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राफेल Vs जे-20: भारत और चीन के जेट्स में कौन है आसमानी शेर?

नई दिल्ली: भारत और चीन दोनों एशिया के शक्तिशाली देश हैं और अपनी वायु सेना को आधुनिक बनाने में लगातार प्रयासरत हैं। भारत ने फ्रांस से अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमान खरीदे हैं, जबकि चीन ने घरेलू तकनीक से चेंगदू जे-20 स्टील्थ फाइटर तैयार किया है। इस रिपोर्ट में हम इन दोनों विमानों की पूरी तकनीकी और सामरिक तुलना करेंगे।

1. डिज़ाइन और स्टील्थ क्षमता

जे-20: यह एक फिफ्थ जनरेशन स्टील्थ फाइटर है, जिसकी डिजाइन रडार से बचने के लिए खासतौर पर की गई है। इसकी लंबी नुकीली बॉडी और इनलेट्स इसे उच्च स्टील्थ क्षमता देते हैं।

राफेल: यह एक 4.5 जनरेशन मल्टीरोल फाइटर जेट है। इसमें सीमित स्टील्थ फीचर्स हैं, लेकिन इसकी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर प्रणाली इसे दुश्मन के रडार से छिपने में मदद करती है।

2. इंजन और गति

राफेल: इसमें दो Snecma M88-2 इंजन लगे हैं, जो इसे Mach 1.8 (लगभग 2,222 किमी/घंटा) की गति देने में सक्षम हैं।

जे-20: वर्तमान में इसमें WS-10B इंजन लगे हैं, और कुछ वर्जन में रूसी AL-31F इंजन भी हैं। इसकी अधिकतम गति Mach 2.0 तक मानी जाती है।

3. हथियार प्रणाली

राफेल: इसमें SCALP क्रूज मिसाइल, Meteor BVR मिसाइल और MICA मिसाइल जैसी उन्नत हथियार प्रणाली होती है। यह हवा से हवा, हवा से जमीन और परमाणु हमलों में सक्षम है।

जे-20: इसमें PL-15 (लॉन्ग रेंज), PL-10 (शॉर्ट रेंज) और कुछ लेजर-गाइडेड बम शामिल हैं। इसकी हथियार प्रणाली काफी प्रभावशाली है, लेकिन इसकी विश्वसनीयता पर सवाल हैं।

4. एवियोनिक्स और रडार

राफेल: इसमें RBE2-AA AESA रडार, स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और हेल्मेट-माउंटेड डिस्प्ले जैसी आधुनिक टेक्नोलॉजी है।

जे-20: यह भी AESA रडार से लैस है, लेकिन इसकी इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर क्षमता राफेल के मुकाबले कुछ कम आंकी जाती है।

5. कॉम्बैट प्रूव्ड या नहीं?

राफेल: यह पहले ही कई युद्ध अभियानों (लीबिया, अफगानिस्तान, माली) में अपनी क्षमता दिखा चुका है। और इसे आसमानी शेर भी कहा जाता हैं।

जे-20: चीन का ये जेट अभी तक किसी युद्ध में हिस्सा नहीं लिया है। इसकी वास्तविक क्षमता परीक्षण के दौर में ही है। इसलिए युद्ध के अनुभव, हथियार प्रणाली और एवियोनिक्स के मामले में राफेल ज्यादा मजबूत साबित होता है।

उम्र के अनुसार कितना होना चाहिए ब्लड शुगर, देखें चार्ट

हेल्थ डेस्क: डायबिटीज आज एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, जो न केवल बुजुर्गों को बल्कि युवाओं और बच्चों को भी तेजी से प्रभावित कर रही है। इस बीमारी का सबसे अहम संकेतक है — ब्लड शुगर लेवल। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उम्र के साथ ब्लड शुगर का सामान्य स्तर भी थोड़ा-बहुत बदल सकता है? आइए जानें उम्र के अनुसार ब्लड शुगर का सामान्य स्तर क्या होना चाहिए और किन बातों का रखें ध्यान।

क्या होता है ब्लड शुगर?

ब्लड शुगर यानी रक्त में मौजूद ग्लूकोज़ की मात्रा, जो शरीर की ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। भोजन करने के बाद शरीर इसे तोड़कर ग्लूकोज़ में बदलता है, जो इंसुलिन की मदद से कोशिकाओं में पहुंचती है। जब यह प्रक्रिया बाधित होती है, तब ब्लड शुगर असामान्य रूप से बढ़ या घट सकता है।

डायबिटीज की पहचान कैसे करें?

यदि निम्न लक्षण दिखें तो तुरंत ब्लड शुगर जांच कराएं: बार-बार प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकान महसूस होना, धुंधली नजर, घाव धीरे भरना। 

उम्र के अनुसार कितना होना चाहिए ब्लड शुगर, देखें चार्ट

0–5 साल के बच्चों के लिए

खाली पेट (Fasting): 70–100 mg/dL

खाने के 2 घंटे बाद: 90–140 mg/dL

6–12 साल के बच्चों के लिए

खाली पेट (Fasting): 80–100 mg/dL

खाने के 2 घंटे बाद: 90–140 mg/dL

13–19 साल के किशोरों के लिए

खाली पेट (Fasting): 70–110 mg/dL

खाने के 2 घंटे बाद: 90–140 mg/dL

20–40 साल के युवाओं के लिए

खाली पेट (Fasting): 70–99 mg/dL

खाने के 2 घंटे बाद: 90–140 mg/dL

41–60 साल के वयस्कों के लिए

खाली पेट (Fasting): 70–100 mg/dL

खाने के 2 घंटे बाद: 90–140 mg/dL

60 वर्ष और उससे ऊपर के बुजुर्गों के लिए

खाली पेट (Fasting): 70–110 mg/dL

खाने के 2 घंटे बाद: 100–150 mg/dL

वडोदरा में डायरिया और बुखार का बढ़ता प्रकोप

वडोदरा, 2 मई: शहर में तापमान के साथ-साथ संक्रामक बीमारियों का भी ग्राफ तेजी से चढ़ रहा है। वडोदरा नगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग ने शहर के पांच प्रमुख क्षेत्रों में सर्वेक्षण किया, जिसमें डायरिया और बुखार के सैकड़ों मामले सामने आए। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसे गंभीर मानते हुए त्वरित कदम उठाए हैं।

बता दें की नगर निगम की टीम ने रामदेवनगर, मानेजा, तरसाली, वारसिया और फतेहगंज जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में अभियान चलाया, जिसमें कुल 1.31 लाख की आबादी को कवर किया गया। इस सर्वे में डायरिया के 39 मरीज और बुखार के 473 मरीज चिन्हित किए गए। गर्मी के मौसम में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है।

संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए नगर निगम ने अब तक 5367 घरों में फॉगिंग की है। इसके साथ ही संदिग्ध डेंगू के 42 नमूने लिए गए, जिनमें से 2 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं, 891 मलेरिया संदिग्ध सैंपल में से 1 केस पॉजिटिव मिला।

निर्माण स्थलों और स्कूलों पर भी चला जांच अभियान

स्वास्थ्य विभाग की एक विशेष टीम ने 30 निर्माण स्थलों पर भी सर्वे किया, जिनमें से 1 साइट को नोटिस जारी किया गया। संभावित संक्रमण के खतरे को देखते हुए 24 स्कूल और कॉलेजों की भी जांच की गई, जिसमें 2 स्कूलों को नोटिस दिया गया।

नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि, "बढ़ते तापमान के कारण पानी और भोजन से संबंधित संक्रमणों का खतरा काफी बढ़ गया है। हम लोगों से स्वच्छता बनाए रखने और किसी भी लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की अपील करते हैं।"

जनता से की गई सावधानी बरतने की अपील

नगर पालिका ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे उबला हुआ पानी पिएं, खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से बचें और किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर स्वास्थ्य केंद्रों से संपर्क करें। शहरभर में निगरानी और फॉगिंग अभियान जारी रहेगा।

यूपी के नर्सिंग कॉलेजों में एडमिशन का बदला नियम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नर्सिंग शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव करते हुए राज्य सरकार ने राजकीय नर्सिंग कॉलेजों में जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (GNM) पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया में संशोधन किया है। अब तक इंटरमीडिएट के अंकों के आधार पर मिलने वाले दाखिले की जगह अब प्रवेश परीक्षा के जरिए एडमिशन होगा। यह नई व्यवस्था शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू की जाएगी।

सरकारी आदेश के मुताबिक, अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय इस परीक्षा को आयोजित करेगा। उत्तर प्रदेश जनरल नर्सिंग एंट्रेंस टेस्ट (UPGNET-2025) के नाम से होने वाली इस प्रवेश परीक्षा के आधार पर राजकीय क्षेत्र के 9 नर्सिंग कॉलेजों की 453 सीटों पर छात्रों का चयन किया जाएगा।

निजी कॉलेजों में भी होगा परीक्षा से एडमिशन

बता दें की इससे पहले सरकार ने निजी क्षेत्र के नर्सिंग कॉलेजों में भी 2025-26 सत्र से प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दाखिले की व्यवस्था लागू करने की घोषणा की थी। राज्य में करीब 386 निजी नर्सिंग कॉलेजों में GNM की लगभग 19,000 सीटें हैं।

कौन कर सकेगा आवेदन?

स्टेट मेडिकल फैकल्टी के सचिव के अनुसार, इंटरमीडिएट पास छात्र-छात्राएं इस परीक्षा में आवेदन कर सकेंगे। अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश परीक्षा की विस्तृत जानकारी और आवेदन प्रक्रिया की सूचना जल्द जारी की जाएगी।

क्या बोले अधिकारी?

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा, “GNM की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। अब सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में एक समान प्रवेश प्रक्रिया लागू होगी।”

ये हैं सरकारी कॉलेज, जिनमें प्रवेश परीक्षा से होगा दाखिला:

केजीएमयू कॉलेज ऑफ नर्सिंग, लखनऊ

एलएलआर स्कूल ऑफ नर्सिंग, कानपुर

यूएचएम स्कूल ऑफ नर्सिंग, कानपुर

एसआरएनएच जीएनएमटीसी, प्रयागराज

जीएनएमटीसी जिला चिकित्सालय, गोरखपुर

स्कूल ऑफ नर्सिंग, जिला चिकित्सालय, बरेली

स्कूल ऑफ नर्सिंग, एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा

स्कूल ऑफ नर्सिंग, बलरामपुर चिकित्सालय, लखनऊ

स्कूल ऑफ नर्सिंग, एसबीवीपी जिला चिकित्सालय, मेरठ

यूपी में कैंप लगाकर ₹5-5 लाख लोन देगी सरकार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के युवाओं को स्वरोजगार की राह पर आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (CM YUVA) के तहत अब प्रदेश के विभिन्न जिलों में विशेष कैंप लगाकर पात्र युवाओं को ₹5 लाख तक का ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनाना है।

योजना के तहत क्या मिल रहा है लाभ?

