मानव संपदा पोर्टल का महत्व
मानव संपदा पोर्टल एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जहां राज्य के कर्मचारियों को अपनी संपत्तियों की जानकारी दर्ज करनी होती है। यह प्रक्रिया राज्य सरकार की पारदर्शिता और कर्मचारी प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करने के लिए की जा रही है। पोर्टल पर दर्ज की जाने वाली जानकारी में कर्मचारियों की भूमि, भवन, वाहन और अन्य संपत्तियाँ शामिल होती हैं। यह कदम भ्रष्टाचार को रोकने और सरकारी कर्मचारियों की संपत्ति के बारे में सही जानकारी रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
कर्मचारियों का जवाबदेही
प्रदेश के 8,29,819 सरकारी कर्मचारियों में से अब तक 7,08,588 कर्मचारी यानी करीब 85 प्रतिशत कर्मचारियों ने अपनी संपत्तियों की जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर दे दी है। इस आंकड़े से यह स्पष्ट होता है कि एक बड़ी संख्या में कर्मचारी सरकार के आदेश का पालन कर रहे हैं। हालांकि, शेष 15 प्रतिशत कर्मचारी अभी तक अपनी संपत्तियों का विवरण नहीं दे पाए हैं। सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और निर्देश दिया है कि 10 मार्च तक जो कर्मचारी संपत्ति विवरण नहीं देंगे, उनका वेतन अप्रैल 2025 में रोक लिया जाएगा।
समय सीमा का विस्तार
इस आदेश से पहले, कर्मचारियों को संपत्ति विवरण 28 फरवरी तक देना था, लेकिन अब सरकार ने इसे बढ़ाकर 10 मार्च कर दिया है। यह फैसला कर्मचारियों को और अधिक समय देने के उद्देश्य से लिया गया है ताकि वे अपने दस्तावेज़ ठीक से तैयार कर सकें और किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करें। यह निर्णय राज्य के कर्मचारियों के हित में लिया गया है और इससे कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारी पूरी करने का एक और मौका मिला है।
वेतन रोकने की सख्त चेतावनी
इस शासनादेश में एक महत्वपूर्ण निर्देश यह भी है कि जो कर्मचारी निर्धारित समय सीमा तक संपत्तियों का विवरण नहीं देंगे, उनका वेतन अगले महीने यानी अप्रैल में रोक दिया जाएगा। यह कदम सरकार ने कर्मचारियों को समय पर कार्य करने के लिए प्रेरित करने के लिए उठाया है। सरकार का उद्देश्य है कि सभी कर्मचारी नियमों का पालन करें और अपनी संपत्तियों का सही तरीके से विवरण पोर्टल पर दर्ज करें।
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