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यूपी में खुशखबरी! अब इन लोगों को भी राशनकार्ड का लाभ

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सामाजिक समानता और समावेशन की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्यधारा में लाने और उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से अब उन्हें भी राशन कार्ड का लाभ देने का निर्णय लिया है। यह निर्णय राज्य के खाद्य एवं रसद विभाग के माध्यम से विशेष अभियान चलाकर लागू किया जाएगा।

राशन कार्ड से मिलेगी भोजन सुरक्षा

इस नई पहल के तहत राज्य के उन ट्रांसजेंडर नागरिकों की पहचान की जाएगी, जो अभी तक किसी कारणवश राशन कार्ड से वंचित हैं। सरकार ऐसे पात्र व्यक्तियों को ‘पात्र गृहस्थी राशन कार्ड’ जारी करेगी, जिसके माध्यम से उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अंतर्गत नियमित रूप से खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। खाद्य एवं रसद विभाग ने सभी जिलों के जिला पूर्ति अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय अभियान चलाएं और ट्रांसजेंडर समुदाय के पात्र लोगों को चिन्हित कर जल्द से जल्द राशन कार्ड उपलब्ध कराएं।

ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की सिफारिश पर निर्णय

उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड ने शासन को अवगत कराया था कि प्रदेश में बड़ी संख्या में ट्रांसजेंडर नागरिक स्थायी रोजगार और सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। न उनके पास राशन कार्ड हैं और न ही आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच। इस सिफारिश के बाद मुख्यमंत्री योगी ने संज्ञान लेते हुए तुरंत कार्यवाही के निर्देश दिए।

बुजुर्ग ट्रांसजेंडर्स को वृद्धाश्रम और पेंशन का लाभ

प्रदेश सरकार ने 60 वर्ष से अधिक आयु के ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए वृद्धाश्रम की सुविधा देने का भी ऐलान किया है। इन आश्रयों में न केवल रहने की सुविधा दी जाएगी, बल्कि पेंशन, आयुष्मान भारत कार्ड, नियमित स्वास्थ्य जांच, भोजन और मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग जैसी आवश्यक सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

बिहार में दूसरे राज्यों की गाड़ियां चलाने वालों के लिए चेतावनी

पटना: अगर आप दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश या किसी अन्य राज्य से अपनी गाड़ी लेकर बिहार घूमने आए हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। बिहार सरकार ने अब दूसरे राज्यों की गाड़ियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। नए नियमों के तहत, यदि आपने नियमानुसार स्थानीय जिला परिवहन कार्यालय (DTO) को जानकारी नहीं दी, तो आपकी गाड़ी जब्त की जा सकती है।

परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, हर साल करीब 20 से 25 हजार गाड़ियां बिहार में अन्य राज्यों से आती हैं, लेकिन उनमें से महज एक हजार गाड़ियां ही बिहार में रजिस्ट्रेशन कराती हैं। यही नहीं, ज्यादातर वाहन मालिक न तो अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेते हैं और न ही दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाते हैं। ऐसे में सरकार ने अब सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।

7 दिन के भीतर देनी होगी सूचना

नए नियमों के तहत, यदि कोई गाड़ी दूसरे राज्य से बिहार में प्रवेश करती है और सात दिनों से अधिक समय तक यहां चलती है, तो वाहन मालिक को संबंधित DTO को सूचना देना अनिवार्य है। साथ ही, NOC लेकर गाड़ी का बिहार में दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा।

CCTV और टोल प्लाजा से हो रही निगरानी

सरकार ने इन नियमों के पालन की निगरानी के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लिया है। टोल प्लाजा और शहरों में लगे CCTV कैमरों की मदद से ऐसे वाहनों की पहचान की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि कौन सी गाड़ी कितने समय से बिहार की सड़कों पर दौड़ रही है। परिवहन विभाग इन सभी वाहनों का डेटाबेस तैयार कर रहा है।

कार्रवाई होगी सख्त, जब्त हो सकती है गाड़ी

जो वाहन मालिक नियमों का पालन नहीं करते, उन्हें पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। अगर यह पाया गया कि कोई गाड़ी एक साल से अधिक समय से बिहार में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रही है, तो उस गाड़ी को जब्त किया जा सकता है। परिवहन विभाग ने ऐसे मामलों में पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है।

यूपी में प्राइवेट बस मालिकों पर होगी कार्रवाई, जानें कारण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्राइवेट बस ऑपरेटरों की ओर से नियमों की अनदेखी अब भारी पड़ने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर परिवहन विभाग ने नियमों का उल्लंघन करने वाले बस मालिकों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू कर दिया है। यह कार्रवाई उन ऑपरेटरों के खिलाफ है जो कांट्रैक्ट कैरिज परमिट लेकर स्टेज कैरिज की तरह बसें चला रहे हैं।

बता दें की राज्य परिवहन प्राधिकरण ने ऐसे सैकड़ों बस मालिकों की पहचान कर ली है और अब उन्हें नोटिस भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है। परिवहन विभाग ने साफ किया है कि जल्द ही बड़ी संख्या में इनका परमिट रद्द किया जाएगा।

क्या है मामला?

