पुतिन ने वाल्दाई डिस्कशन ग्रुप में कहा कि रूस की ऊर्जा आपूर्ति वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बेहद आवश्यक है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि रूस से तेल की आपूर्ति बंद हो जाती है तो वैश्विक तेल की कीमतें प्रति बैरल 100 डॉलर से भी ऊपर जा सकती हैं, जिससे पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।
राष्ट्रपति पुतिन ने भारत की भूमिका की भी सराहना की और कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अच्छी तरह जानते हैं, जो देश के हितों के लिए सही निर्णय लेने में सक्षम हैं। पुतिन ने कहा, "मुझे पूरा यकीन है कि भारत के लोग और उनका राजनीतिक नेतृत्व अपने फैसलों पर कड़ी नजर रखते हैं और किसी के सामने देश को अपमानित नहीं होने देंगे।"
इसके अलावा, उन्होंने ब्रिक्स के तहत भारत और रूस के बीच व्यापार में पेमेंट सिस्टम की दिक्कतों को जल्द दूर करने का आश्वासन भी दिया। यह कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और मजबूत करेगा और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक साझेदारी को बढ़ावा देगा।
इस बयान से स्पष्ट है कि रूस और भारत की दोस्ती और रणनीतिक साझेदारी समय के साथ और मजबूत होती जा रही है। दोनों देश न केवल ऊर्जा क्षेत्र में, बल्कि विभिन्न आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में भी एक-दूसरे का साथ दे रहे हैं। पुतिन का यह संदेश न केवल भारत को समर्थन देने वाला है, बल्कि यह वैश्विक राजनीति में एक नए संतुलन की ओर भी संकेत करता है।

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