पुश्तैनी जमीन क्या हैं।
कानून के मुताबिक बिहार में चार पीढ़ियों तक प्रॉपर्टी का हस्तांतरण पुश्तैनी अधिकार कहा जाता है। इन पीढ़ियों के सदस्यों को जन्म के साथ ही ऐसी जॉइंट फैमिली प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी मिल जाती है। यह पीढ़ी दर पीढ़ी ट्रांसफर होते हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक मां, नानी, चाचा और भाइयों से मिली प्रॉपर्टी को पुश्तैनी प्रॉपर्टी नहीं कहेंगे सिर्फ पिता और उनके पिता के जमीन को ही पुश्तैनी जमीन कहा जाता हैं। उपहार या गिफ्ट की जमीन को भी पुश्तैनी नहीं माना जाता हैं।
पुश्तैनी जमीन बेचने का अधिकार।
1 .नए कानून के मुताबिक बिहार में पुश्तैनी जमीन बेचने के लिए पारिवारिक बंटवारा करना होगा, जमीन की दाखिल-खारिज करानी पड़ेगी।
2 .अगर आप चार, दो तीन या कितने भी भाई बहन है। सब साथ रहते हैं। फिर भी पुश्तैनी जमीन बेचने के लिए परिवारिक बंटवारा करना अनिवार्य है।
3 .भाई अगर जमीन बेचना चाहते हैं तो बहनों का हिस्सा सुरक्षित रहेगा या उसकी रजामंदी जरूरी होगी।
4 .कानून के मुताबिक बंटवारा होने के बाद आप पुश्तैनी जमीन को बेच सकते हैं। आपको जमीन बेचने का अधिकार मिल जायेगा।
0 comments:
Post a Comment