यूपी में स्टांप चोरी पर कड़ी नज़र, सभी जिलों में जांच शुरू

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में स्टांप घोटालों की जांच के दायरे को बढ़ाया गया है, जिससे यह साबित होता है कि सरकार इस गंभीर समस्या को हल करने के लिए कड़ी कार्रवाई करने का संकल्प ले चुकी है। प्रदेश के स्टांप और निबंधन मंत्री, श्री रवींद्र जायसवाल के आदेश पर पूरे राज्य में स्टांप घोटाले की जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य में बढ़ते स्टांप चोरी और कर चोरी के मामलों पर सख्त निगरानी रखी जाएगी, जिससे वित्तीय नुकसान को रोका जा सके।

जिलावार रिपोर्ट की मांग

मंत्री के आदेश के बाद, अब सभी जिलों के डीएम (जिला मजिस्ट्रेट), एडीएम (उप जिला अधिकारी), एआईजी (असिस्टेंट इंस्पेक्टर जनरल) और डीआईजी (डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल) को आदेश जारी कर दिए गए हैं। इन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे वित्तीय वर्ष 2024-2025 के दौरान कम से कम पांच दस्तावेजों के मामले की जांच करें। इसके अलावा, उन दस्तावेज लेखकों और विधि व्यवसायियों का भी ब्योरा तैयार करने का आदेश दिया गया है, जो फर्जी स्टांप या कर चोरी में लिप्त पाए गए हैं।

हर जिले से इन मामलों का रिकॉर्ड, जिनमें फर्जी स्टांप इस्तेमाल हुए हों, मांगा गया है। जिलेवार ब्योरा तैयार करके उन लोगों के नाम, पते और रजिस्ट्रेशन नंबर की जानकारी दी जाएगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाई जाएगी, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके और घोटाले की जड़ तक पहुंचा जा सके।

मंत्री का बयान और कार्रवाई का महत्व

मंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा कि यह मामला बहुत ही गंभीर है और राज्य की आर्थिक स्थिति पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि स्टांप चोरी से जुड़े मामलों की जांच में विधिक पेशेवरों और दस्तावेज लेखकों की भूमिका की भी गहनता से जांच की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी व्यक्ति या समूह को इस गैरकानूनी काम में संलिप्त होने पर बख्शा न जाए।

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