इस योजना के अंतर्गत 21 से 40 वर्ष की आयु के उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी युवाओं को 5 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त लोन दिया जा रहा है। यह लोन उन्हें अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही सरकार की ओर से ट्रेनिंग व मार्गदर्शन की भी सुविधा दी जा रही है ताकि युवा सही दिशा में अपने उद्यम को आगे बढ़ा सकें।

जिलों में कैंप के जरिए दिया जा रहा लोन

अप्रैल माह में योजना के प्रति युवाओं का उत्साह देखने को मिला। प्रदेशभर में 48,000 से अधिक युवाओं ने इस योजना के तहत आवेदन किया। ऋण वितरण में जौनपुर जिला पहले स्थान पर रहा, उसके बाद आगरा दूसरे और हापुड़ तीसरे स्थान पर रहा।

मुख्यमंत्री ने की थी योजना की शुरुआत

इस योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 जनवरी, 2025 को उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर किया था। इसका मुख्य उद्देश्य अगले 10 वर्षों में 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है। हर साल 1 लाख युवाओं को लाभ देने का लक्ष्य तय किया गया है।

कैसे करें ऑनलाइन आवेदन?

सबसे पहले MSME विभाग की वेबसाइट पर जाएं। “New User Registration” पर क्लिक करें। योजना में ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ का चयन करें। आधार नंबर दर्ज करें और OTP द्वारा सत्यापन करें। व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि आदि स्वतः आ जाएगी। मोबाइल नंबर, जिला, ई-मेल भरकर Captcha डालें और Submit करें।

योजना की प्रमुख विशेषताएं

21 से 40 वर्ष के युवाओं को व्यवसाय स्थापित करने के लिए सहायता। 

न्यूनतम 8वीं पास युवा इस योजना के लिए पात्र। 

ब्याज मुक्त ऋण, आसान शर्तों पर चुकता करने की सुविधा। 

परियोजना लागत का 10% सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा। 

व्यवसायिक ट्रेनिंग और मेंटरशिप की सुविधा।

बिहार जमीन सर्वे: स्वघोषणा पत्र को लेकर नए निर्देश

पटना: बिहार सरकार द्वारा भूमि प्रबंधन प्रणाली को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के लिए राज्यभर में जमीन सर्वेक्षण कार्य युद्धस्तर पर जारी है। इस सर्वेक्षण अभियान का मुख्य उद्देश्य है—भूमि के स्वामित्व की सटीक जानकारी जुटाना, जमीन से जुड़ी विवादों को समाप्त करना और डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने स्वघोषणा पत्र को लेकर एक नया और महत्त्वपूर्ण निर्देश जारी किया है।

स्वघोषणा पत्र का उद्देश्य क्या है?

स्वघोषणा पत्र एक ऐसा दस्तावेज़ है, जिसमें रैयत (भूमि धारक) स्वयं यह घोषणा करता है कि संबंधित भूमि पर उसका अधिकार है और वह उससे जुड़ी सभी कानूनी जानकारियों को प्रमाणित करता है। यह पत्र भूमि के स्वामित्व को सत्यापित करने की प्रक्रिया का एक आवश्यक हिस्सा है।

नए निर्देश क्या हैं?

राज्य सरकार ने जिलों के सभी संबंधित अधिकारियों और अमीनों को यह निर्देश दिया है कि वे घर-घर जाकर रैयतों को स्वघोषणा पत्र भरवाने के लिए प्रेरित करें। जिन लोगों ने अब तक यह पत्र नहीं भरा है, उनके घर जाकर अमीन खुद स्वघोषणा पत्र और वंशावली फार्म लेकर उपस्थित होंगे। अमीन रैयतों से बातचीत कर उनसे भूमि से जुड़े कागजात लेंगे और उन्हें या तो ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा करने के लिए प्रेरित करेंगे।

रैयतों से क्या अपेक्षा की जा रही है?

सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिनके पास भूमि संबंधित कागजात उपलब्ध हैं—जैसे खतियान, रसीद, वंशावली, या अन्य दस्तावेज़—उन्हें निर्धारित समय सीमा के भीतर स्वघोषणा पत्र के साथ जमा कर देना चाहिए। इससे न केवल सर्वेक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि भविष्य में भूमि विवादों को भी रोका जा सकेगा।

यूपी में बिगड़ेगा मौसम, 16 जिलों में बारिश के आसार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मौसम एक बार फिर करवट ले रहा है। प्रदेश के कई इलाकों में गुरुवार को तेज बारिश, ओलावृष्टि और आंधी ने तापमान में गिरावट ला दी। गोरखपुर, महराजगंज, संतकबीरनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर और श्रावस्ती समेत पूर्वांचल के कई जिलों में गरज-चमक के साथ झमाझम बारिश हुई, जिससे मौसम सुहावना हो गया। गोरखपुर में तेज हवाओं और ओलों के साथ बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया।

मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए राज्य के 16 जिलों में गरज-चमक और वज्रपात का येलो अलर्ट जारी किया है। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, एक शक्तिशाली पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में सक्रिय है। इसके साथ बंगाल की खाड़ी से आ रही नमीयुक्त पुरवाई और दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के मिलन से प्रदेश का मौसम अगले कुछ दिनों तक प्रभावित रहेगा।

इन जिलों में गरज-चमक के साथ वज्रपात:

आज यानि की शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, बिजनौर, झांसी और ललितपुर में बारिश के आसार हैं। इन जिलों में शुक्रवार को तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश और बिजली गिरने की संभावना है। लोगों को खुले में न निकलने और सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

बुंदेलखंड और एनसीआर में धूलभरी आंधी के आसार

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि शुक्रवार को बुंदेलखंड और दिल्ली एनसीआर के 12 जिलों में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी आंधी चल सकती है। इसका असर यातायात और विजिबिलिटी पर भी पड़ सकता है। साथ ही, इन गतिविधियों के चलते दिन के तापमान में दो से तीन डिग्री तक की गिरावट भी देखने को मिल सकती है।

फसलों और किसानों पर असर

मौसम में इस बदलाव से रबी फसलों की कटाई पर असर पड़ सकता है। बारिश और तेज हवाएं गेहूं, चना और सरसों की फसलों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सतर्क रहने और फसलों की सुरक्षा के उपाय करने की सलाह दी है। मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वज्रपात के समय पेड़ों के नीचे खड़े न हों, बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल न करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

यूपी में फिर बदली स्कूलों की टाइमिंग, आदेश जारी

प्रयागराज। उत्तर भारत में पड़ रही झुलसाने वाली गर्मी का असर अब स्कूलों पर भी साफ दिखाई देने लगा है। प्रयागराज में लगातार बढ़ते तापमान और लू के प्रकोप को देखते हुए जिलाधिकारी (DM) प्रयागराज ने स्कूलों के समय में बदलाव का आदेश जारी किया है। यह कदम बच्चों को तेज़ धूप और भीषण गर्मी से बचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

जारी आदेश के अनुसार, अब कक्षा 1 से 8वीं तक के सभी CBSE, ICSE, सहायता प्राप्त एवं मान्यता प्राप्त हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूल सुबह 7:00 बजे से 11:30 बजे तक संचालित होंगे। यह नया समय तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

परिषदीय विद्यालयों में समय यथावत

हालांकि, यह आदेश परिषदीय विद्यालयों (राजकीय और सहायता प्राप्त प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों) पर लागू नहीं होगा। इन स्कूलों में पूर्व निर्धारित समय अनुसार ही पढ़ाई जारी रहेगी। शिक्षा विभाग का कहना है कि इन विद्यालयों के लिए अलग से कोई आदेश फिलहाल जारी नहीं किया गया है।

15 मई से शुरू होगा ग्रीष्म अवकाश

बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) प्रवीण कुमार तिवारी द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, 15 मई 2025 से सभी मान्यता प्राप्त और सहायता प्राप्त स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया है। यानी 15 मई के बाद स्कूल पूरी तरह से बंद रहेंगे।

डीएम का आदेश, बीएसए की सख्त चेतावनी

जिलाधिकारी प्रयागराज के निर्देश पर यह फैसला लिया गया है, जिसका उद्देश्य है कि बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित न हो और उनकी सेहत भी सुरक्षित रहे। बीएसए ने स्कूल प्रबंधनों को सख्त चेतावनी दी है कि आदेशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।

यूपी में 'तहसील अधिकारी' समेत 2177 पदों पर भर्ती

लखनऊ | 2 मई 2025

उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाने का शानदार अवसर आया है। भारतीय पशुपालन निगम लिमिटेड (BPNL) ने तहसील विकास अधिकारी समेत कुल 12,981 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। इस भर्ती अभियान में 10वीं पास से लेकर स्नातक, MBA, M.Tech, M.Sc जैसी उच्च योग्यताओं वाले अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन की अंतिम तिथि। 

इच्छुक और योग्य उम्मीदवार BPNL की आधिकारिक वेबसाइट bharatiyapashupalan.com के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 11 मई 2025 (रात 12 बजे तक) निर्धारित किया गया हैं।

रिक्त पदों का विवरण

चीफ प्रोजेक्ट ऑफिसर: 7 पद

डिस्ट्रिक्ट एक्सटेंशन ऑफिसर: 70 पद

तहसील डेवलपमेंट ऑफिसर: 350 पद

पंचायत पशु सेवक: 1750 पद

शैक्षिक योग्यता

उम्मीदवारों के पास 10वीं, 12वीं, स्नातक, MBA/PGDM, M.Sc, MVSc, M.E/M.Tech, CA या CS जैसी डिग्रियां होनी चाहिए। योग्यताएं पदानुसार निर्धारित की गई हैं।

वेतनमान (प्रति माह)

