नई प्रक्रिया में क्या बदलेगा?
अब प्रत्येक विद्यालय को मिड डे मील वितरण के बाद एक प्रमाणपत्र देना होगा, जिसमें उस दिन के वितरण की पूरी जानकारी दर्ज होगी। यह प्रमाणपत्र स्कूल के प्रधानाध्यापक द्वारा तैयार किया जाएगा और उस पर संबंधित शिक्षकों के हस्ताक्षर भी अनिवार्य होंगे। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि मिड डे मील योजना में कोई भी अनियमितता न हो और इसे सही तरीके से लागू किया जा सके।
सख्त निगरानी और कार्रवाई
बिहार सरकार ने कहा है कि इस नई प्रक्रिया के अंतर्गत जिला स्तर पर निगरानी को भी मजबूत किया जाएगा। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अब नियमित रूप से विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि योजना सही तरीके से लागू हो रही है। किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार के मामले में सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
पिछली शिकायतों पर गौर
हाल के वर्षों में मिड डे मील योजना के संचालन को लेकर कई तरह की शिकायतें सामने आई थीं, जिनमें भोजन की गुणवत्ता में कमी, छात्रों की उपस्थिति में हेराफेरी और वित्तीय अनियमितताओं की बातें उठाई गई थीं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए बिहार सरकार ने यह नया आदेश जारी किया है।
कड़ी निगरानी और जवाबदेही
बिहार के सरकारी स्कूलों में अब मिड डे मील योजना में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। शिक्षा विभाग के इस कदम को सकारात्मक तरीके से देखा जा रहा है क्योंकि इससे न केवल योजना में पारदर्शिता आएगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि बच्चों को गुणवत्ता वाला भोजन मिले। इसके साथ ही, योजनाओं में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को रोकने में भी मदद मिलेगी।