इस योजना के अंतर्गत जिले को 1811 हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य मिला है, जिसमें से 398 हेक्टेयर भूमि अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों के लिए आरक्षित की गई है। जिला उद्यान अधिकारी अलका श्रीवास्तव के अनुसार, योजना का उद्देश्य जल की बचत, उपज में वृद्धि और भूजल स्तर को बनाए रखना है।
इन सिंचाई उपकरणों पर मिलेगी सब्सिडी:
योजना में निम्नलिखित उपकरण शामिल हैं: ड्रिप सिंचाई सिस्टम, मिनी स्प्रिंकलर, पोर्टेबल स्प्रिंकलर, रेनगन स्प्रिंकलर।
सब्सिडी का प्रतिशत इस प्रकार रहेगा:
ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर पर लघु और सीमांत किसानों को 90% सब्सिडी दी जाएगी। जबकि अन्य किसानों को 80% सब्सिडी मिलेगी। वहीं, पोर्टेबल और रेनगन स्प्रिंकलर पर लघु और सीमांत किसानों को 75% सब्सिडी और अन्य किसानों को 65% सब्सिडी मिलेगी।
आवेदन प्रक्रिया:
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को यूपीएमआईपी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। पोर्टल पर जरूरी दस्तावेजों के साथ रजिस्ट्रेशन कर योजना से जुड़ी सब्सिडी प्राप्त की जा सकती है। यह योजना राज्य सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य जल संरक्षण को बढ़ावा देना हैं।
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