चीफ प्रोजेक्ट ऑफिसर: ₹75,000/- प्रतिमाह, डिस्ट्रिक्ट एक्सटेंशन ऑफिसर: ₹50,000/- प्रतिमाह, तहसील डेवलपमेंट ऑफिसर: ₹40,000/- प्रतिमाह। पंचायत पशु सेवक: ₹28,500/- प्रतिमाह।

महत्वपूर्ण निर्देश

उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि आवेदन से पहले आधिकारिक अधिसूचना को ध्यानपूर्वक पढ़ें और सभी दस्तावेज तैयार रखें। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी।

सावधान! बिहार के 10 जिलों में होगी भारी बारिश

पटना। बिहार में एक बार फिर मौसम ने करवट ले ली है। राज्य के कई जिलों में गुरुवार सुबह से ही तेज बारिश, गरज-तड़क और तेज हवाओं का सिलसिला शुरू हो चुका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के 10 से अधिक जिलों में भारी बारिश, वज्रपात और ओलावृष्टि को लेकर चेतावनी जारी की है। विभाग ने आगामी 3 मई तक पूरे राज्य में मौसम खराब रहने की संभावना जताई है।

छपरा और सीवान के लिए रेड अलर्ट

पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने छपरा और सीवान जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में भारी बारिश के साथ वज्रपात और ओले गिरने की आशंका जताई गई है। प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी गई है और लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें।

पटना, समस्तीपुर और वैशाली में ऑरेंज अलर्ट

राजधानी पटना समेत समस्तीपुर और वैशाली में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं और गरज के साथ तेज बारिश हो सकती है। स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों और खुले स्थानों पर कार्यक्रमों को स्थगित करने की सलाह दी है।

बिहार के इन जिलों के लिए येलो अलर्ट

मौसम विभाग ने गया, जमुई, शेखपुरा, लखीसराय और भोजपुर जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में भी तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। विभाग ने किसानों और खुले स्थानों पर कार्य कर रहे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

गर्मी से राहत, लेकिन सतर्कता जरूरी

बारिश के चलते राज्य भर में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है। हालांकि, बिजली गिरने और ओलावृष्टि जैसी घटनाओं को देखते हुए सावधानी बरतना जरूरी है। मौसम विभाग ने चेताया है कि शुक्रवार को भी पूरे बिहार में मौसम इसी प्रकार बना रहेगा।

बिहार में जमीन मापी हुई डिजिटल: सरकारी अमीन को करें ऑनलाइन अपॉइंट

पटना। बिहार सरकार ने जमीन मापी की पारंपरिक प्रक्रिया को डिजिटल रूप देकर इसे अधिक पारदर्शी और सरल बना दिया है। अब राज्य के भूमि धारकों (रैयतों) को मापी के लिए पटवारी या अमीन के चक्कर नहीं काटने होंगे। सरकार की ओर से शुरू किए गए ई-मापी पोर्टल (emapi.bihar.gov.in) के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने खेत या प्लॉट की मापी के लिए सरकारी अमीन को ऑनलाइन बुक कर सकता है।

ऐसे करें सरकारी अमीन की ऑनलाइन बुकिंग

1 .ई-मापी पोर्टल पर जाएं: उपयोगकर्ता को सबसे पहले बिहार सरकार के ई-मापी पोर्टल emapi.bihar.gov.in पर जाना होगा।

2 .पंजीकरण करें: इसके बाद पोर्टल पर जाकर रैयत को अपनी व्यक्तिगत जानकारी के साथ-साथ संबंधित भूमि का विवरण भरना होता है।

3 .शुल्क जमा करें: इसके बाद जमीन मापी के लिए निर्धारित शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है।

4 .सरकारी अमीन को बुक करें: शुल्क जमा करने के बाद पोर्टल पर सूचीबद्ध उपलब्ध सरकारी अमीनों में से किसी एक को बुक किया जा सकता है।

5 .माप प्रमाण पत्र प्राप्त करें: जमीन मापी पूर्ण होने के बाद, रैयत को डिजिटल हस्ताक्षर युक्त मापी रिपोर्ट पोर्टल से डाउनलोड करने की सुविधा दी जाती है।

क्या है जरूरी जानकारी?

बिहार सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि आवेदन करते समय रैयत का मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से स्वयं का ही होना चाहिए, साइबर कैफे या किसी एजेंट का नंबर नहीं चलेगा। यह कदम मापी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने और सीधे संवाद सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

मापी रिपोर्ट होगी पूरी तरह डिजिटल

ई-मापी पोर्टल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अब जमीन मापी का प्रमाण पत्र डिजिटल हस्ताक्षर के साथ उपलब्ध होगा। इसका मतलब यह है कि रैयत को न तो कार्यालय के चक्कर लगाने होंगे, न ही किसी दलाल के पास जाने की ज़रूरत है।

यूपी में नौकरियों की बहार: इंटरव्यू से सीधी भर्ती!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बेरोजगार युवाओं के लिए सुनहरा अवसर सामने आया है। मई महीने की शुरुआत के साथ ही प्रदेश के कई जिलों में रोजगार मेलों का आयोजन किया जा रहा है, जहां पर युवाओं को सीधे इंटरव्यू के आधार पर नौकरी दी जाएगी। चयनित अभ्यर्थियों को 6,000 रुपये से लेकर 24,000 रुपये प्रतिमाह तक की सैलरी ऑफर की जा रही है।

वाराणसी: 3 मई को रोजगार मेला

वाराणसी में 3 मई को ‘खण्डेश्वरी बाबा इंटर कॉलेज, चॉदपुर मुस्तफाबाद बलुआ रोड’ पर रोजगार मेले का आयोजन होगा। इस मेले में 3465 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। पदों में लोन ऑफिसर, होटल मैनेजमेंट स्टाफ, सुपरवाइजर, ऑफिस असिस्टेंट और हेल्पर शामिल हैं। चयनित युवाओं को 12,000 से 20,000 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा।

अलीगढ़: 3 मई को युवाओं के लिए अवसर

अलीगढ़ में भी 3 मई को एसएसएलडी वार्णोय, इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, एटा रोड पर जॉब फेयर आयोजित किया जाएगा। 18 से 30 वर्ष तक के युवा इसमें हिस्सा ले सकते हैं।

आगरा: 5 मई को निशुल्क रोजगार मेला

आगरा में 5 मई को क्षेत्रीय कार्यालय, ऑफिसर साई का टकिया, एम.जी. रोड पर जॉब फेयर होगा। युवाओं को इसमें बिल्कुल निशुल्क भाग लेने की अनुमति है। उम्र सीमा 18 से 35 वर्ष तक रखी गई है और वेतन 6,000 से 14,000 रुपये तक तय किया गया है।

प्रयागराज: 6 मई को सेल्स और मार्केटिंग पदों पर भर्तियां

प्रयागराज में 6 मई को होने वाले रोजगार मेले में सेल्स ऑफिसर और मार्केटिंग ऑफिसर के पदों पर भर्तियां होंगी। सैलरी 15,500 रुपये प्रतिमाह तक निर्धारित है।

मऊ और भदोही: 7 और 8 मई को रोजगार मेले

मऊ में 7 मई को सेवायोजन कार्यालय, आईटीआई कैंपस, सहादतपुरा में मेला लगेगा, वहीं 8 मई को भदोही के ज्ञानपुर जिला रोजगार कार्यालय में आयोजन होगा। यहां रजिस्ट्रेशन की सुविधा ऑन स्पॉट दी जाएगी।

जौनपुर: 9 मई को 457 वैकेंसी

जौनपुर में 9 मई को रोजगार मेले का आयोजन राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, सिद्दीकपुर में किया जाएगा। इसमें 457 पद भरे जाएंगे जिनमें उत्कर्ष बैंक, कंस्ट्रक्शन टेक्नीशियन, अप्रेंटिस, और सेल्स रिप्रेजेंटेटिव शामिल हैं। सैलरी 10,000 से 17,700 रुपये के बीच होगी।

सुल्तानपुर और मऊ: 13 और 14 मई को अवसर

सुल्तानपुर में 13 मई को आईटीआई पयागीपुर में रोजगार मेला लगेगा। फ्रेशर्स भी भाग ले सकते हैं। उम्र सीमा 18 से 35 वर्ष तय की गई है। 14 मई को एक बार फिर मऊ में मेला होगा, जिसमें 150 पदों पर भर्ती की जाएगी और सैलरी 24,000 रुपये तक दी जा सकती है।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा

अभ्यर्थी सेवायोजन विभाग की वेबसाइट या रोजगार संगम पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। हालांकि, मौके पर भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा मौजूद रहेगी।

भारत की 5 मिसाइलें: पाकिस्तान के हर ठिकाने तक पहुंच सकती हैं

नई दिल्ली। भारत की सामरिक शक्ति दिनोंदिन मजबूत होती जा रही है और इसकी सबसे बड़ी वजह है देश की मजबूत मिसाइल तकनीक। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की गई कई मिसाइलें अब इतनी सक्षम हो चुकी हैं कि वे पाकिस्तान के किसी भी कोने को चंद मिनटों में निशाना बना सकती हैं। 

1. अग्नि-5 (Agni-V): भारत का सबसे लंबी दूरी वाला घातक हथियार

अग्नि-5 भारत की सबसे लंबी दूरी की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है, जिसकी रेंज लगभग 5,000 से 5,500 किलोमीटर है। यह मिसाइल न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम है और एक बार लॉन्च होने के बाद यह पाकिस्तान ही नहीं, चीन तक को निशाना बना सकती है। इसे मोबाइल लॉन्चर से दागा जा सकता है और यह MIRV (Multiple Independently targetable Reentry Vehicle) तकनीक से लैस हो सकती है, जिससे एक ही मिसाइल कई निशानों को भेद सकती है।

2. अग्नि-4 (Agni-IV): मध्यम दूरी की सटीक वार करने वाली मिसाइल

अग्नि-4 मिसाइल की रेंज लगभग 4,000 किलोमीटर है और यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बनी है। यह परमाणु हथियार ढोने में सक्षम है और हाई-स्पीड रिएंट्री व्हीकल से लैस होने के कारण इसका इंटरसेप्ट करना बेहद मुश्किल है। अग्नि-4 भारत की सेकंड स्ट्राइक क्षमता को मजबूत करता है।

