मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. भूपेंद्र कुमार ने जानकारी दी कि इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक जनपद में 10 बकरी पालन इकाइयों की स्थापना की जाएगी। एक इकाई में 1 नर और 5 मादा बकरियाँ दी जाएंगी। कुल 60,000 रुपये की लागत पर तैयार होने वाली इकाई में सरकार 54,000 रुपये (90%) की सब्सिडी देगी जबकि लाभार्थी को केवल 6,000 रुपये (10%) स्वयं वहन करने होंगे।
इसके साथ ही भेड़ पालन को भी योजना में शामिल किया गया है। 18 वर्ष से ऊपर का कोई भी पात्र व्यक्ति इस योजना के तहत भेड़ पालन के लिए आवेदन कर सकता है। भेड़ पालन इकाई की कुल लागत 1,70,000 रुपये होगी, जिसमें वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान 10 यूनिट स्थापित किए जाने की योजना है। हालांकि योजना के तहत चयनित लाभार्थी या उसके परिवार के किसी सदस्य को तीन वर्षों तक दोबारा लाभ नहीं दिया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक जरूरतमंदों को इसका फायदा मिल सके।
इस योजना से खासकर अनुसूचित जाति और कमजोर वर्ग के पशुपालकों के जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार आने की संभावना है। बकरी और भेड़ पालन जैसे लघु पशुपालन व्यवसायों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का यह प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय है।

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