उत्तर प्रदेश में प्राइवेट बसों को दो प्रकार के परमिट दिए जाते हैं। पहला है कांट्रैक्ट कैरिज परमिट, जिसमें किसी एक पार्टी या ग्रुप को तय दूरी तक ले जाने की अनुमति होती है। दूसरा है स्टेज कैरिज परमिट, जिसके तहत रोडवेज जैसी सेवाएं दी जाती हैं – यानी रास्ते में बसें रुकती हैं और यात्री चढ़ते-उतरते हैं।

कई प्राइवेट ऑपरेटर सस्ती दरों पर मिलने वाला कांट्रैक्ट कैरिज परमिट लेकर स्टेज कैरिज की तर्ज पर बसें चला रहे हैं। इससे न सिर्फ कानून का उल्लंघन हो रहा है, बल्कि राज्य परिवहन निगम को राजस्व में बड़ा नुकसान भी झेलना पड़ रहा है।

कार्रवाई के घेरे में सैकड़ों बसें

राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव सगीर अहमद अंसारी ने बताया कि अब तक ऐसे सैकड़ों वाहन चिह्नित किए जा चुके हैं, जो गलत तरीके से ऑपरेशन कर रहे थे। इन बसों पर पहले भी जुर्माना और सीज करने जैसी कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन बस मालिक दोबारा वही गलती दोहराते हैं। अब सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। जिन बस मालिकों ने कांट्रैक्ट परमिट लेकर स्टेज सेवा दी है, उनके परमिट रद्द किए जाएंगे और उन्हें भविष्य में परमिट देने पर भी रोक लग सकती है।

यात्रियों की प्राथमिकता बनीं प्राइवेट बसें

कम किराया और अधिक रूट पर उपलब्धता के चलते आम लोग प्राइवेट बसों को प्राथमिकता दे रहे हैं। नतीजा यह है कि रोडवेज की आय में भारी गिरावट आई है। परिवहन विभाग के अनुसार, यह गैरकानूनी प्रतिस्पर्धा राज्य परिवहन निगम के लिए नुकसानदेह बन गई है।

बिहार में ग्रेड-ए नर्स की 11,389 रिक्त पदों पर भर्ती

पटना। बिहार टेक्निकल सर्विस कमीशन (BTSC) ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए स्टाफ नर्स (Grade-A) के 11,389 रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 25 अप्रैल 2025 से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 23 मई 2025 निर्धारित की गई है। आवेदन केवल BTSC की आधिकारिक वेबसाइट btsc.bihar.gov.in के माध्यम से ही किया जा सकता है।

कौन कर सकता है आवेदन?

इस भर्ती के लिए वही उम्मीदवार पात्र होंगे जिन्होंने B.Sc नर्सिंग अथवा जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (GNM) डिप्लोमा प्राप्त किया हो। इसके अलावा, उम्मीदवार का बिहार राज्य नर्सिंग काउंसिल में पंजीकरण अनिवार्य है। खास बात यह है कि इस भर्ती के लिए किसी प्रकार का अनुभव अनिवार्य नहीं रखा गया है, जिससे फ्रेशर्स के लिए सुनहरा अवसर बन गया है।

आयु सीमा और वेतनमान

भर्ती के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम 37 वर्ष तय की गई है। आरक्षण के अनुसार आयु में छूट भी प्रदान की जाएगी। आयु की गणना 1 अगस्त 2024 के आधार पर की जाएगी। चयनित उम्मीदवारों को लेवल-7 के तहत ₹9300–₹34800 वेतनमान और ₹4600 ग्रेड पे दिया जाएगा।

चयन प्रक्रिया

BTSC स्टाफ नर्स भर्ती 2025 के लिए चयन लिखित परीक्षा और अनुभव आधारित अंकों के आधार पर किया जाएगा। हालांकि अनुभव जरूरी नहीं है, लेकिन जिन उम्मीदवारों को अनुभव है, उन्हें अतिरिक्त अंक मिल सकते हैं। लिखित परीक्षा पूरी तरह कंप्यूटर आधारित होगी, जिसमें नर्सिंग से जुड़े विषयों पर प्रश्न पूछे जाएंगे।

आवेदन कैसे करें?

उम्मीदवारों को आवेदन करने के लिए btsc.bihar.gov.in वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा। आवेदन शुल्क और अन्य तकनीकी विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध अधिसूचना में विस्तार से दिए गए हैं।

यूपी में नई पेंशन योजना लागू, जानें कौन कर सकता है अप्लाई

मऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार ने पारंपरिक कला और कारीगरी से जुड़े वृद्ध एवं जरूरतमंद हस्तशिल्पियों के जीवन में स्थायित्व और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से “समाजवादी हस्तशिल्प पेंशन योजना” की शुरुआत की है। इस योजना के तहत पात्र हस्तशिल्पियों को प्रतिमाह ₹500 की पेंशन दी जाएगी।

बता दें की इस योजना के पात्र बनने के लिए आवेदक हस्तशिल्पी की उम्र कम से कम 60 वर्ष होनी चाहिए। हालांकि, शारीरिक रूप से विकलांग शिल्पकारों को आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट दी गई है। इसके लिए मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।

योजना के लिए पात्रता का एक अन्य महत्वपूर्ण मापदंड पारिवारिक आय है। आवेदन करने वाले हस्तशिल्पी के परिवार की वार्षिक आय ₹1 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। सीमित बजट के मद्देनज़र, अधिक आयु और शारीरिक रूप से अक्षम हस्तशिल्पियों को प्राथमिकता दी जाएगी।

