1. डिज़ाइन और स्टील्थ क्षमता
जे-20: यह एक फिफ्थ जनरेशन स्टील्थ फाइटर है, जिसकी डिजाइन रडार से बचने के लिए खासतौर पर की गई है। इसकी लंबी नुकीली बॉडी और इनलेट्स इसे उच्च स्टील्थ क्षमता देते हैं।
राफेल: यह एक 4.5 जनरेशन मल्टीरोल फाइटर जेट है। इसमें सीमित स्टील्थ फीचर्स हैं, लेकिन इसकी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर प्रणाली इसे दुश्मन के रडार से छिपने में मदद करती है।
2. इंजन और गति
राफेल: इसमें दो Snecma M88-2 इंजन लगे हैं, जो इसे Mach 1.8 (लगभग 2,222 किमी/घंटा) की गति देने में सक्षम हैं।
जे-20: वर्तमान में इसमें WS-10B इंजन लगे हैं, और कुछ वर्जन में रूसी AL-31F इंजन भी हैं। इसकी अधिकतम गति Mach 2.0 तक मानी जाती है।
3. हथियार प्रणाली
राफेल: इसमें SCALP क्रूज मिसाइल, Meteor BVR मिसाइल और MICA मिसाइल जैसी उन्नत हथियार प्रणाली होती है। यह हवा से हवा, हवा से जमीन और परमाणु हमलों में सक्षम है।
जे-20: इसमें PL-15 (लॉन्ग रेंज), PL-10 (शॉर्ट रेंज) और कुछ लेजर-गाइडेड बम शामिल हैं। इसकी हथियार प्रणाली काफी प्रभावशाली है, लेकिन इसकी विश्वसनीयता पर सवाल हैं।
4. एवियोनिक्स और रडार
राफेल: इसमें RBE2-AA AESA रडार, स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और हेल्मेट-माउंटेड डिस्प्ले जैसी आधुनिक टेक्नोलॉजी है।
जे-20: यह भी AESA रडार से लैस है, लेकिन इसकी इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर क्षमता राफेल के मुकाबले कुछ कम आंकी जाती है।
5. कॉम्बैट प्रूव्ड या नहीं?
राफेल: यह पहले ही कई युद्ध अभियानों (लीबिया, अफगानिस्तान, माली) में अपनी क्षमता दिखा चुका है। और इसे आसमानी शेर भी कहा जाता हैं।
जे-20: चीन का ये जेट अभी तक किसी युद्ध में हिस्सा नहीं लिया है। इसकी वास्तविक क्षमता परीक्षण के दौर में ही है। इसलिए युद्ध के अनुभव, हथियार प्रणाली और एवियोनिक्स के मामले में राफेल ज्यादा मजबूत साबित होता है।