बिहार में इन कर्मचारियों का बढ़ा मानदेय, सरकार ने दी स्वीकृति

पटना। दशहरा के बाद शुक्रवार को बिहार कैबिनेट की अहम बैठक आयोजित हुई, जिसमें कुल 129 एजेंडों पर मुहर लगी। माना जा रहा है कि यह बैठक आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सरकार की अंतिम कैबिनेट बैठक थी, ऐसे में कई वर्गों को साधने के उद्देश्य से बड़ी घोषणाएं की गईं। खास तौर पर स्वास्थ्य, शिक्षा और न्याय से जुड़े कार्मिकों के लिए कई राहत भरे फैसले लिए गए हैं।

ANM कर्मियों के मानदेय में बढ़ोतरी

राज्य के शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण जैसे स्वास्थ्य अभियानों में संविदा के आधार पर काम कर रहीं एएनएम (सहायक नर्सिंग मिडवाइफ) कर्मियों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। अब इन्हें ₹11,500 की बजाय ₹15,000 प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इसके साथ ही, हर वर्ष 5% की दर से वार्षिक वृद्धि भी सुनिश्चित की गई है। यह निर्णय लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहीं ANM कर्मियों के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।

सेवानिवृत्त सैनिक चालकों का मानदेय बढ़ा

सेना से सेवानिवृत्त होकर राज्य में वाहन चालक के रूप में कार्यरत कर्मियों का मानदेय भी बढ़ाया गया है। अब उन्हें ₹25,750 की बजाय ₹30,000 प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। यह निर्णय उन पूर्व सैनिकों के लिए राहत लेकर आया है, जो सेवा निवृत्ति के बाद राज्य की सेवा में योगदान दे रहे हैं।

नवीन अधिवक्ताओं को मिलेगा मासिक स्टाइपेंड

कानून के क्षेत्र में भी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। 1 जनवरी 2024 के बाद नामांकित होने वाले सभी नए अधिवक्ताओं को अगले तीन वर्षों तक ₹5,000 प्रतिमाह स्टाइपेंड मिलेगा। इसके साथ ही अधिवक्ता संघों को ई-लाइब्रेरी की स्थापना के लिए ₹5 लाख की सहायता राशि दी जाएगी। इसके अलावा, बिहार अधिवक्ता कल्याण न्यास समिति को ₹30 करोड़ की एकमुश्त राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।

शिक्षा सेवकों और तालीमी मरकज को मिला स्मार्ट सहयोग

राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत शिक्षा सेवकों और तालीमी मरकज के लिए भी आर्थिक सहयोग बढ़ाने का फैसला लिया है। अब इन्हें शिक्षण सामग्री हेतु प्रति वर्ष ₹3,405 की बजाय ₹12,000 मिलेंगे। इसके साथ ही स्मार्टफोन खरीदने के लिए हर व्यक्ति को ₹10,000 की सहायता राशि भी दी जाएगी। यह कदम डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।

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