आवेदन प्रक्रिया

योजना के लिए आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से ही किया जा सकता है। इच्छुक आवेदक www.msme.up.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन पत्र भर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन के बाद उसकी हार्ड कॉपी और सभी आवश्यक दस्तावेजों को जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र, गाजीपुर तिराहा, मऊ में जमा करना अनिवार्य होगा।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें

आवेदन प्रक्रिया या योजना से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए इच्छुक हस्तशिल्पी कार्य दिवसों में उपायुक्त उद्योग कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। यह योजना न केवल हस्तशिल्पियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी, बल्कि उनके सम्मानजनक जीवन की दिशा में भी एक सशक्त कदम साबित हो सकती है।

राजकोट में Senior Technician समेत 28 पदों पर भर्ती

राजकोट। नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी! पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (PGVCL) ने 28 रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है। इसमें उप लेखा अधीक्षक (ST), स्थापना उप अधीक्षक और वरिष्ठ तकनीशियन जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल हैं। आवेदन प्रक्रिया 30 अप्रैल 2025 से शुरू हो चुकी है और इच्छुक उम्मीदवार 20 मई 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

इन पदों पर होगी भर्ती। 

उप लेखा अधीक्षक (ST): 20 पद

स्थापना उप अधीक्षक: 5 पद

वरिष्ठ तकनीशियन: 3 पद

शैक्षिक योग्यता

इन पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास निम्नलिखित में से कोई एक योग्यता होना अनिवार्य है: डिप्लोमा, CA, ICWA, M.Com, MBA/PGDM, MSW (प्रासंगिक क्षेत्र) आदि।

आयु सीमा

उप लेखा अधीक्षक (ST) और स्थापना उप अधीक्षक: अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष, वरिष्ठ तकनीशियन: अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष, (सरकारी नियमों के अनुसार आरक्षित वर्गों को आयु सीमा में छूट दी जाएगी)

वेतनमान

सभी पदों के लिए वेतनमान ₹35,700 से ₹82,100 प्रतिमाह निर्धारित किया गया है। इसके अलावा चयनित उम्मीदवारों को कंपनी के नियमानुसार DA, HRA, CLA, मेडिकल, LTC जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी।

आवेदन शुल्क

सभी श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क ₹250 (GST सहित) निर्धारित किया गया है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए नोटिश देखें।

आवेदन प्रक्रिया

उम्मीदवार 30 अप्रैल 2025 से 20 मई 2025 शाम 6:10 बजे तक PGVCL की आधिकारिक वेबसाइट www.pgvcl.com के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण तिथियां

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि: 20 मई 2025 (शाम 6:10 बजे)

बिहार में लेखापाल और भण्डारपाल की भर्ती, 15 तक आवेदन

पटना: बिहार में सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है। बिहार राज्य बीज निगम लिमिटेड (Bihar Rajya Beej Nigam Limited – BRBN) ने संविदा आधारित पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। निगम ने लेखापाल/रोकड़पाल (Accountant/Cashier) और भण्डारपाल (Storekeeper) के कुल 11 पदों के लिए अधिसूचना जारी की है। योग्य और इच्छुक उम्मीदवार 15 मई 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

BRBN भर्ती 2025 – पदों का विवरण

बिहार राज्य बीज निगम एक ISO प्रमाणित संस्था है जो कृषि क्षेत्र में बीज आपूर्ति और गुणवत्ता सुनिश्चित करने का कार्य करती है। इस भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत लेखापाल/रोकड़पाल के 6 और भण्डारपाल के 5 पद भरे जाएंगे।

लेखापाल/रोकड़पाल (Accountant/Cashier): 

पदों की संख्या: कुल पद 6

योग्यता: बी.कॉम./सी.ए. (इंटर)/सीडब्ल्यूए (इंटर)

आयु सीमा: 01 अप्रैल 2025 को अधिकतम 45 वर्ष

भण्डारपाल (Storekeeper):

पदों की संख्या: कुल पद 5

योग्यता: किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से ग्रेजुएशन या समकक्ष डिग्री

आयु सीमा: अधिकतम 45 वर्ष (01 अप्रैल 2025 को)

आवेदन प्रक्रिया:

उम्मीदवार brbn.bihar.gov.in या krishi.bih.nic.in वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से ही स्वीकार किए जाएंगे।

आवेदन शुल्क:

हर आवेदक को ₹1000/- का प्रोसेसिंग शुल्क ऑनलाइन माध्यम से भुगतान करना होगा। बिना शुल्क के आवेदन अस्वीकार कर दिए जाएंगे।

महत्वपूर्ण तिथियाँ:

आवेदन शुरू: 30 अप्रैल 2025

अंतिम तिथि: 15 मई 2025 (शाम 5:00 बजे तक)

बिहार सरकार की बड़ी पहल: किसानों को अब 55 पैसे प्रति यूनिट बिजली

पटना: बिहार के किसानों के लिए राहत की बड़ी खबर है। अब खेतों की सिंचाई के लिए बिजली कनेक्शन लेना न केवल आसान हो गया है, बल्कि बेहद सस्ता भी हो गया हैं। मुख्यमंत्री विद्युत सहायता योजना के तहत राज्य सरकार किसानों को मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध करा रही है। यह पहल राज्य के कृषि विकास को गति देने और किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