3. अग्नि-3 (Agni-III): पाकिस्तान की गहराई तक पहुंच

अग्नि-3 भारत की पहली लंबी दूरी की मिसाइलों में से एक है जिसकी रेंज 3,000 से 3,500 किलोमीटर है। यह मिसाइल 1.5 टन तक वॉरहेड ले जाने में सक्षम है और भारत की स्ट्रैटजिक फोर्सेज कमांड का अहम हिस्सा है। इसकी लॉन्चिंग क्षमता लैंड-बेस्ड मोबिलिटी के कारण इसे कहीं से भी लॉन्च किया जा सकता है।

4. अग्नि-2 (Agni-II): फास्ट रिस्पॉन्स और हाई एक्सेसरेसी

अग्नि-2 की रेंज लगभग 2,000 से 2,500 किलोमीटर है, जिससे यह पाकिस्तान के हर महत्वपूर्ण सैन्य और राजनीतिक ठिकाने को निशाना बना सकती है। इसकी ड्यूल-स्टेज सॉलिड फ्यूल टेक्नोलॉजी और उच्चतम सटीकता इसे एक भरोसेमंद हथियार बनाती है।

5. के-4 मिसाइल: समंदर से हमला करने वाली ताकत

के-4 एक सबमरीन-लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) है, जिसकी रेंज लगभग 3,500 किलोमीटर है। इसे भारत की परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे यह 'Second Strike Capability' का हिस्सा बनती है। इसका मतलब है कि भारत किसी भी पहले हमले के बाद भी जवाबी कार्रवाई कर सकता है — वह भी दुश्मन के अनुमान से बाहर की दिशा से।

भारत का 'लेजर हथियार' तैयार, दुश्मनों पर होगा वार

नई दिल्ली। भारत की रक्षा ताकत को अब नई धार मिल गई है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में एक 30 किलोवाट की उच्च-शक्ति लेजर हथियार प्रणाली का सफल परीक्षण किया है, जो दुश्मन के ड्रोन, मिसाइल और यहां तक कि हवाई जहाज को भी आसमान में ही ध्वस्त करने की क्षमता रखता है। यह तकनीक भारत को उन चुनिंदा देशों की कतार में खड़ा करती है जिनके पास डायरेक्टेड-एनर्जी वेपन्स (DEWs) यानी लेजर हथियार की उच्चतम क्षमता मौजूद है।

क्या है यह लेजर हथियार?

यह लेजर हथियार एक अत्याधुनिक डायरेक्टेड एनर्जी सिस्टम है, जो बिजली की शक्ति को केंद्रित लेजर बीम में बदलता है। यह बीम टारगेट पर इतनी तीव्र ऊर्जा छोड़ता है कि वह पलक झपकते ही नष्ट हो जाता है। DRDO ने इस तकनीक को पूरी तरह स्वदेशी रूप से विकसित किया है। इसमें इस्तेमाल होने वाले ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और थर्मल कंट्रोल तकनीक भी भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा ही तैयार की गई है।

परीक्षण में दिखाई ताकत

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 30 किलोवाट के इस लेजर सिस्टम ने परीक्षण के दौरान कम ऊंचाई पर उड़ रहे ड्रोन और टारगेट्स को बिना किसी मिसाइल या गोला-बारूद के पूरी तरह खत्म कर दिया। यह हथियार पूरी तरह साइलेंट है और दुश्मन को प्रतिक्रिया का मौका दिए बिना उसे निष्क्रिय कर देता है।

क्यों खास है यह तकनीक?

लेजर सीधे लक्ष्य पर वार करता है, जिससे कोलैटरल डैमेज की संभावना बेहद कम हो जाती है। वहीं, पारंपरिक मिसाइलों की तुलना में लेजर हमला बेहद सस्ता है। इसकी सबसे खास बात यह है की जब तक बिजली की आपूर्ति है, तब तक यह लगातार हमला कर सकता है।

भारत के लिए क्या है इसका महत्व?

इस तकनीक के सफल परीक्षण के साथ भारत अब अमेरिका, रूस, चीन और इजराइल जैसे देशों की सूची में शामिल हो गया है जो पहले से ही लेजर वेपन्स पर काम कर रहे हैं। यह कदम एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूती देने के साथ-साथ फ्यूचर वारफेयर की दिशा में भारत की तैयारी को भी दर्शाता है।

भारत Vs पाकिस्तान: किस देश के पास हैं घातक ड्रोन?

नई दिल्ली। 21वीं सदी का युद्ध अब बंदूकों और टैंकों से नहीं, तकनीक से लड़ा जा रहा है — और ड्रोन इस नई युद्ध शैली का सबसे शक्तिशाली हथियार बन चुके हैं। एयर स्ट्राइक हो या निगरानी मिशन, दुश्मन की सरहद में बिना किसी सैनिक को भेजे ही कार्रवाई करना अब संभव है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि भारत और पाकिस्तान में किस देश के पास है ज़्यादा घातक और उन्नत ड्रोन शक्ति?

भारत: टेक्नोलॉजी में अग्रणी, अब आत्मनिर्भर की ओर

भारत ने बीते एक दशक में ड्रोन तकनीक में जबरदस्त प्रगति की है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO), हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), और निजी कंपनियों के सहयोग से भारत अब न केवल उन्नत सर्विलांस ड्रोन बना रहा है, बल्कि हथियारयुक्त कॉम्बैट ड्रोन के क्षेत्र में भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

भारत के प्रमुख ड्रोन:

Heron (इज़रायल निर्मित): निगरानी और लंबी दूरी की टोही में सक्षम।

Switch UAV (स्वदेशी): सेना के लिए हल्के, पोर्टेबल ड्रोन, जो LoC पर तैनात किए गए हैं।

Rustom-II (स्वदेशी): DRDO द्वारा विकसित, निगरानी और स्ट्राइक मिशनों के लिए तैयार किया जा रहा है।

Predator MQ-9B (अमेरिकी ड्रोन): भारत ने हाल ही में अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन खरीदने की डील फाइनल की है, जो मिसाइलों और बमों से लैस होते हैं।

पाकिस्तान: चीन पर निर्भर, लेकिन हमलों में तेजी

पाकिस्तान ने हाल के वर्षों में चीन के साथ मिलकर अपनी ड्रोन शक्ति को बढ़ाया है। हालांकि तकनीकी रूप से यह भारत से पीछे है, लेकिन कम लागत में कारगर ड्रोन ऑपरेशन करने की रणनीति पर काम कर रहा है और चीन तुर्की से ड्रोन की खरीद कर रहा हैं।

पाकिस्तान के प्रमुख ड्रोन:

Shahpar II: निगरानी और सीमित हथियार क्षमता वाला ड्रोन।

Wing Loong II (चीनी): अटैक ड्रोन, लेजर-गाइडेड मिसाइल से लैस।

Burraq (स्वदेशी/चीनी तकनीक पर आधारित): पाकिस्तान का पहला हथियारयुक्त ड्रोन, जो सीमित स्ट्राइक क्षमता रखता है।

सावधान रहें! आज यूपी के 11 जिलों में गिरेंगे ओले

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश, आंधी और ओलावृष्टि से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को यूपी के 11 जिलों में ओले गिरने और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। वहीं, बुधवार को गोरखपुर-बस्ती मंडल में मौसम की मार ने चार लोगों की जान ले ली।

बता दें की गुरुवार को यूपी के गोरखपुर, महराजगंज, संतकबीरनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर और श्रावस्ती में तेज बारिश के साथ ओले गिरे। गोरखपुर में हवा की रफ्तार इतनी तेज थी कि कई पेड़ उखड़ गए और जनसंपत्ति को नुकसान पहुंचा। साथ ही बिजली गिरने की घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई, जिससे इलाके में दहशत का माहौल है।

इन जिलों में आज रहेगा खतरा

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, शुक्रवार को सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, मथुरा, हाथरस, आगरा, झांसी और ललितपुर में ओले पड़ने और बिजली गिरने की प्रबल आशंका है। लोगों को घरों में रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।

कृषि पर असर, किसान चिंतित

ओलावृष्टि से किसानों की चिंता बढ़ गई है। खासकर गेहूं और आम की फसल को भारी नुकसान होने की आशंका है। किसान संगठनों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है और कृषि विभाग को फसल का तत्काल सर्वेक्षण करने को कहा गया है।

प्रशासन अलर्ट मोड पर

बदले मौसम को देखते हुए जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग को सतर्क कर दिया गया है। सभी संबंधित विभागों को चौकस रहने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।

सुरक्षा के लिए बरतें सावधानी

मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे खुले में न जाएं, पेड़ों या बिजली के खंभों के नीचे न खड़े हों और मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्रयोग से बचें। खेतों में काम कर रहे किसानों से भी आग्रह किया गया है कि वे सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।

कानपुर में एक और आउटर रिंग रोड, गंगा पर 4 नए पुल

कानपुर, 2 मई:

उत्तर प्रदेश का औद्योगिक नगर कानपुर एक बार फिर विकास के नए युग में प्रवेश करने को तैयार है। ‘विजन-2051’ के तहत शहर के सर्वांगीण विकास के लिए 1.32 लाख करोड़ रुपये की 105 परियोजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। इसमें सबसे प्रमुख है 124 किलोमीटर लंबी एक और आउटर रिंग रोड का निर्माण, गंगा नदी पर चार नए पुल, रैपिड रेल कॉरिडोर और एयरपोर्ट का विस्तार।

कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) द्वारा तैयार किए गए विजन डाक्युमेंट में वर्ष 2051 तक की जरूरतों का खाका खींचा गया है। यह दस्तावेज कंसलटेंसी कंपनी ट्रैक्टेबेल द्वारा चार वर्षों की मेहनत से तैयार किया गया है और अब इसे नगर निगम, एनएचएआई सहित अन्य विभागों को भेजा जा रहा है ताकि उनके सुझावों के आधार पर अंतिम मंजूरी के लिए शासन को सौंपा जा सके।

एक और आउटर रिंग रोड, गंगा पर चार-चार लेन के दो पुल

फिलहाल शहर के चारों ओर 93.20 किलोमीटर की आउटर रिंग रोड का निर्माण चल रहा है। इसी के समानांतर अब एक और आउटर रिंग रोड बनाई जाएगी, जिसकी लंबाई 124 किलोमीटर होगी। यह रिंग रोड चौबेपुर से शुरू होकर बिधनू, भिसार होते हुए अचलगंज (उन्नाव) तक फैलेगी। इस रूट पर गंगा नदी पर चार-चार लेन के दो नए पुल बनाने की योजना है। इसके अलावा, दो और पुलों का प्रावधान भी किया गया है जिससे शहर और आसपास के क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी।

