यूपी में प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों को ये 3 सुविधाएं

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में एक अहम बदलाव देखने को मिल रहा है, खासकर प्राइवेट स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए। राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है, जिसके तहत प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों को कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और जीवन बीमा जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएँ देने का निर्देश दिया है। यह कदम न केवल शिक्षकों के जीवन को सुरक्षित बनाएगा, बल्कि उनके आर्थिक भविष्य को भी मजबूत करेगा।

प्राइवेट स्कूलों में शिक्षक

उत्तर प्रदेश के कई प्राइवेट स्कूलों में शिक्षकों का शोषण एक गंभीर समस्या बनकर सामने आई है। जहां कई स्कूलों में शिक्षकों को न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जाता है, वहीं उनकी अन्य सुविधाओं का भी नकारा किया जाता है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि कई स्कूलों में शिक्षकों को ईपीएफ और जीवन बीमा जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा जाता है। इसके अलावा, उन्हें नकद वेतन दिया जाता है, और उनके कार्य के घंटे भी अनियंत्रित होते हैं।

बता दें की शिक्षा विभाग ने अब इस मामले में सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी जिलों के निजी स्कूलों की जांच करने को कहा हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जाए कि शिक्षकों को न्यूनतम वेतन और अन्य सुविधाएँ दी जाएं। जिससे की उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी न हो।

कुशल श्रमिकों को दिए जाने वाले मानदेय की अनिवार्यता

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि निजी स्कूलों में शिक्षकों को कुशल श्रमिकों के लिए निर्धारित न्यूनतम मानदेय, यानी 13,186 रुपये, से कम वेतन नहीं दिया जा सकता। इसके बावजूद कई स्कूलों में यह पाया गया कि शिक्षकों को कम वेतन दिया जा रहा है और उन्हें जरूरी सुविधाएँ भी नहीं मिल रही हैं। यही नहीं, कुछ स्कूलों में शिक्षकों से अत्यधिक काम लिया जा रहा है, जबकि उनका वेतन उनके कार्य के अनुरूप नहीं होता। अब विभाग जांच करने की तैयारी में हैं।

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