बिहार में खुला नौकरियों का पिटारा, 3921 नए पद सृजित!

पटना: बिहार राज्य सरकार ने हाल ही में 3921 नए सरकारी पदों के सृजन का निर्णय लिया है, जो राज्य में रोजगार की स्थिति को सुधारने और शिक्षा एवं प्रशासनिक व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इस फैसले के तहत, शिक्षा विभाग और मंत्रिमंडल के विभिन्न विभागों में नए पदों का सृजन किया गया है, जिससे राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

शिक्षा विभाग में नए पदों का सृजन

इस फैसले का एक बड़ा हिस्सा शिक्षा विभाग में किए गए पद सृजन से संबंधित है। विशेष रूप से, राज्य के राजकीय, राजकीयकृत, प्रोजेक्ट कन्या माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रधानाध्यापक और प्राचार्य के पदों में बदलाव किए गए हैं। कुल 1539 पुराने पदों को प्रत्यर्पित किया गया और 1318 पदों को मरणशील घोषित कर दिया गया। इसके स्थान पर, उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक नियमावली के तहत 2857 नए पदों का सृजन किया गया है।

यह निर्णय खासकर राज्य के शिक्षा क्षेत्र को सशक्त बनाने में सहायक होगा, जहां लंबे समय से शिक्षकों की कमी और पदों की असमानता की समस्या बनी हुई थी। नए पदों से न केवल स्कूलों में नेतृत्व की स्थिति मजबूत होगी, बल्कि छात्रों को बेहतर शैक्षिक माहौल भी मिलेगा।

कानूनी और प्रशासनिक क्षेत्रों में पद सृजन

इसके अलावा, बिहार के प्रशासनिक और कानूनी विभागों में भी कई महत्वपूर्ण पदों का सृजन किया गया है। खासकर उर्दू भाषा से संबंधित पदों में वृद्धि की गई है। सभी थानों में सहायक उर्दू अनुवादक के पदों को प्रत्यर्पित कर 1064 नए पदों का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है। इसमें कलेक्ट्रेट, अनुमंडल कार्यालय, प्रखंड कार्यालय और अंचल कार्यालयों के लिए पद सृजित किए गए हैं, जिनमें कलेक्ट्रेट के उर्दू भाषा कोषांग के लिए 38, अनुमंडल कार्यालय के लिए 101, प्रखंड कार्यालयों के लिए 534 और अंचल कार्यालयों के लिए 391 पद शामिल हैं।

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