इन निर्देशों के तहत सबसे प्रमुख पहलू है कि अब उत्तर प्रदेश में निजी स्कूलों के शिक्षकों के लिए ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) और जीवन बीमा की सुविधा अनिवार्य कर दी गई है। इसके अलावा, शिक्षकों को कुशल श्रमिकों को दिए जाने वाले मानदेय से कम वेतन नहीं दिया जा सकता है और उनका वेतन बैंक खाते में भेजे जाने की व्यवस्था की जाएगी। इन पहलुओं का उद्देश्य शिक्षकों के जीवन स्तर को सुधारना और उनकी सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
1. ईपीएफ और जीवन बीमा:
ईपीएफ और जीवन बीमा जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को निजी स्कूलों में लागू किया जाना एक स्वागत योग्य कदम है। यह ना केवल शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करता है, बल्कि उनके परिवारों को भी सुरक्षा प्रदान करता है। ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) एक तरह से पेंशन योजना है, जो शिक्षक के संन्यास के बाद उनके जीवन को आसान बनाएगी। इसके साथ ही जीवन बीमा की सुविधा उन्हें अप्रत्याशित परिस्थितियों में आर्थिक मदद देने का एक जरिया बनेगी।
2. मानदेय में सुधार की आवश्यकता
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, अब किसी भी शिक्षक को कुशल श्रमिकों को मिलने वाले मानदेय से कम वेतन नहीं दिया जाएगा। वर्तमान में कई निजी स्कूलों में शिक्षकों को बहुत कम वेतन दिया जा रहा है, जो कि उनके कार्य के अनुरूप नहीं है। इसका नतीजा यह होता है कि शिक्षकों को अपने परिवार की देखभाल करने में मुश्किलें आती हैं और वे अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाते हैं।
वर्तमान में, कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मानदेय 13,186 रुपये मासिक निर्धारित किया गया है। लेकिन कई निजी विद्यालयों में यह मानदेय बहुत कम दिया जा रहा है। इस दिशा में शिक्षा विभाग द्वारा लिया गया यह कदम शिक्षकों के सम्मान और उनके कार्य की उचित सराहना के लिए जरूरी था।
3. सभी जिलों में होगी जांच और निगरानी
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी स्कूलों में इन नए निर्देशों का पालन हो रहा है, जिलों में जांच कराने का निर्णय लिया है। यह जांच यह सुनिश्चित करेगी कि सभी निजी स्कूलों में शिक्षकों को उचित मानदेय और सामाजिक सुरक्षा सुविधाएं मिल रही हैं।
इसके अलावा, सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 10 अगस्त 2001 को जारी शासनादेश का कड़ाई से पालन कराएं, ताकि कोई भी निजी स्कूल शिक्षक के शोषण और उनके अधिकारों की अनदेखी न कर सके।
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