स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम और सड़कों का चौड़ीकरण

विजन के तहत मेट्रो विस्तार को भी प्रमुखता दी गई है। आईआईटी से मंधना और पनकी से कैंट तक मेट्रो के नए रूट जोड़े जाएंगे, जिससे नेटवर्क में कुल 74.92 किलोमीटर की वृद्धि होगी। इसके साथ ही शहर में कई प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण किया जाएगा, जैसे कि पनकी तिराहा से कल्याणपुर छह लेन रोड, भौंती-रमईपुर चार लेन मार्ग, और रामादेवी से सरसौल तक छह लेन की सड़क।

78 लाख की आबादी को ध्यान में रखकर तैयार योजना

विजन-2051 की खास बात यह है कि इसे कानपुर की संभावित 78 लाख की आबादी को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसमें आवासीय टाउनशिप, सात मल्टीलेवल पार्किंग, व्यावसायिक हब, सड़क चौड़ीकरण और पर्यावरण अनुकूल योजनाएं शामिल हैं ताकि बढ़ती जनसंख्या के अनुसार शहर में आवास, परिवहन और रोजगार की समस्या ना हो।

यूपी में मृत लोग ले रहे वृद्धा पेंशन, घर-घर जांच शुरू

लखनऊ, 2 मई:

उत्तर प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन योजना में बड़ा खुलासा हुआ है। राज्य के विभिन्न जिलों में कुछ ऐसे लाभार्थियों को भी पेंशन मिलती रही है, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। मृत व्यक्तियों के नाम पर पेंशन जारी होने से सरकार की योजनाओं की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं। इस गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने अब घर-घर जांच अभियान शुरू कर दिया है।

फर्जी और मृत लाभार्थियों की होगी पहचान

राज्य सरकार ने सामाजिक कल्याण विभाग को निर्देश दिया है कि वह सभी पेंशन लाभार्थियों का फिजिकल वेरिफिकेशन करे। इसके तहत ग्राम पंचायतों और शहरी वार्डों में टीमों को भेजा जा रहा है, जो हर लाभार्थी के घर जाकर यह पुष्टि कर रही हैं कि वह जीवित है और वास्तव में पेंशन पाने का पात्र है। इस अभियान का मकसद मृत, अयोग्य और फर्जी लाभार्थियों को पेंशन पोर्टल से हटाना है।

तकनीकी खामियां बनीं गड़बड़ी की वजह

सूत्रों के अनुसार, यह गड़बड़ी लंबे समय से चल रही थी, लेकिन डिजिटल रिकॉर्ड अपडेट न होने के कारण मृत व्यक्तियों के बैंक खातों में लगातार पेंशन ट्रांसफर होती रही। कई मामलों में परिजनों ने मृत्यु की सूचना संबंधित विभाग को नहीं दी, जिससे सिस्टम में लाभार्थी 'सक्रिय' बना रहा।

जिलों को निर्देश: जल्द सौंपें रिपोर्ट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल्द जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाए। साथ ही, जिन कर्मचारियों की लापरवाही से यह स्थिति बनी, उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं।

राज्य में पेंशन योजना का दायरा

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पात्र नागरिकों को ₹1000 प्रतिमाह की पेंशन दी जाती है। इस योजना से लाखों बुजुर्ग लाभान्वित होते हैं, लेकिन फर्जीवाड़े की वजह से वास्तविक जरूरतमंदों को इसका नुकसान उठाना पड़ता है।

बिहार में बकरी पालन पर सरकार दे रही ₹13,500 की सब्सिडी

पटना: बिहार सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और गरीब परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में राज्य के पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा एक महत्वाकांक्षी योजना — बकरी पालन योजना को ज़मीन पर उतारा गया है। इस योजना का उद्देश्य बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों को बकरी पालन के ज़रिए स्वरोजगार से जोड़ना और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी करना है।

बता दें की इस योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को एक बकरा और दो बकरियां निशुल्क या बेहद कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। सरकार इन बकरियों पर सामान्य वर्ग के लिए ₹12,000 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए ₹13,500 तक का अनुदान प्रदान कर रही है।

"पहले आओ, पहले पाओ"

इस योजना का लाभ 'पहले आओ, पहले पाओ' की तर्ज पर दिया जा रहा है। यानी जो बीपीएल परिवार पहले आवेदन करेंगे, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। पशुपालन विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि बकरियां अनुदानित दरों पर दी जा रही हैं और चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है।

स्वरोजगार की दिशा में पहल

पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जो कम लागत में शुरू किया जा सकता है और कुछ ही महीनों में लाभ देना शुरू कर देता है। यह खासतौर पर महिलाओं और छोटे किसानों के लिए स्वावलंबन की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो रहा है। बकरी का दूध, मांस और बच्चे — तीनों से आमदनी होती है, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

लाभुकों में दिख रहा उत्साह

ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। कई लाभार्थियों ने बताया कि पहले उनके पास आय का कोई निश्चित साधन नहीं था, लेकिन अब बकरी पालन से वे नियमित आमदनी कर पा रहे हैं। यह योजना न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सामाजिक रूप से भी सशक्तिकरण का माध्यम बन रही है।

बिहार में मछली पालकों के लिए बड़ी खबर, तुरंत पढ़ें

पटना: बिहार समेत पूरे देश के मछली पालकों और मछुआरों के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक नई पहल की गई है। सरकार ने मत्स्य पालन क्षेत्र को संगठित, पारदर्शी और डिजिटल बनाने के उद्देश्य से "नेशनल फिशरिज डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDP)" की शुरुआत की है। अब इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य कर दिया गया है।

सरकार का दावा है कि यह योजना मछली पालकों और मछुआरों के लिए फायदेमंद साबित होगी। इसके माध्यम से उन्हें सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल सकेगा, सब्सिडी, प्रशिक्षण, ऋण सुविधा और विपणन से जुड़ी जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर मिलेगी।

हालांकि, जमीन पर तस्वीर कुछ और ही है। रजिस्ट्रेशन की रफ्तार बेहद धीमी है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि अभी भी इस योजना को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है। इसलिए यदि आप मछली पालन करते हैं तो रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रूप से करा लें।

क्या है NFDP?

NFDP यानी नेशनल फिशरिज डिजिटल प्लेटफॉर्म एक केंद्रीकृत डिजिटल व्यवस्था है, जहां देश के सभी मत्स्य पालकों, मछुआरों, व्यापारियों और संबंधित व्यवसायों को एक साथ जोड़ा जाएगा। इस पोर्टल के जरिए सभी डेटा एकत्रित किए जाएंगे, जिससे योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सकेगा।

रजिस्ट्रेशन क्यों है जरूरी?

सरकार ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में मत्स्य पालन से जुड़ी सभी सरकारी योजनाओं का लाभ केवल NFDP पर पंजीकृत लाभार्थियों को ही मिलेगा। इसलिए रजिस्ट्रेशन करना अब सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि एक जरूरी कदम बन गया है।

क्या है रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया?

रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ऑनलाइन है। इच्छुक लाभार्थी NFDP की वेबसाइट पर जाकर अपना नाम, पहचान पत्र, व्यवसाय से जुड़ी जानकारी और बैंक विवरण दर्ज कर सकते हैं। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और तकनीकी जानकारी की कमी के कारण कई मछली पालक अभी तक इससे जुड़ नहीं पाए हैं।

यूपी के इस शहर में शराबियों की भरमार, एक महीने में गटक गए 14 लाख लीटर!

नोएडा: यूपी का हाईटेक शहर नोएडा अपनी अमीरी और शौक के लिए जाना जाता है। हाल के आंकड़े इस शहर के शराबी कल्चर की एक नई तस्वीर पेश की हैं। अप्रैल 2025 में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में शराब की खपत ने एक नया रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस महीने में शहर के शराबियों ने लगभग 14 लाख लीटर शराब गटक दी, जिससे राज्य सरकार को 64 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ।

आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में शराब की बिक्री ने करीब 280 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया, जो पिछले साल के अप्रैल माह के मुकाबले 60-70 प्रतिशत अधिक है। इसमें अंग्रेजी शराब, देसी शराब और बीयर की खपत शामिल है। यह वृद्धि इस बात को दर्शाती है कि शराब के शौकीनों की संख्या शहर में लगातार बढ़ रही है और साथ ही इसके व्यापार में भी अभूतपूर्व उछाल देखने को मिल रहा है।

शराब की बिक्री में इज़ाफा:

इस बढ़ी हुई शराब की खपत से सरकार को राजस्व के रूप में भारी लाभ हुआ है। पिछले साल अप्रैल महीने के मुकाबले इस साल अप्रैल में 64 करोड़ रुपये ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस आंकड़े ने साबित कर दिया है कि शराब की बिक्री अब केवल एक व्यापार नहीं, बल्कि एक बड़ी अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन चुकी है।

आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शराब की दुकानों की संख्या में वृद्धि और नई दुकानों के खुलने से शराब की बिक्री में इज़ाफा हुआ है। इसके साथ ही शहर में शराब की विभिन्न किस्मों, विशेषकर विदेशी शराब और बीयर की खपत में भारी वृद्धि देखने को मिली है। यह बदलाव शहर के रहने वालों के बदलते शौक और जीवनशैली को भी दर्शाता है।

नए प्रॉफिट मॉडल ने शराब कारोबार को बढ़ावा दिया

नोएडा में शराब के कारोबार के नए प्रॉफिट मॉडल ने भी शराब की खपत को बढ़ावा दिया है। शराब की दुकानों के कंपोजिट होने और नई दुकानों के खुलने से व्यापार में नया जोश आया है। इसके अलावा, शराब की कीमतों में होने वाली हल्की वृद्धि और शराब पर मिल रही छूट भी ग्राहकों को आकर्षित कर रही है।

यूपी के सभी 75 जिलों में लागू होगी ये नई व्यवस्था

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के 75 जिलों में नगरीय निकायों के संपत्ति संबंधी कार्यों की प्रक्रियाओं और शुल्क संरचना में एकरूपता लाने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वसीयत, बंटवारा और अन्य नामांतरण के मामलों में अब राज्य के सभी नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में एक समान प्रक्रिया और शुल्क व्यवस्था लागू की जाए।