अब आवेदन की प्रक्रिया हुई आसान

राज्य के विद्युत विभाग ने सभी प्रशाखा के किसानों के लिए बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया को सरल और सुगम बना दिया है। किसान अब तीन माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं: आवेदक सुविधा मोबाइल एप, बिहार राज्य विद्युत विभाग की आधिकारिक वेबसाइट और निकटतम विद्युत कार्यालय। इन माध्यमों से किसान घर बैठे ही आवेदन जमा कर सकते हैं और कृषि कार्य के लिए बिजली कनेक्शन प्राप्त कर सकते हैं।

सरकार दे रही भारी सब्सिडी

बिहार विद्युत विनियामक आयोग द्वारा सिंचाई कार्य के लिए बिजली की दर ₹6.74 प्रति यूनिट निर्धारित की गई है। इसमें राज्य सरकार की ओर से ₹6.19 प्रति यूनिट का अनुदान दिया जा रहा है, जिसके कारण किसानों को केवल ₹0.55 प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है। यह देश की सबसे सस्ती कृषि बिजली दरों में से एक है, जिससे किसानों को हर मौसम में निर्बाध सिंचाई करने में सहायता मिलेगी।

सरकार का लक्ष्य – हर खेत तक बिजली पहुंचाना

बिहार सरकार का उद्देश्य है कि राज्य के हर किसान को सुलभ, सस्ती और भरोसेमंद बिजली उपलब्ध कराई जाए, जिससे उन्हें डीजल पंप या अन्य महंगे विकल्पों पर निर्भर न रहना पड़े। इससे खेती की लागत घटेगी और फसल उत्पादन में इजाफा होगा।

नया कृषि विद्युत कनेक्शन लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज: पहचान पत्र – आधार कार्ड या वोटर आईडी, आवासीय प्रमाण पत्र, भूमि दस्तावेज – खेसरा नंबर या अन्य भूमि संबंधी प्रमाण।

बिहार में 'होमगार्ड' बहाली को लेकर 5 निर्देश जारी

सीतामढ़ी, बिहार: जिले में होमगार्ड के 439 रिक्त पदों को भरने के लिए बहाली प्रक्रिया जोरों पर है। आगामी 5 मई से शुरू होने वाली शारीरिक जांच परीक्षा को लेकर प्रशासनिक तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। डीएसपी गौतम कुमार ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान परीक्षा को लेकर पांच अहम निर्देश जारी किए हैं, जिससे परीक्षा प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो सके।

1. सुबह 5 बजे से होगी एंट्री, रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

शारीरिक जांच परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को सुबह 5 बजे ही निबंधन काउंटर पर पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। अभ्यर्थियों की एंट्री सुबह 5 बजे से लेकर 8 बजे तक निर्धारित ग्रुप के अनुसार की जाएगी। रजिस्ट्रेशन के समय दो प्रति एडमिट कार्ड और एक फोटोयुक्त पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होगा।

2. मिलेगा चिप लगा जैकेट और चेस्ट नंबर

आपको बता दें की होमगार्ड परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी को चिप लगा हुआ जैकेट और चेस्ट नंबर दिया जाएगा। इससे दौड़, कूद और गोला फेंक जैसी शारीरिक गतिविधियों पर सटीक नज़र रखी जा सकेगी।

3. पंद्रह अंकों की होगी शारीरिक परीक्षा

शारीरिक जांच परीक्षा कुल 15 अंकों की होगी। हर गतिविधि — दौड़, लंबी कूद, ऊंची कूद और गोला फेंक — के लिए 5 अंक निर्धारित हैं। प्रदर्शन के अनुसार एक से पांच अंक तक दिए जाएंगे। इन्हीं अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी।

4. पुरुष और महिला अभ्यर्थियों के लिए अलग मापदंड

पुरुषों को छह मिनट में 1600 मीटर दौड़, चार से पांच फीट ऊंची कूद, 12 से 16 फीट लंबी कूद और 16 से 20 फीट गोला फेंक करना होगा। जबकि महिलाओं को पांच मिनट में 800 मीटर दौड़, तीन से चार फीट ऊंची कूद और नौ से 13 फीट लंबी कूद की परीक्षा देनी होगी।

5. प्रत्येक दिन 700 अभ्यर्थियों की परीक्षा

कुल 14,063 अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया है, जिनमें 11,538 पुरुष और 2,525 महिलाएं शामिल हैं। प्रत्येक दिन क्रमवार 700 अभ्यर्थियों की सूची जारी की जाएगी। अवकाश के दिनों में परीक्षा स्थगित रहेगी। इसको लेकर निर्देश दिए गए हैं।

श्रमिकों के लिए खुशखबरी! यूपी सरकार चला रही है ये 5 योजनाएं

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के लाखों श्रमिकों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में कई अहम कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चलाई जा रही योजनाएं श्रमिकों को न सिर्फ सम्मान और सुरक्षा दे रही हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की राह भी दिखा रही हैं।

