति धीमी रही है, और इसका विकास अभी भी कई तकनीकी और वित्तीय चुनौतियों से जूझ रहा है। इसे समय से पहले तैयार करना भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि चीन पहले ही अपनी छठी पीढ़ी के विमानों की दिशा में प्रगति कर चुका है।

20 की होते ही हर महिला को करवाना चाहिए 6 टेस्ट

हेल्थ डेस्क: 20 साल की उम्र के बाद महिलाओं को नियमित रूप से कुछ टेस्ट करवाने चाहिए ताकि किसी भी संभावित स्वास्थ्य समस्या का पहले से पता चल सके और उसे जल्दी से ठीक किया जा सके।  इन टेस्ट्स के माध्यम से आप अपने स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी प्राप्त कर सकती हैं और समय रहते किसी भी संभावित समस्या का समाधान कर सकती हैं।

20 की होते ही हर महिला को करवाना चाहिए 6 टेस्ट

1 .कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग: यह टेस्ट शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को मापने के लिए किया जाता है। हाई कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारी और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। इस टेस्ट से आपको अपनी कोलेस्ट्रॉल की स्थिति के बारे में पता चलता है, जिससे आप सही आहार और लाइफस्टाइल चेंजेस कर सकते हैं।

2 .रेग्युलर ब्लड टेस्ट: यह टेस्ट शरीर के विभिन्न स्वास्थ्य संकेतकों को मापने के लिए किया जाता है, जैसे कि रक्त में शर्करा का स्तर, अंगों का कार्य, और संक्रमण की स्थिति। इससे आपको शरीर की अंदरूनी स्थिति का एक स्पष्ट चित्र मिलता है।

3 .ब्लड प्रेशर टेस्ट: हाई या लो ब्लड प्रेशर की स्थिति का पता लगाने के लिए यह टेस्ट किया जाता है। लंबे समय तक उच्च रक्तचाप का स्तर हृदय रोग, किडनी की समस्याओं और स्ट्रोक का कारण बन सकता है।

4 .हीमोग्लोबिन टेस्ट: यह टेस्ट शरीर में ऑक्सीजन परिवहन क्षमता को मापता है। अगर हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो, तो यह एनीमिया की स्थिति का संकेत हो सकता है।

5 .विटामिन और थायरॉइड टेस्ट: थायरॉइड का टेस्ट यह पता लगाने में मदद करता है कि आपकी थायरॉइड ग्रंथि ठीक से काम कर रही है या नहीं। विटामिन टेस्ट से यह जाना जा सकता है कि शरीर में किस विटामिन की कमी है, जैसे कि विटामिन D और B12 की कमी।

6 .कंपलीट ब्लड काउंट (सीबीसी) टेस्ट: यह टेस्ट आपके रक्त में विभिन्न तत्वों, जैसे लाल रक्त कण, सफेद रक्त कण और प्लेटलेट्स की संख्या की जांच करता है। इससे शरीर में किसी भी प्रकार की एनीमिया, संक्रमण या रक्त संबंधी समस्याओं का पता चलता है।

इस सब्जी में होता है मीट से 50 गुना ज्यादा ताकत

हेल्थ डेस्क: कंटोला को मीट से 50 गुना ज्यादा ताकतवर माना जाता है, क्योंकि यह शाकाहारी होने के बावजूद शरीर को उतनी ही ऊर्जा और प्रोटीन प्रदान करता है, जितना कि मीट। इसके अलावा, इसमें हानिकारक वसा की मात्रा नहीं होती है। शाकाहारी भोजन के रूप में कंटोला एक उत्कृष्ट प्रोटीन स्रोत है, जो शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों से भरपूर है।

कंटोला के पोषक तत्व

कंटोला में बहुत सारे ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रोटीन (Protein), फाइबर (Fiber), विटामिन C, विटामिन A, और कई खनिज जैसे कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, और मैग्नीशियम होते हैं। इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स (Antioxidants) भी होता हैं।

कंटोला के स्वास्थ्य लाभ

1 .हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद: कंटोला रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह हृदय की सेहत को बेहतर बनाता है और दिल के दौरे और स्ट्रोक के खतरे को कम करता है।

2 .पाचन क्रिया को सुधारता है: कंटोला में उच्च मात्रा में फाइबर होने के कारण यह पेट की समस्याओं जैसे कब्ज और गैस को दूर करता है। यह आंतों की सफाई करता है और पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाता है।

3 .वजन घटाने में मददगार: कंटोला में कम कैलोरी और अधिक फाइबर होता है, जो वजन घटाने में मदद करता है। यह पेट को भरा हुआ रखता है, जिससे ओवरईटिंग से बचाव होता है।

4 .रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ाता है: कंटोला में एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन C की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता को बढ़ाती है। यह सर्दी, खांसी और अन्य मौसमी बीमारियों से बचाव करने में मदद करता है।

5 .ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है: यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि कंटोला ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा कम होती है, जिससे यह शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखता है।