बिहार में 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियां होगी जब्त

पटना: बिहार सरकार ने राज्य में 15 साल से अधिक पुरानी गाड़ियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। इस अभियान का उद्देश्य सड़क सुरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण और ट्रांसपोर्ट सिस्टम की कार्यक्षमता को बेहतर बनाना है। राज्य सरकार के इस फैसले ने चर्चा का विषय बना दिया है, क्योंकि यह न केवल निजी वाहनों, बल्कि सरकारी वाहनों को भी प्रभावित करेगा।

अभियान का उद्देश्य और महत्त्व

बिहार सरकार का यह कदम कई दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, 15 साल से अधिक पुरानी गाड़ियों के निबंधन का नवीनीकरण न कराना, प्रदूषण की समस्या को बढ़ा सकता है। इन पुरानी गाड़ियों से निकलने वाला धुआं और प्रदूषक वायु गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इस अभियान का उद्देश्य ऐसे वाहनों को सड़क से हटाना है, जो सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरते और पर्यावरण के लिए खतरा बनते हैं।

अभियान का दायरा और कार्यवाही

इस अभियान के तहत, बिहार सरकार ने सभी 38 जिलों के अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे 15 साल से पुरानी गाड़ियों की पहचान करें और उनके खिलाफ कार्रवाई करें। इन वाहनों के मालिकों को चेतावनी दी गई है कि अगर उन्होंने गाड़ी का निबंधन नवीनीकरण नहीं कराया है तो उनकी गाड़ी जब्त कर ली जाएगी और उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस कदम के तहत सिर्फ निजी वाहनों को ही नहीं, बल्कि सरकारी वाहनों को भी स्क्रैपिंग प्रक्रिया के तहत लाया जाएगा।

राज्य परिवहन विभाग ने 2017 तक के सरकारी वाहनों को स्क्रैपिंग के लिए चिन्हित किया है, ताकि इन वाहनों का न केवल निबंधन रद्द किया जा सके, बल्कि इन्हें हटा कर प्रदूषण कम किया जा सके। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के निर्देशानुसार, 15 साल से अधिक पुराने सरकारी वाहनों का निबंधन अमान्य कर दिया जाएगा और इन्हें स्क्रैप किया जाएगा।

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