1. श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालय

यूपी में कोरोना काल में माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए यूपी सरकार ने एक संवेदनशील कदम उठाया है। हर मंडल में खोले जा रहे अटल आवासीय विद्यालयों में श्रमिकों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा, भोजन, ड्रेस और आवास की सुविधा दी जा रही है। फिलहाल प्रदेश के 12 जिलों में ये स्कूल काम कर रहे हैं और जल्द ही इन्हें अन्य जिलों में भी विस्तार देने की योजना है।

2. सेवामित्र पोर्टल और पेंशन योजनाएं भी मिल रही 

श्रमिकों को उनकी योग्यता और कौशल के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सेवामित्र पोर्टल पर अब तक 52,000 से ज्यादा कुशल श्रमिकों का पंजीकरण हो चुका है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना और अटल पेंशन योजना जैसे कार्यक्रमों के ज़रिए श्रमिकों को बुजुर्गावस्था में आर्थिक सहारा मिल रहा है। जनधन योजना के तहत खुले बैंक खातों से श्रमिक सीधे सरकारी लाभों से जुड़े हैं।

3. दुर्घटना सहायता और इलाज का खर्च सरकार के जिम्मे

कार्यस्थल पर दुर्घटना की स्थिति में यूपी सरकार श्रमिकों और उनके परिवारों के साथ खड़ी है। पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु पर 5 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है। सामान्य मृत्यु पर 2 लाख रुपये मिलते हैं, जबकि गंभीर बीमारियों के इलाज का पूरा खर्च सरकार खुद उठाती है। अपंजीकृत श्रमिकों के लिए भी 1 लाख रुपये तक की सहायता का प्रावधान है।

4. महिला श्रमिकों के लिए मातृत्व सहायता और बेटी की शादी में मदद

महिला श्रमिकों को मातृत्व के दौरान विशेष आर्थिक सहायता दी जाती है, जिससे वे सुरक्षित और सम्मानजनक प्रसव करवा सकें। वहीं, बेटी की शादी के लिए 55,000 से लेकर 61,000 रुपये तक की राशि दी जा रही है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को बड़ी राहत मिल रही है।

5. उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को मिल रहा है सम्मान और आत्मनिर्भरता की राह

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार श्रमिकों को सिर्फ योजनाओं तक सीमित नहीं रख रही है, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी आगे बढ़ा रही है। श्रमिकों के कल्याण के लिए बनाई गई इन योजनाओं का असर ज़मीनी स्तर पर देखा जा सकता है।

यूपी में 'आउटसोर्स कर्मचारियों' के लिए बड़ी खबर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कार्यरत लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक बड़ी और राहत भरी खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ (Uttar Pradesh Outsource Services Corporation – UPCOS) के गठन के निर्देश दिए हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य आउटसोर्सिंग व्यवस्था में व्याप्त विसंगतियों को दूर करना और कर्मचारियों को एक सुरक्षित, पारदर्शी और सम्मानजनक कार्य वातावरण प्रदान करना है।

मौजूदा समस्याएं

प्रदेश में विभिन्न विभागों, कार्यालयों, शिक्षण संस्थानों और परियोजनाओं में बड़ी संख्या में कर्मचारी आउटसोर्स के माध्यम से सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि, इन कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों की तरह वेतन, भत्ते और सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलती है।  लेकिन नई व्यवस्था के तहत अब इन्हे इन परेशानियों से मुक्ति मिल जाएगी और समय पर वेतन भत्ते का लाभ मिलेगा।

उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम की भूमिका

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रस्तावित UPCOS इन सभी समस्याओं को सुलझाने के लिए एक ठोस कदम है। इस निगम के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य सुनिश्चित किए जाएंगे:

1 .पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया: निगम के माध्यम से आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति एक पारदर्शी और मेरिट-आधारित प्रक्रिया के तहत होगी।

2 .न्यायसंगत वेतन भुगतान: कर्मचारियों को समय पर और पूरा वेतन मिलेगा, जिसमें किसी भी प्रकार की कटौती नहीं होगी।

3 .सामाजिक सुरक्षा का अधिकार: सभी कर्मचारियों को ईपीएफ (EPF) और ईएसआई (ESI) जैसी सुविधाएं अनिवार्य रूप से प्रदान की जाएंगी।

4 .मानव संसाधन का बेहतर प्रबंधन: सरकार के पास एक केंद्रीकृत डेटा रहेगा जिससे कर्मचारियों की योग्यता, सेवाकाल और प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जा सकेगा।

बिहार के कई विभागों में 18,992 वैकेंसी, आवेदन की प्रक्रिया शुरू

पटना, बिहार: बिहार में सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे लाखों युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। राज्य के विभिन्न विभागों में कुल 18,992 पदों पर बंपर भर्तियां निकाली गई हैं। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इच्छुक उम्मीदवार संबंधित विभागों की आधिकारिक वेबसाइटों पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

अलग-अलग विभागों में निकली वैकेंसी:

बिहार सरकार द्वारा घोषित इन पदों में स्वास्थ्य, शिक्षा, वन, और तकनीकी विभागों समेत कई अहम विभाग शामिल हैं। सभी पदों के लिए योग्यताएं और चयन प्रक्रियाएं विभागवार तय की गई हैं। इच्छुक उम्मीदवार प्रकाशित नोटिफिकेशन को पढ़ें और आवेदन को पूरा करें। आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन के द्वारा पूरी की जा रही हैं।

कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO): 4,500 पद

स्टाफ नर्स: 11,389 पद

असिस्टेंट प्रोफेसर: 1,711 पद

असिस्टेंट इंजीनियर: 1,024 पद

फील्ड असिस्टेंट: 201 पद

लैब असिस्टेंट: 143 पद

रेंज ऑफिसर: 24 पद

पात्रता और चयन प्रक्रिया

हर पद के लिए अलग-अलग शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा निर्धारित की गई है। जैसे कि स्टाफ नर्स और CHO पदों के लिए नर्सिंग में डिप्लोमा या डिग्री आवश्यक है, वहीं असिस्टेंट प्रोफेसर पदों के लिए UGC मान्यता प्राप्त पीजी डिग्री और NET/PhD अनिवार्य है। कुछ पदों के लिए 12वीं, स्नातक आदि निर्धारित किया गया हैं। चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा, इंटरव्यू और मेरिट लिस्ट शामिल हो सकती है, जो विभाग के नियमानुसार होगी।

आवेदन कैसे करें?

उम्मीदवारों को संबंधित विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा। आवेदन की अंतिम तिथि और विस्तृत दिशा-निर्देश विभागवार अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे पूरी अधिसूचना ध्यानपूर्वक पढ़ें।

युवाओं को मिलेगा रोजगार का बड़ा अवसर

राज्य सरकार के इस फैसले से एक ओर जहां बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं विभागों की कार्यक्षमता में भी सुधार आने की उम्मीद है। शिक्षा, स्वास्थ्य और तकनीकी क्षेत्र में कर्मचारियों की भारी कमी को देखते हुए यह भर्ती अभियान बेहद जरूरी कदम माना जा रहा है।

यूपी के इस शहर में पान, बीड़ी, सिगरेट और शराब बैन

अयोध्या/ यूपी:

यूपी के अयोध्या में अयोध्या में धार्मिक गरिमा और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। अयोध्या नगर निगम की कार्यकारी समिति ने राम पथ के 14 किलोमीटर लंबे हिस्से में शराब, मांस, पान-बीड़ी, गुटखा और सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया है। इसके साथ ही पुरुषों और महिलाओं के अंतःवस्त्र (अंडरगार्मेंट्स) के विज्ञापनों पर भी रोक लगा दी गई है।

बता दें की राम मंदिर से जुड़े इस मार्ग पर यह प्रतिबंध सरयू नदी के तट से लेकर फैजाबाद शहर तक लागू किया जाएगा। इस फैसले की घोषणा नगर निगम के महापौर गिरीशपति त्रिपाठी ने बृहस्पतिवार को की। उन्होंने बताया कि यह कदम अयोध्या की “सच्ची धार्मिक भावना” को बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।

पहले से बंद थी बिक्री, अब बढ़ा दायरा

गौरतलब है कि अयोध्या शहर के भीतर मांस और शराब की बिक्री पहले से ही बंद है, लेकिन फैजाबाद से सटे राम पथ के कुछ हिस्सों में अभी तक यह बिक्री जारी थी। अब नगर निगम का यह फैसला राम पथ के पूरे क्षेत्र में यह प्रतिबंध लागू करेगा, जिसमें फैजाबाद शहर के भी कुछ हिस्से शामिल होंगे।

धार्मिक और सांस्कृतिक संरक्षण का उद्देश्य

रामपथ, जो अयोध्या और फैजाबाद शहरों को जोड़ता है, धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां श्रीराम जन्मभूमि मंदिर सहित कई प्रमुख धार्मिक स्थल स्थित हैं। मंदिर निर्माण के बाद से अयोध्या में विरासत संरक्षण और विकास के बीच संतुलन कायम करने के प्रयास तेज हुए हैं। इसके तहत अतिक्रमण हटाने की मुहिम भी चल रही है।

अयोध्या में क्रियान्वयन की समयसीमा जल्द

नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, प्रतिबंधों के क्रियान्वयन की रूपरेखा और समयसीमा जल्द घोषित की जाएगी। यह फैसला न सिर्फ स्थानीय प्रशासन की सोच को दर्शाता है, बल्कि अयोध्या को एक आदर्श धार्मिक नगरी के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

Astra Mk 2: भारत के इस मिसाइल से पाकिस्तान में हड़कंप

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनावपूर्ण हालातों के बीच एक बड़ी सामरिक उपलब्धि सामने आई है। भारतीय वायुसेना को जल्द ही 'अस्त्र मार्क-2' मिसाइल मिलने जा रही है, जो दुश्मन के नज़र से ओझल फाइटर जेट्स को भी आसमान में ध्वस्त करने में सक्षम है। यह मिसाइल पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है और भारत ने इसका उत्पादन शुरू कर दिया है।

बता दें की यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब चीन ने पाकिस्तान को अत्याधुनिक PL-15 मिसाइलें मुहैया कराई हैं। माना जा रहा है कि पाकिस्तान की वायुसेना अब इन्हीं मिसाइलों से अपनी हवाई ताकत बढ़ाने की कोशिश करेगी। लेकिन भारत की 'अस्त्र मार्क-2' इस चुनौती का बेहद सटीक जवाब बनकर सामने आई है।