नगरीय निकायों में भिन्नता दूर करने की पहल

बता दें की इस समय प्रदेश के विभिन्न नगर निगमों और पालिकाओं में नामांतरण प्रक्रिया और शुल्कों में व्यापक भिन्नताएं देखी जा रही हैं। उदाहरण के तौर पर, गाजियाबाद नगर निगम में वसीयत के आधार पर संपत्ति के नामांतरण के लिए ₹5000 शुल्क लिया जाता है, जबकि लखनऊ नगर निगम में यही कार्य निशुल्क किया जाता है। इसी तरह, मेरठ नगर निगम में संपत्ति के बंटवारे के नामांतरण पर 3% शुल्क लिया जाता है, जबकि प्रयागराज नगर निगम में यह शुल्क मात्र ₹2000 है।

नई व्यवस्था से होगी पारदर्शिता और सुविधा में वृद्धि

प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में वसीयत, बंटवारा और संपत्ति कर निर्धारण सूची में संशोधन, परिवर्तन की प्रक्रिया तथा शुल्क में समानता लाई जाएगी। इस कदम से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि नागरिकों को किसी भी कार्य में होने वाली देरी और आर्थिक शोषण से भी बचाव होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद अब नगर विकास विभाग इस दिशा में नई नियमावली और शुल्क दरों को तय करने की प्रक्रिया में जुट गया है। जल्द ही इसे कैबिनेट के सामने संस्तुति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।

नगरीय प्रशासन में सुधार की दिशा में अहम कदम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम राज्य के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हो सकता है। इससे न केवल प्रशासन में सुधार होगा, बल्कि 'ईज ऑफ लिविंग' के तहत नागरिकों को बेहतर और समावेशी सेवाएं मिलेंगी। इस नई व्यवस्था के तहत नागरिकों को किसी भी नगर निगम या पालिका में समान प्रक्रिया और शुल्क की सुविधा मिलेगी, जिससे उन्हें किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।

बिहार में 'पदाधिकारी' बनने का मौका, आवेदन शुरू

पटना, 1 मई 2025: बिहार सरकार के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने वनों के क्षेत्र पदाधिकारी के लिए भर्ती निकाली है। इस भर्ती में कुल 24 रिक्त पदों पर नियुक्ति की जाएगी। इच्छुक उम्मीदवारों के लिए आवेदन प्रक्रिया आज यानी 1 मई से शुरू हो गई है, और अंतिम तिथि 1 जून 2025 तक है।

आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पूरा विवरण देखना होगा। उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे निर्धारित शैक्षिक योग्यता और अन्य आवश्यक पात्रताओं को पूरा करते हों। इस भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता के तहत उम्मीदवार को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduation) डिग्री प्राप्त होनी चाहिए।

चयन प्रक्रिया को तीन चरणों में बांटा गया है:

1 .लिखित परीक्षा: सबसे पहले उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा में सफलता प्राप्त करनी होगी। यह परीक्षा पर्यावरण और वन क्षेत्र से संबंधित विषयों पर आधारित होगी।

2 .साक्षात्कार: लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा, जिसमें उनकी समग्र क्षमता और विषय ज्ञान का मूल्यांकन किया जाएगा।

3 .शारीरिक मापदंड परीक्षण: चयन के अंतिम चरण में शारीरिक मापदंड परीक्षण होगा, जिसमें उम्मीदवारों की शारीरिक स्थिति और फिटनेस की जांच की जाएगी।

आवेदन की प्रक्रिया: उम्मीदवारों को आवेदन के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर आवेदन फॉर्म भरना होगा। आवेदन पत्र में सभी जानकारी सही तरीके से भरनी होगी, साथ ही आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन कॉपी भी अपलोड करनी होगी। आवेदन फॉर्म की अंतिम तिथि 1 जून 2025 है, जिसके बाद किसी भी आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

सहायक अध्यापक बनने का मौका! यूपी में बड़ी भर्ती

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सहायक अध्यापक (टीजीटी) भर्ती की प्रतीक्षा कर रहे 8.69 लाख अभ्यर्थियों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रस्तावित सहायक अध्यापक भर्ती की परीक्षा की नई तिथि घोषित कर दी गई है। अब यह परीक्षा 21 और 22 जुलाई 2025 को आयोजित की जाएगी।

बता दें की उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के परीक्षा नियंत्रक देवेंद्र प्रताप सिंह ने इस संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इससे पहले यह परीक्षा 14 और 15 मई को प्रस्तावित थी, जिसे आयोग ने स्थगित कर दिया था।

पहले भी दो बार टल चुकी है परीक्षा

यह पहली बार नहीं है जब टीजीटी परीक्षा टाली गई हो। इससे पहले यह परीक्षा अप्रैल में प्रस्तावित थी, जिसे बाद में मई में शिफ्ट किया गया। अब जुलाई में इसे आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। परीक्षा के बार-बार टलने से अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति बनी रही है।

हालांकि आयोग ने परीक्षा स्थगन के पीछे कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक परीक्षा में रिकॉर्ड संख्या में आवेदन और केंद्र निर्धारण की चुनौतियों के कारण तैयारियां पूरी नहीं हो सकीं। सरकार द्वारा केंद्र निर्धारण को लेकर नियम सख्त किए गए हैं, जिससे आयोग को पर्याप्त परीक्षा केंद्र जुटाने में समय लग रहा है।

13.19 लाख अभ्यर्थियों ने किया आवेदन

गौरतलब है कि टीजीटी-पीजीटी के कुल 4,163 पदों पर भर्ती के लिए वर्ष 2022 में विज्ञापन जारी किया गया था। अगस्त 2022 में आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। आयोग को 13.19 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से टीजीटी के 3,539 पदों के लिए 8.69 लाख और पीजीटी के 624 पदों के लिए 4.50 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।

पीजीटी परीक्षा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम पर

प्रवक्ता (पीजीटी) पदों के लिए लिखित परीक्षा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 18 और 19 जून को ही आयोजित की जाएगी। इसमें किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है।

अहमदाबाद में Junior Research Fellow के पदों पर भर्ती

अहमदाबाद: फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी (PRL), अहमदाबाद ने विज्ञान क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए सुनहरा अवसर प्रदान किया है। संस्थान ने जूनियर रिसर्च फेलो (JRF) के एक पद के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। यह भर्ती विज्ञान में शोध की दिशा में कदम रखने वाले होनहार उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

इस पद के लिए वे उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं जिन्होंने एम.एस.सी. (M.Sc.) की डिग्री प्राप्त की हो। चयनित अभ्यर्थी को प्रति माह रु. 37,000 से लेकर रु. 42,000 तक का वेतन मिलेगा। PRL अहमदाबाद का यह कदम भारत में अनुसंधान को प्रोत्साहन देने और युवा प्रतिभाओं को आगे लाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास माना जा रहा है। 

आवेदन की अंतिम तिथि 20 मई 2025 निर्धारित की गई है और यह प्रक्रिया ऑफलाइन माध्यम से पूरी की जाएगी। इच्छुक उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे समय रहते PRL की आधिकारिक वेबसाइट prl.res.in पर जाकर आवेदन से संबंधित सभी दिशा-निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

आपको बता दें की इस पद के लिए उम्मीदवारों की अधिकतम आयु सीमा 26 वर्ष निर्धारित की गई है। योग्य और इच्छुक उम्मीदवारों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है कि वे देश के प्रमुख अनुसंधान संस्थान में जुड़कर वैज्ञानिक अनुसंधान में योगदान दें।

यूपी में 12 मई को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा

लखनऊ | उत्तर प्रदेश सरकार ने आगामी 12 मई (सोमवार) को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश की आधिकारिक घोषणा की है। इस दिन प्रदेशभर में सभी सरकारी कार्यालय, शिक्षण संस्थान, बैंक और बीमा कार्यालय (LIC) बंद रहेंगे। अवकाश की पुष्टि सरकार, बैंक यूनियन, एलआईसी यूनियन और बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी की गई अवकाश तालिकाओं से हुई है।

बता दें की बुद्ध पूर्णिमा, भगवान गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाई जाती है, जो वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पड़ती है। इस वर्ष यह पावन पर्व 12 मई 2025 को पड़ रहा है, और पूरे राज्य में इसे श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाएगा।

शिक्षा विभाग ने जारी की छुट्टी की अधिसूचना

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज द्वारा जारी अवकाश सूची में 12 मई को स्पष्ट रूप से छुट्टी घोषित की गई है। इस दिन प्रदेश के सभी बेसिक विद्यालय, सहायता प्राप्त विद्यालय और मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय पूर्ण रूप से बंद रहेंगे। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में भी अवकाश रहेगा।

बैंक और बीमा क्षेत्र में भी रहेगा अवकाश

बैंक यूनियन और एलआईसी यूनियन द्वारा जारी की गई आधिकारिक अवकाश तालिकाओं के अनुसार, 12 मई को सभी बैंक शाखाएं और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की शाखाएं बंद रहेंगी। लोगों से अपील की गई है कि वे अपने वित्तीय कार्य 11 मई तक ही निपटा लें ताकि किसी असुविधा से बचा जा सके।

श्रद्धालु करेंगे धार्मिक आयोजन

बता दें की इस दिन राज्य के विभिन्न हिस्सों में बौद्ध मंदिरों और विहारों में विशेष पूजा, ध्यान और प्रवचन का आयोजन किया जाएगा। बौद्ध धर्मावलंबी इस दिन को भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण के रूप में श्रद्धापूर्वक मनाते हैं।

यूपी के सभी मंडलों के लिए सरकार का बड़ा फैसला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में खाद्य सुरक्षा और औषधि गुणवत्ता को मजबूत करने की दिशा में सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश के सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर अत्याधुनिक "फूड एंड ड्रग टेस्टिंग लैब" स्थापित की जा रही हैं। इनमें से 12 मंडलों में पूरी तरह से नई लैब का निर्माण किया जा रहा है, जबकि बाकी मौजूदा लैब को हाई-टेक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है।

6 मंडलों में निर्माण कार्य लगभग पूरा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी के लखनऊ, कानपुर, सहारनपुर, अयोध्या, अलीगढ़ और गोरखपुर मंडलों में नई बिल्डिंग का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इन लैबों में अत्याधुनिक टेस्टिंग मशीनें लगाई जा रही हैं और संभावना है कि जुलाई माह से यहां सैंपल की जांच प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ेगी

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की विशेष सचिव ने बताया कि इस पहल से प्रदेश में खाद्य व औषधियों की गुणवत्ता जांच पहले से कहीं अधिक प्रभावी और पारदर्शी हो सकेगी। "स्थानीय स्तर पर टेस्टिंग की सुविधा मिलने से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि जांच की विश्वसनीयता और सटीकता भी बढ़ेगी," उन्होंने कहा।

जुलाई से शुरू हो सकता है संचालन

फिलहाल मशीनों की इंस्टॉलेशन प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है और जुलाई से इन लैबों में काम शुरू होने की संभावना है। ये लैब्स उन्नत तकनीकों से लैस होंगी, जो खाद्य व औषधि सैंपल की सूक्ष्मतम स्तर तक जांच कर सकेंगी। खाद्य और औषधि जांच प्रणाली के इस सुदृढ़ीकरण से उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य प्रणाली को नई दिशा और मजबूती मिलेगी।

प्रदेश में गुणवत्ता नियंत्रण को मिलेगी मजबूती

प्रदेश सरकार का यह कदम न सिर्फ उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे मिलावटखोरी और नकली दवाओं पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। स्थानीय स्तर पर ही जांच सुविधा उपलब्ध होने से छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों तक फूड व ड्रग क्वालिटी कंट्रोल का प्रभावी दायरा बढ़ाया जा सकेगा।

यूपी के इस जिले में ओलावृष्टि से मचा हड़कंप, कई जिलों में अलर्ट!

