देश का वह वीर जिसने अकेले ही 3 दिन में 300 चीनी सैनिकों को मारा, जानकर होगा गर्व

न्यूज डेस्क: भारत की मिट्टी में कई तरह के ऐसे वीर पैदा हुए। जिनके बारे में जानकर आपको गर्व महसूस होगा। आज हम बताएंगे एक ऐसे वीर के बारे में जिससे चीनी सेना आज भी खौफ खाती हैं। 17 नवंबर 1962 में चीनी सेना तवांग से आगे निकलते हुए अरुणाचल प्रदेश के नुरानांग पहुंच गयी थी। 
उसी जगह पर भारतीय वीर जसवंत सिंह 10000 फीट की ऊंचाई पर स्थित नूरानांग पोस्ट पर तैनात थे। चीन कभी सपने में भी नहीं सोचा था की वहां उसे एक ऐसे वीर से सामना होगा। जिसको चीन कभी भी भूल नहीं सकता हैं।

मिली जानकारी के अनुसार चीनी सेना भारतीय सेना पर हावी हो रही थी जिसको देखते हुए भारतीय सेना ने गढ़वाल राइफल की चौथी बटालियन को वापस बुला लिया। उस समय इस बटालियन में शामिल जसवंत सिंह, गोपाल गुसाई और लांस नायक त्रिलोकी वापस नहीं लौटे थे। लेकिन इनकी वीरता दुनिया के सैन्य इतिहास में आज भी याद किया जाता हैं। 

आपको बता दें की मात्र 21 वर्ष की उम्र में जसवंत सिंह रावत ने 18 नवंबर को मोर्चा संभाला  और 72 घंटे तक वो बॉर्डर पर टिके रहे। उन्होंने अकेले पूरी चीनी सेना को आगे बढ़ने से रोक दिया। बिना थके, भूखे-प्यासे पूरे 72 घंटे (तीन दिन तीन रात) तक चीनी सेनाओं की नाक में दम कर दिए। साथ ही साथ 300 चीनी सैनिकों को ढेर कर दिया।

उसके बाद भारतीय सेना की और से टुकडियां युद्धस्थल तक पहुंच गयी थी और चीनी सेना को आगे बढ़ने से रोक लिया था।

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