स्वदेशी तकनीक से लैस है 'अस्त्र मार्क-2'

अस्त्र मार्क-2 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है। इस मिसाइल में एक हाईटेक स्वदेशी सीकर (Seeker) लगाया गया है, जो दुश्मन के फाइटर जेट्स को हवा में ही "सूंघ" कर निशाना बना सकता है। यह मिसाइल 160 किलोमीटर तक के टारगेट को भेद सकती है, जो इसे PL-15 जैसी मिसाइलों से कहीं अधिक घातक बनाता है।

सुखोई और तेजस की ताकत बनेगी 'दोगुनी'

भारतीय वायुसेना पहले ही अपने सुखोई-30 एमकेआई और स्वदेशी तेजस फाइटर जेट्स में 'अस्त्र मार्क-1' मिसाइल का सफलतापूर्वक इस्तेमाल कर रही है। अब विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही इन्हीं फाइटर जेट्स में 'अस्त्र मार्क-2' को भी तैनात किया जाएगा। इससे इन विमानों की मारक क्षमता और सटीकता में जबरदस्त इजाफा होगा।

कई सफल परीक्षण कर चुका है भारत

अस्त्र मार्क-2 के कई परीक्षण हाल के महीनों में किए गए हैं, जिनमें इस मिसाइल ने हवा में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इसके सभी ट्रायल सफल रहे हैं और यह मिसाइल हर बार अपने लक्ष्य को सटीकता से भेदने में सफल रही है। सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि चीन और पाकिस्तान की बढ़ती सामरिक नज़दीकियों के बीच भारत की यह मिसाइल गेम-चेंजर साबित हो सकती है। 'अस्त्र मार्क-2' भारत को न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाता है, बल्कि यह पड़ोसी देशों को यह स्पष्ट संदेश भी देता है कि भारत अपनी हवाई सीमाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।

बिहार में फिर खुला नौकरियों का पिटारा, 10 मई तक आवेदन

पटना। बिहार के युवाओं के लिए एक बार फिर नौकरी पाने का शानदार मौका सामने आया है। स्टेट हेल्थ सोसाइटी बिहार (SHS Bihar) ने सीनियर मेडिकल ऑफिसर (Senior MO) और मेडिकल ऑफिसर (MO) के कुल 722 पदों पर बंपर भर्ती का ऐलान किया है। यह भर्ती MBBS डिग्री धारकों के लिए सुनहरा अवसर साबित हो सकती है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 26 अप्रैल 2025 से 10 मई 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन प्रक्रिया और वेबसाइट

उम्मीदवार SHS बिहार की आधिकारिक वेबसाइट shs.bihar.gov.in के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा। भर्ती प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ की जाएगी।

पदों का विवरण

कुल पद: 722

पद का नाम: सीनियर मेडिकल ऑफिसर (Senior MO), मेडिकल ऑफिसर (MO)

शैक्षणिक योग्यता: MBBS डिग्री अनिवार्य

वेतनमान: ₹60,000 से ₹65,000 प्रतिमाह

आयु सीमा

इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु: 21 वर्ष, जबकि अधिकतम आयु: 37 वर्ष निर्धारित किया गया हैं। आरक्षित वर्गों को आयु सीमा में नियमानुसार छूट दी जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग की बड़ी पहल

स्वास्थ्य विभाग की इस पहल को राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे न केवल बेरोजगार डॉक्टरों को रोजगार मिलेगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार आने की उम्मीद है।

आवेदन करने से पहले ध्यान दें

उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि आवेदन करने से पहले वे ऑफिशियल नोटिफिकेशन को ध्यानपूर्वक पढ़ लें और सभी जरूरी दस्तावेज तैयार रखें। अगर आप भी एक योग्य MBBS डॉक्टर हैं और सरकारी नौकरी की तलाश में हैं, तो यह मौका आपके लिए खास है।

बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर भर्ती

न्यूज डेस्क: बैंकिंग क्षेत्र में करियर की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर सामने आया है। देश के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) ने ऑफिस असिस्टेंट के 500 रिक्त पदों पर भर्ती की घोषणा की है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार इन पदों के लिए बैंक की आधिकारिक वेबसाइट bankofbaroda.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन की महत्वपूर्ण तिथियाँ:

ऑनलाइन आवेदन शुरू होने की तिथि: 03 मई 2025

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि: 23 मई 2025

बता दें की इस भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत उम्मीदवारों का चयन विभिन्न चरणों में किया जाएगा, जिसमें लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और दस्तावेज़ सत्यापन शामिल होंगे। यह अवसर उन युवाओं के लिए बेहद खास है जो बैंकिंग सेक्टर में एक स्थिर और सम्मानजनक करियर की तलाश कर रहे हैं।

आवेदन प्रक्रिया:

उम्मीदवार बैंक ऑफ बड़ौदा की आधिकारिक वेबसाइट bankofbaroda.in पर जाएँ।  "Careers" सेक्शन में जाकर "Recruitment for Office Assistant – 2025" लिंक पर क्लिक करें। आवश्यक जानकारी भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें। आवेदन शुल्क (यदि कोई हो) का भुगतान करें। फॉर्म को सबमिट कर लें और उसकी प्रिंट कॉपी सुरक्षित रखें।

