जब कोई महिला बाल अवस्था से युवा अवस्था में आती हैं तो उसके शरीर में मासिक चक्र का होना प्रारम्भ हो जाता हैं। लेकिन लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह होता हैं की पीरियड्स के समय महिलाओं के शरीर में कौन कौन से बदलाव होते हैं और यह बदलाव क्या महिलाओं के लिए सही हैं या उनके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता हैं। आज इसी संदर्भ में साइंस के अनुसार जानने की कोशिश करेंगे पीरियड्स के समय महिलाओं के शरीर में होने वाले वाले बदलाव के बारे में। तो आइये जानते हैं विस्तार से की पीरियड्स के समय महिलाओं के शरीर में होते हैं ये 5 बदलाव।
ओवरीज़ में सूजन, साइंस के अनुसार पीरियड्स के समय जब महिलाओं के शरीर से रक्त का स्राव होता हैं तो उस दौरान महिलाओं के ओवरीज़ में तनाव आ जाती हैं। जिसके कारण ओवरीज़ में सूजन की समस्या उत्पन हो जाती हैं तथा इससे महिलाओं के पेट में भी दर्द होने लगते हैं। पीरियड्स के समय होने वाली यह समस्या एक नॉर्मल समस्या होती हैं इससे महिलाओं को डरने की कोई ज़रूरत नहीं हैं। ये समस्या धीरे धीरे खुद समाप्त हो जाती हैं।
बालों में रूखापन, पीरियड्स के समय महिलाओं के शरीर में सबसे बड़ा बदलाव बालों में होता हैं। क्यों की पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में मेलानिन का बनना कम हो जाता हैं जिसके कारण बालों में रूखापन की समस्या उत्पन हो जाती हैं। साथ हीं साथ महिलाओं के बाल पहले के मुकाबले ज्यादा टूटने लगते हैं। इससे महिलाओं को डरने की बात नहीं हैं। क्यों की पीरियड्स ख़त्म हो जाने के बाद ये समस्या समाप्त हो जाती हैं।
चेहरे पर पिंपल, साइंस के अनुसार जब महिलाओं का पीरियड्स होना शुरू होता हैं तो उस दौरान महिलाओं के शरीर के अंदर का तापमान बढ़ जाता हैं। जिससे उनके चेहरे पर अचानक से पिंपल निकल आते हैं। महिलाओं को इस पिंपल से छुटकारा पाने के लिए किसी भी तरह के केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल नहीं करनी चाहियें। क्यों की कुछ दिन के बाद ये पिंपल खुद ख़त्म हो जायेंगे। लेकिन अगर आप इसे ख़त्म करने के लिए केमिकल का इस्तेमाल करते हैं तो भविष्य में दाग होने का ख़तरा होता हैं।
हार्मोनिक बदलाव, पीरियड्स के समय महिलाओं के शरीर में सबसे बड़ा बदलाव हार्मोनिक बदलाव होता हैं। इस दौरान महिलाओं के शरीर के सारे हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं। जिसके कारण महिलाओं के शरीर में ऊर्जा की हानि होती हैं और महिलाएं खुद को थका थका महसूस करती हैं। साथ हीं साथ पीरियड्स ख़त्म होने के बाद जब महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स का बनना फिर से प्रारम्भ होता हैं तब महिलाएं खुद को ऊर्जावान महसूस करती हैं। ये सारी प्रक्रिया नॉर्मल तरीकों से होती हैं। इससे महिलाओं को घबराने की कोई ज़रूरत नहीं हैं।
वजन में बढ़ोत्तरी, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में ये बात साबित हो पायी हैं की पीरियड्स के समय महिलाओं के शरीर का वजन बढ़ जाता हैं। यह बढ़ोतरी हार्मोनिक परिवर्तन के कारण होते हैं। क्यों की पीरियड्स के समय महिलाओं के शरीर में लेप्टिन और एस्ट्रोजन हार्मोन्स का स्तर अचानक से बढ़ जाता हैं। जिसके कारण महिलाओं के शरीर में वजन की बढ़ोतरी देखी जाती हैं। लेकिन पीरियड्स ख़त्म होने के बाद बढ़ा हुआ ये वजन पहले की तरह हीं समान हो जाता हैं।
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