अमेरिका-9, चीन-59, भारत-122...GDP की ये कैसी रैंक?

नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था की ताकत को मापने के कई तरीके होते हैं, लेकिन दो महत्वपूर्ण मानक हैं जिनसे यह तय होता है कि कोई देश कितने मजबूत आर्थिक स्थिति में है—पहला, उस देश की कुल सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और दूसरा, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (Per Capita GDP)। जीडीपी के आंकड़ों से यह साफ दिखता है कि कुछ देशों की अर्थव्यवस्था भले ही बड़ी हो, लेकिन उनके नागरिकों का जीवनस्तर उतना बेहतर नहीं होता। वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी किए गए प्रतिवर्षि जीडीपी के आंकड़े इसे साबित करते हैं।

अमेरिका (USA) की स्थिति

अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, और यह 9वें स्थान पर स्थित है जब हम प्रति व्यक्ति जीडीपी के आधार पर आंकलन करते हैं। अमेरिका की प्रति व्यक्ति जीडीपी $82,769 (करीब 82,800 डॉलर) है। यह एक बहुत बड़ी राशि है और इसका मतलब है कि वहां रहने वाले लोग औसतन उच्च जीवन स्तर का आनंद ले रहे हैं। इसके पीछे एक प्रमुख कारण है वहाँ की मजबूत औद्योगिक संरचना, उच्च तकनीकी विकास, बेहतर शिक्षा व्यवस्था और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं हैं। अमेरिका में उच्च तकनीकी उद्योगों जैसे कि सॉफ्टवेयर, जैव प्रौद्योगिकी, और अंतरिक्ष तकनीकी की बड़ी कंपनियां हैं, जो देश की समृद्धि को बढ़ाती हैं।

चीन: उभरती हुई शक्ति

चीन की अर्थव्यवस्था ने पिछले कुछ दशकों में अभूतपूर्व वृद्धि की है और आज यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। चीन की प्रति व्यक्ति जीडीपी 12,783 डॉलर (लगभग 12,800 डॉलर) है, जो दुनिया के अधिकांश देशों से काफी ऊपर है। हालांकि, यह अमेरिका की तुलना में काफी कम है, लेकिन यह किसी भी विकासशील देश की तुलना में अच्छा आंकड़ा कह सकते है। चीन ने अपनी मजबूत निर्माण और निर्यात उद्योगों के द्वारा खुद को एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित किया है। बावजूद इसके, चीन की विशाल जनसंख्या की वजह से इसकी प्रति व्यक्ति जीडीपी कहीं न कहीं प्रभावित होती है, क्योंकि देश में बहुत बड़ी संख्या में लोग आज भी विकासशील स्तर पर जीते हैं।

भारत: विकास की दिशा

अब आते हैं भारत पर, जो आज दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन प्रति व्यक्ति जीडीपी के हिसाब से यह 122वें स्थान पर है। भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी लगभग 10,166 डॉलर है। यह आंकड़ा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का कारण है, खासकर जब हम उसे चीन और अमेरिका के मुकाबले देखें।

भारत की विशाल जनसंख्या और उसकी विविधता एक बड़े कारण के रूप में सामने आते हैं। देश में एक बड़ी संख्या में लोग कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, और यहां तक कि भारत के महानगरों में भी कई लोग गरीबी में जी रहे हैं। इसी कारण से, जबकि देश की कुल जीडीपी बहुत बड़ी है, लेकिन प्रति व्यक्ति जीडीपी कम है। हालांकि, भारत ने पिछले कुछ वर्षों में काफी आर्थिक सुधार किए हैं, लेकिन अब भी बहुत बड़ी संख्या में लोग रोजगार, शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतों की तलाश में स्ट्रगल कर हैं।

0 comments:

Post a Comment