न्यूज डेस्क: भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बना हुआ हैं। भारत ने चीन को सबक सिखाने के लिए अपने तेवर कड़े कर दिए हैं। जिसके बाद चीन खुद को सरेंडर कर रहा हैं। मिली जानकारी के अनुसार भारत में चीन के राजदूत सुन वेइडोंग ने कहा कि चीन और भारत को अपने मतभेदों का असर कभी भी समग्र द्विपक्षीय संबंधों पर नहीं पड़ने देना चाहिए और आपसी विश्वास को बढ़ाया जाना चाहिए।
आपको बता दें की चीनी राजदूत का यह बयान ऐसे वक्त पर आया हैं। जब चीन और भारत के बीच सीमा पर तनातनी चल रहा हैं। चीन जानता हैं की भारत में पीएम मोदी के नेतृत्व में एक मजबूत सरकार हैं जो किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगा।
चीनी राजदूत ने सैन्य गतिरोध का जिक्र किये बगैर वेइडोंग ने कहा कि दोनों देशों को अपने मतभेद बातचीत के जरिये सुलझाने चाहिए और इस बात का पालन करें कि उन्हें एक-दूसरे से खतरा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने मतभेदों को सही ढंग से देखना चाहिए और द्विपक्षीय सहयोग पर इन मतभेदों का असर नहीं पड़ने देना चाहिए। इसका मतलब साफ हैं की चीन इस बात को जान गया है की भारतीय सेना डोकलाम की तरह पीछे नहीं हटेगी और चीनी सेना का मुंहतोड़ जवाब देगी।
भारत ने चीन से साफ साफ कह दिया हैं की भारत अपने छेत्र में निर्माण कार्य को नहीं रोकेगा और चीन की विस्तारवादी निति को बर्दास्त नहीं करेगा। इस तनातनी के महौल में भारत ने सीमा पर सैनिकों की संख्या को बढ़ा दिया हैं तथा सीमा पर गश्ती को और भी आक्रामक कर दिया हैं।
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