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। 

गुरुवार सुबह गोरखपुर में मौसम ने अचानक करवट ली और तेज गरज-चमक के साथ भारी ओलावृष्टि ने पूरे शहर को दहशत में डाल दिया। करीब 15 मिनट तक लगातार ओले गिरते रहे, जिनका वजन 100 ग्राम से अधिक बताया जा रहा है। इस अप्रत्याशित मौसम परिवर्तन ने जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ओले इतने बड़े और भारी थे कि कई वाहनों के शीशे टूट गए, छतों पर तेज धमाकों जैसी आवाजें आने लगीं और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे। शहर के कई हिस्सों में सड़कों पर बर्फ की परत जम गई, जिससे यातायात भी प्रभावित हुआ। ओलावृष्टि के थमते ही तेज बारिश शुरू हो गई, जिससे हालात और बिगड़ गए।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि पिछले कई वर्षों में उन्होंने इतनी भारी ओलावृष्टि नहीं देखी थी। अचानक आए इस मौसम बदलाव ने शहरवासियों को पूरी तरह से चौंका दिया। इधर, मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तेज आंधी और बारिश की संभावना जताई है।

अलर्ट जिलों की सूची

मौसम विभाग के अनुसार, गोरखपुर के अलावा बस्ती, देवरिया, संतकबीरनगर, और कुशीनगर सहित पूर्वांचल के अन्य जिलों में भी आंधी-तूफान और ओलावृष्टि की संभावना बनी हुई है। इसके लिए लोगों को सावधान रहने के निर्देश दिए गए हैं।

नुकसान का आकलन जारी

फिलहाल प्रशासन ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन कर रहा है। कई जगहों से फसलों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें भी सामने आई हैं। जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में इस तरह की तेजी से बदलाव जलवायु परिवर्तन का संकेत हो सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि मौसम विभाग की चेतावनियों पर गंभीरता से ध्यान दें और आवश्यक सावधानी बरतें।

यूपी में 'सिक्योरिटी गार्ड' की नौकरी, इंटरव्यू से भर्ती!

उन्नाव, उत्तर प्रदेश  .

बेरोजगारी की चुनौती से जूझ रहे युवाओं के लिए उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से राहत भरी खबर सामने आई है। जिला सेवायोजन कार्यालय, उन्नाव की ओर से जिले के सभी विकास खंडों में 1 मई से 22 मई 2025 तक विशेष रोजगार मेलों का आयोजन किया जा रहा है, जहां योग्य उम्मीदवारों को सीधे इंटरव्यू के माध्यम से नौकरी का मौका मिलेगा।

बता दें की इस पहल के अंतर्गत एसआईएस सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ द्वारा सिक्योरिटी गार्ड पदों पर भर्ती की जाएगी। कोई आवेदन शुल्क नहीं लिया जाएगा और चयन पूर्णतः निःशुल्क इंटरव्यू प्रक्रिया के आधार पर किया जाएगा।

विकास खंडवार रोजगार मेला कार्यक्रम:

1 मई असोहा, 2 मई नवाबगंज, 3 मई मियागंज, 5 मई सफीपुर, 6 मई फतेहपुर 84, 7 मई बिछिया, 8 मई गंजमुरादाबाद, 9 मई औरास, 13 मई हसनगंज, 14 मई बीघापुर, 16 मई सिकंदरपुर करन, 17 मई बांगरमऊ, 19 मई सिकंदरपुर सरोसी, 20 मई हिलौली, 21 मई सुमेरपुर, 22 मई पुरवा (विकास खंड कार्यालय)

बेरोजगार युवाओं से अपील

जिला सेवायोजन अधिकारी श्रीमती प्रीति चंद्र ने जिले के शिक्षित बेरोजगार युवाओं से अपील की है कि वे निर्धारित तिथियों पर अपने विकास खंड में पहुंचें और इस अवसर का लाभ उठाएं। प्रत्येक आयोजन स्थल पर पंजीकरण शिविर भी लगाया जाएगा।

ज़रूरी दस्तावेज लेकर पहुंचे: आधार कार्ड, शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, बायोडाटा (यदि संभव हो)

सिक्योरिटी गार्ड पद के लिए पात्रता व विशेषताएं:

पद: सिक्योरिटी गार्ड

भर्ती प्रक्रिया: इंटरव्यू के माध्यम से

शुल्क: कोई नहीं (पूरी तरह निःशुल्क भर्ती)

आयोजनकर्ता: एसआईएस सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ

अयोध्या में बनेगी 101 फीट ऊंची भगवान शंकर की प्रतिमा

अयोध्या, उत्तर प्रदेश। 

प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के बाद अब अयोध्या में भगवान शिव की 101 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह ऐतिहासिक मूर्ति श्री राम राष्ट्रीय सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में मौनी बाबा परिक्रमा मार्ग पर बनाई जाएगी। अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर विधि-विधान से भूमि पूजन कर इस सेवा कार्य की शुरुआत की गई।

बता दें की इस मूर्ति को न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक माना जा रहा है, बल्कि यह स्थान आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सेवा और समर्पण का केंद्र भी बनेगा। शिव प्रतिमा स्थल के आसपास का पूरा क्षेत्र लगभग 21,000 वर्ग फीट में विकसित किया जाएगा, जिसमें कई आवश्यक सुविधाएं निशुल्क प्रदान की जाएंगी।

मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं और भंडारा की व्यवस्था

इस स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे मुफ्त भोजन (भंडारा) की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही फ्री एंबुलेंस सेवा, स्वास्थ्य सेवाएं, और ठहरने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह संपूर्ण परियोजना मानव सेवा और धार्मिक आस्था का समन्वय मानी जा रही है।

राम दरबार और गणेश मंदिर भी होंगे स्थापित

यहां केवल भगवान शिव की प्रतिमा ही नहीं, बल्कि राम दरबार और भगवान गणेश का मंदिर भी स्थापित किए जाएंगे। इस पूरे स्थल को इस प्रकार विकसित किया जाएगा कि यह अयोध्या में भगवान राम और भगवान शिव की एकता और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक बने।

राम वल्लभा कुंज के अधिकारी ने दी जानकारी

राम वल्लभा कुंज के अधिकारी महंत राजकुमार दास ने जानकारी देते हुए बताया कि श्री राम सेवा ट्रस्ट पहले से ही वृंदावन में भी इसी प्रकार की सेवाओं का संचालन कर रहा है। अब अयोध्या में इस नई पहल से श्रद्धालुओं को एक और आध्यात्मिक केंद्र मिलेगा। इस भव्य प्रतिमा और सेवा केंद्र के निर्माण से अयोध्या न केवल धार्मिक रूप से बल्कि सामाजिक सेवा के क्षेत्र में भी एक नई पहचान स्थापित करने जा रही है।

यूपी के गन्ना किसानों के लिए बड़ी खबर, तुरंत पढ़ें!

लखनऊ: यूपी के गन्ना किसानों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। केंद्र सरकार ने आगामी 2025-26 चीनी सत्र (अक्टूबर से सितंबर) के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 4.41% बढ़ाकर ₹355 प्रति क्विंटल कर दिया है। मौजूदा 2024-25 सत्र में यह कीमत ₹340 प्रति क्विंटल थी। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया।

यूपी के किसानों को मिलेगा सीधा लाभ

उत्तर प्रदेश, जो देश का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है, के लाखों किसानों को इस बढ़ी हुई एफआरपी से सीधा लाभ मिलेगा। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे प्रधानमंत्री मोदी की किसान-हितैषी सोच का प्रमाण बताया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “यह निर्णय 5 करोड़ गन्ना किसानों और 5 लाख श्रमिकों के जीवन में आर्थिक सशक्तिकरण व आत्मनिर्भरता का आधार बनेगा।”

एफआरपी का गणित: कैसे तय होता है मूल्य

मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि एफआरपी की यह नई दर 10.25% की चीनी रिकवरी दर पर आधारित है। यदि चीनी की प्राप्ति दर इससे अधिक होती है, तो हर 0.1% अतिरिक्त रिकवरी पर किसानों को ₹3.46 प्रति क्विंटल का अतिरिक्त भुगतान मिलेगा। वहीं, यदि चीनी की रिकवरी दर घटती है, तो उतनी ही दर से कटौती भी की जाएगी, लेकिन न्यूनतम भुगतान ₹329.05 प्रति क्विंटल सुनिश्चित किया गया है।

चीनी उद्योग से जुड़े लाखों परिवारों को राहत

देश में चीनी उद्योग एक प्रमुख कृषि आधारित क्षेत्र है, जिससे 5 करोड़ से अधिक गन्ना किसान, उनके परिवार, मिलों में कार्यरत लगभग 5 लाख श्रमिक और खेतिहर मजदूर, ट्रांसपोर्ट कर्मचारी सहित कई अन्य सहायक क्षेत्र जुड़े हुए हैं। ऐसे में एफआरपी में यह वृद्धि न केवल किसानों को राहत देगी, बल्कि पूरे कृषि-आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी।

