आज के जमाने में प्यार एक फैशन की तरह हो गया हैं जिसे लोग कुछ दिन करते हैं और फिर उसे छोड़ देते हैं। लेकिन दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो प्यार की पूजा करते हैं। बीते दिन पहले मेडिकल साइंस के वैज्ञानिकों ने प्यार के बारे रिसर्च किया और उन्होंने जो बताया उसे जान कर आप चौक जायेंगे। आज इसी संदर्भ में मेडिकल साइंस के एक रिसर्च से जानने की कोशिश करेंगे की इस उम्र में होने वाला प्यार नहीं होता सच्चा ये सिर्फ और सिर्फ इंसान के शरीर में हार्मोन्स बदलाव के कारण शारीरिक आकर्षण होता हैं। तो आइये जानते हैं रिसर्च के अनुसार विस्तार से की इस उम्र में होने वाला प्यार नहीं होता सच्चा।
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1 .मेडिकल साइंस के एक रिसर्च के अनुसार 12 से 15 साल की उम्र में होने वाला प्यार सच्चा नहीं होता हैं। ये सिर्फ और सिर्फ ये शारीरिक आकर्षण होता हैं जो इंसान के शरीर में हार्मोन्स परिवर्तन के कारण उत्पन होता हैं। मेडिकल साइंस में इसे एक प्रकार का केमिकल लोचा कहाँ गया हैं।
2 .वैज्ञानिकों ने बताया की 13 से 15 साल की उम्र में जब किसी इंसान के ब्रेन में ओक्सिटॉक्सी हार्मोन्स का स्तर बढ़ाने लगता हैं तो यह स्तर इंसान के शरीर के अंदर आकर्षण क्रिया को बढ़ाने लगता हैं जिस कारण लोग प्यार में पड़ जाते हैं और उसे सच्चे प्यार का नाम दे देते हैं।
3 .कैलफोर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों इस रिसर्च के लिए दुनिया भर से 1234 लोगों को शामिल किया जिसपर कई तरह के सांटिफिक टेस्ट किये गए जिसमे यह साबित हुआ की 12 से 15 साल की उम्र में होने वाला प्यार सच्चा नहीं होता बल्कि ये शारीरिक आकर्षण होता हैं।
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