हेल्थ डेस्क: आज के वर्तमान समय में गलत खान पान और प्रदूषण कारण महिलाओं के शरीर में कई तरह की बीमारी होने का खतरा बना रहता हैं। इतना हीं नहीं महिलाओं की उम्र जैसे जैसे बढ़ती हैं इससे महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनिक परिवर्तन होते हैं। इससे भी शरीर में बीमारी होने के चांस बने रहते हैं। महिलाओं को इसके बारे में सही जानकारी होनी चाहिए। आज जानने की कोशिश करेंगे उन बीमारियों के बारे में जिन बीमारी होने का खतरा महिलाओं में बना रहता हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।
1 .एनीमिया की बीमारी, महिलाओं के शरीर में सबसे ज्यादा एनीमिया की बीमारी होने का खतरा होता हैं। क्यों की ये बीमारी शरीर में आयरन की कमी के कारण उत्पन होता हैं। इससे महिलाओं के शरीर में खून की कमी हो जाती हैं और महिलाएं खुद को अस्वस्थ महसूस करती हैं। इस बीमारी से बचने के लिए महिलाओं को समय समय पर खून की जांच कराते रहना चाहिए और आयरन युक्त आहार का सेवन करना चाहिए।
2 .थायराइड की बीमारी, महिलाओं के शरीर में आयोडीन की कमी सबसे ज्यादा होती हैं। इस कमी के कारण थायराइड की बीमारी उत्पन हो जाती हैं। इससे शरीर का वजन बढ़ने लगता हैं तथा गले में सूजन की समस्या जन्म ले लेती हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए महिलाओं को समस्या समय पर अपने थायराइड की जांच कराते रहना चाहिए ताकि इस समस्या से बचा जा सके।
3 .रक्तचाप की बीमारी, जैसे जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती हैं। महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनिक परिवर्तन होते हैं। जिससे महिलाओं के शरीर में रक्तचाप की समस्या जन्म ले लेती हैं। इस बीमारी के कारण कुछ महिलाओं का रक्तचाप बढ़ जाता हैं तो कुछ महिलाओं का रक्तचाप कम जाता हैं। इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए महिलाओं को अपने रक्तचाप की जांच कराते रहना चाहिए।
4 .तनाव और डिप्रेशन, महिलाओं के शरीर में तनाव और डिप्रेशन की बीमारी सबसे ज्यादा होती हैं। इस बीमारी के कारण महिलाओं के दिमाग में चिड़चिड़ापन की समस्या जन्म ले लेती हैं और दिमाग का न्यूरो सिस्टम भी कमजोर हो जाता हैं। इस बीमारी से बचने के लिए महिलाओं को मेडिटेशन करना चाहिए तथा किसी बात को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं रहनी चाहिए।
5 .डायबिटीज की बीमारी, गर्भावस्था के समय महिलाओं के शरीर का शुगर लेवल अचानक से बढ़ जाता हैं। जिसके कारण महिलाओं के शरीर में डायबिटीज की बीमारी होने के चांस बढ़ जाते हैं। इससे महिलाओं का शरीर अस्वस्थ रहता हैं और शरीर में ऊर्जा की कोई कमी नहीं होती हैं। इसलिए महिलाओं को गर्भावस्था के समय इस बीमारी से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और डाइबिटीज की जांच करानी चाहिए।
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