यूपी में बनेगी सबसे घातक ब्रह्मोस मिसाइल, तैयारी पूरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ 11 मई से रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है। इसी दिन से लखनऊ में बहुप्रतिक्षित ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। यह उपलब्धि न केवल उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय सुरक्षा में बड़ी भूमिका दिलाएगी, बल्कि 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियानों को भी नई गति प्रदान करेगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 11 मई को ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्रोजेक्ट और उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ डिफेंस नोड का विधिवत उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में काम कर रही एयरोलाय टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (पीटीसी इंडस्ट्रीज की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी) द्वारा स्थापित नए संयंत्रों का भी शुभारंभ किया जाएगा।

स्थलीय निरीक्षण और तैयारियां पूरी

कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर बुधवार को प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने लखनऊ के भटगांव स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्रोजेक्ट और डिफेंस नोड का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश को रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

मैटेरियल टेस्टिंग की अत्याधुनिक सुविधा 

उद्घाटन के साथ ही रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित डिफेंस टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर सिस्टम (DTIS) योजना के तहत यहां मैटेरियल टेस्टिंग लैब की स्थापना की जाएगी। इससे डिफेंस कॉरिडोर में काम कर रही कंपनियों को अपने उत्पादों की गुणवत्ता जांचने, उन्हें सर्टिफाई कराने और वैश्विक मानकों पर उतारने की सुविधा मिलेगी।

राज्य को मिलेगी रणनीतिक और आर्थिक बढ़त

ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन की शुरुआत से उत्तर प्रदेश को न केवल रणनीतिक रूप से सशक्तता मिलेगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा लाभ होगा। यह कदम रोजगार सृजन, तकनीकी निवेश और स्थानीय उद्योगों को वैश्विक पहचान दिलाने में मदद करेगा।

यूपी में नौकरियों की भरमार, सीधे इंटरव्यू से चयन!

वाराणसी, उत्तर प्रदेश:

बेरोजगार युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 3 मई को वाराणसी में वृहद रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला चिरईगांव के खण्डेश्वरी बाबा इंटर कॉलेज मैदान में दोपहर 2 बजे से शुरू होगा।

आपको बता दें की इस रोजगार मेले में देश की नामी-गिरामी 40 से अधिक कंपनियां शामिल होंगी, जो युवाओं को सीधे इंटरव्यू के जरिए नौकरी देंगी। चयनित अभ्यर्थियों को 3 लाख रुपये तक का वार्षिक वेतन पैकेज मिलने की संभावना है।

रोजगार मेला प्रभारी दीप सिंह ने जानकारी दी कि इस आयोजन का लक्ष्य 7,000 से अधिक युवाओं को नौकरी देना है। इसमें आईटी, निर्माण, बैंकिंग, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, सेवा, सुरक्षा, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, रियल एस्टेट, सेल्स एंड मार्केटिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित कंपनियां भाग लेंगी।

ये कंपनियां होगी शामिल:

एल एंड टी, इफको, एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, होटल ताज, टाटा मोटर्स, महिंद्रा, टीवीएस, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक, डिक्सन इंटरनेशनल नोएडा, एसआईएस सिक्योरिटी, यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम (संविदा पर चालक की भर्ती), आरके सोलर, ओरबेल इलेक्ट्रॉनिक्स आदि।

ये युवा कर सकते हैं आवेदन:

इस रोजगार मेले में हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक, परास्नातक, आईटीआई, डिप्लोमा, एमबीए, बीबीए, बी.टेक आदि उत्तीर्ण अभ्यर्थी निःशुल्क भाग ले सकते हैं। इच्छुक युवाओं को रोजगार संगम पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। वहीं, ऑन स्पॉट पंजीकरण की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज:

आवेदकों को अपने साथ बायोडाटा, पासपोर्ट साइज फोटो और आधार कार्ड लाना अनिवार्य होगा। इस रोजगार मेले के माध्यम से वाराणसी और आस-पास के जिलों के हजारों युवाओं को नौकरी पाने का सुनहरा अवसर मिलेगा, जिससे क्षेत्रीय विकास और युवाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार की आशा जताई जा रही है।

चीनी मिसाइल PL-15 का सच: भारत के लिए कितनी बड़ी चुनौती?

नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों की सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं और अपनी-अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन कर रही हैं। इसी बीच पाकिस्तान एयर फोर्स के एक फाइटर जेट की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है, जिसमें चीन की अत्याधुनिक PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल लगी हुई दिखाई दे रही है।

PL-15 क्यों है चर्चा में?

चीन की PL-15 मिसाइल हवा से हवा में मार करने वाली एक लंबी दूरी की मिसाइल है, जिसकी रेंज करीब 300 किलोमीटर बताई जा रही है। यह मिसाइल मैक 5 (करीब 6,185 किमी/घंटा) की रफ्तार से उड़ सकती है और एक्टिव रडार गाइडेंस सिस्टम से लैस है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसका मल्टी टारगेट ट्रैकिंग सिस्टम, जो एक साथ कई दुश्मन विमानों को ट्रैक कर सकता है और सटीक हमला कर सकता है। चीन ने इस मिसाइल का निर्माण 2011 में शुरू किया और 2012 में इसका परीक्षण किया गया। 2018 में इसे आधिकारिक रूप से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) में शामिल किया गया।

क्या भारत को है खतरा?

पाकिस्तानी जेट्स पर PL-15 और PL-10 मिसाइलों की मौजूदगी को लेकर भारत में चिंता जरूर है, लेकिन रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो भारतीय वायुसेना पूरी तरह तैयार है। भारत के पास राफेल फाइटर जेट हैं, जो फ्रांसीसी मेटियोर मिसाइल से लैस हैं। मेटियोर की रेंज 150-200 किमी है और यह मैक-4 की रफ्तार से उड़ती है। खास बात यह है कि इसमें रैमजेट इंजन लगा होता है, जिससे यह मिसाइल पूरे रास्ते स्थिर गति बनाए रखती है और पायलट हवा में ही इसका टारगेट बदल सकता है। इसके उलट, PL-15 में ड्यूल पल्स सॉलिड फ्यूल रॉकेट मोटर का इस्तेमाल होता है, जो तेज़ी से जलता है और लंबे समय तक रफ्तार बनाए नहीं रख पाता।

भारत के पास क्या जवाब है?

PL-15 के मुकाबले भारत के पास एक और हथियार है — रूसी R-37M मिसाइल। यह मिसाइल 300 से 400 किमी की दूरी तक टारगेट को भेद सकती है और इसकी स्पीड मैक 6 (करीब 7,100 किमी/घंटा) है। रूस ने इस मिसाइल का बड़े पैमाने पर यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल किया है और इसके परिणाम प्रभावशाली रहे हैं।

यूपी में महिला पुलिसकर्मियों के लिए बड़ी सौगात की घोषणा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में महिला पुलिसकर्मियों के लिए एक बड़ी सौगात की घोषणा हुई है। डीजीपी प्रशांत कुमार के आदेश पर अब राज्य के पुलिस थानों, कार्यालयों और पुलिस लाइनों में शिशु देखभाल केंद्र (क्रेच) और नारी विश्रामगृह बनाए जाएंगे। इस फैसले से उन महिला कर्मियों को खास राहत मिलेगी, जिनके छोटे बच्चे हैं और घर में देखभाल करने वाला कोई नहीं है। इस पहल का उद्देश्य महिला पुलिसकर्मियों को कार्यस्थल पर बेहतर सुविधा और मानसिक शांति देना है, ताकि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरे समर्पण के साथ कर सकें।

पुलिस मुख्यालय में हुई पहल की शुरुआत

पिछले सोमवार को लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय में पहले शिशु वाटिका और नारी विश्राम गृह का उद्घाटन किया गया। इसका शुभारंभ उत्तर प्रदेश पुलिस फैमिली वेलफेयर एसोसिएशन (वामा सारथी) की अध्यक्षा और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डिंपल वर्मा ने किया। उद्घाटन समारोह के दौरान डीजीपी प्रशांत कुमार ने प्रदेश भर में ऐसी सुविधाएं लागू करने के निर्देश दिए थे।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण की नीति को आगे बढ़ाते हुए यूपी पुलिस में महिला कर्मियों की संख्या में बीते वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस योजना को अमल में लाया गया है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने स्पष्ट किया कि महिला कर्मियों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए सभी पुलिस कमिश्नरेट जिलों, पुलिस कार्यालयों और थानों में क्रेच और विश्रामगृह जैसी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।

इस फैसले का समाज में सकारात्मक संदेश

यह फैसला केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि महिला पुलिसकर्मियों के सम्मान और सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है। इससे कार्यस्थल पर लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा और महिलाएं अधिक आत्मविश्वास के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकेंगी।

अहमदाबाद: Legal Assistant के 23 पदों पर भर्ती

अहमदाबाद: सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे कानून स्नातकों के लिए खुशखबरी है। गुजरात हाई कोर्ट ने लीगल असिस्टेंट (Legal Assistant) के 23 पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 19 मई 2025 तक आधिकारिक वेबसाइट gujarathighcourt.nic.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

वेतन और योग्यता:

इस पद पर चयनित उम्मीदवारों को ₹60,000 प्रतिमाह का वेतन मिलेगा। आवेदक को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से कानून में स्नातक (LLB) होना चाहिए, जिसमें कम से कम 55% अंक (या समतुल्य ग्रेड पॉइंट) आवश्यक हैं।

आयु सीमा:

उम्मीदवार की अधिकतम आयु 26 वर्ष होनी चाहिए। आयु में छूट की जानकारी के लिए प्रकाशित नोटिफिकेशन को अच्छी तरह से पढ़ें।

चयन प्रक्रिया:

उम्मीदवारों का चयन दो चरणों में किया जाएगा: लिखित परीक्षा (Objective MCQs) – 100 अंक, साक्षात्कार (Viva-voce) – 50 अंक

आवेदन शुल्क:

सभी उम्मीदवारों को ₹500 + बैंक चार्जेस का शुल्क SBI e-Pay के माध्यम से ऑनलाइन भरना होगा। इसको लेकर निर्देश दिए गए हैं।

आवेदन प्रक्रिया:

उम्मीदवारों को गुजरात हाई कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर “Print Application / Pay Fee” सेक्शन में आवेदन भरना होगा।

महत्वपूर्ण तिथियाँ:

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि: 19 मई 2025