पात्रता मानदंड और अन्य विवरण:

बैंक द्वारा पात्रता मानदंड, शैक्षिक योग्यता, आयु सीमा, वेतनमान एवं परीक्षा पैटर्न आदि की विस्तृत जानकारी जल्द ही आधिकारिक नोटिफिकेशन में उपलब्ध कराई जाएगी। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे समय-समय पर बैंक की वेबसाइट पर अपडेट चेक करते रहें।

बिहार में सक्षमता परीक्षा पास 105 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी

पटना। बिहार में शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। सक्षमता परीक्षा 2024 के तहत नियोजित 105 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। इनमें से 96 शिक्षक पहले चरण की काउंसलिंग में और 9 शिक्षक दूसरे चरण की काउंसलिंग में पकड़े गए हैं। मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने सख्ती दिखाते हुए जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

शिक्षा विभाग ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है, जिसकी अध्यक्षता माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक अब्दुस सलाम अंसारी कर रहे हैं। यह कमेटी 8 मई को इन शिक्षकों के सभी शैक्षणिक व प्रशिक्षण प्रमाण पत्रों की सत्यापन प्रक्रिया पूरी करेगी। जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित शिक्षकों की नौकरी से बर्खास्तगी संभव है।

सत्यापन के लिए 8 मई को सभी शिक्षकों को तलब

विभागीय आदेश के अनुसार, सभी 105 शिक्षकों को 8 मई को पूर्वाह्न 10:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक जांच समिति के समक्ष उपस्थित रहना होगा। इन शिक्षकों को अपने सभी दस्तावेज—जैसे शैक्षणिक प्रमाण पत्र, प्रशिक्षिण प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, नियोजन पत्र, दक्षता परीक्षा (STET, BTET, CTET) सर्टिफिकेट और सक्षमता परीक्षा का एडमिट कार्ड साथ लाने का निर्देश दिया गया है।

राज्य के 32 जिलों में पदस्थापित हैं फर्जी प्रमाण पत्र वाले शिक्षक

ये सभी शिक्षक फिलहाल राज्य के 32 जिलों के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत हैं। इनमें पटना, भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, रोहतास, सीवान, पूर्णिया, पश्चिम चंपारण जैसे जिले शामिल हैं। शिक्षा विभाग ने संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इन शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराएं।

गौरतलब है कि स्थानीय निकाय शिक्षक सक्षमता परीक्षा 2024 (प्रथम) के सफल अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए दो चरणों में काउंसलिंग कराई गई थी। जिलों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, पहले चरण में 96 और दूसरे चरण में 9 उम्मीदवारों के दस्तावेज प्रथम दृष्टया फर्जी पाए गए हैं।

भारत के 'Nag Mk-2' से पाकिस्तानी टैंकों के उड़ेंगे परखच्चे

नई दिल्ली। भारत ने अपनी सैन्य ताकत को और भी धारदार बना लिया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित अत्याधुनिक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल Nag Mk-2 चंद सेकेंडों में पाकिस्तानी टैंकों के  परखच्चे उड़ाने को तैयार हैं।

यह मिसाइल तीसरी पीढ़ी की टेक्नोलॉजी से लैस है और सबसे अहम बात – यह "फायर एंड फॉरगेट" तकनीक पर काम करती है। यानी एक बार लॉन्च करने के बाद इसे लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए किसी मानवीय हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होती। यह अपने टारगेट को खुद ट्रैक करती है और सटीकता से हमला करती है।

मुख्य युद्धक टैंकों की कब्रगाह बनेगा Nag Mk-2

Nag Mk-2 को खासतौर पर मुख्य युद्धक टैंकों (Main Battle Tanks) को ध्वस्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी मारक क्षमता इतनी जबरदस्त है कि यह किसी भी आधुनिक बख्तरबंद वाहन को पल भर में तबाह कर सकती है। खास बात यह है कि यह मिसाइल दिन हो या रात, बारिश हो या धूलभरी आंधी – हर मौसम और हर परिस्थिति में प्रभावी रूप से काम करती है।

पाकिस्तान के लिए बढ़ी चिंता

विशेषज्ञ मानते हैं कि Nag Mk-2 की तैनाती से भारत को पश्चिमी सीमा पर भारी बढ़त मिलेगी, जहां पाकिस्तान अक्सर अपने टैंक रेजीमेंट्स की धौंस दिखाने की कोशिश करता रहा है। इस मिसाइल की मौजूदगी में पाकिस्तानी टैंक अब युद्ध के मैदान में ज्यादा देर टिक नहीं पाएंगे।

आत्मनिर्भर भारत की मिसाइल

Nag Mk-2 केवल एक हथियार नहीं, बल्कि 'मेक इन इंडिया' और आत्मनिर्भर रक्षा नीति की एक जीती-जागती मिसाल है। इसका निर्माण पूरी तरह से भारत में किया गया है और यह आने वाले समय में दुश्मनों के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकती है।

यूपी में B.Com, B.Sc, B.Tech के लिए बंपर भर्ती

कानपुर, 2 मई 2025: उत्तर प्रदेश में नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए एक शानदार अवसर सामने आया है। आर्टिफिशियल लिम्ब्स मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (ALIMCO) ने विभिन्न पदों पर बंपर भर्तियां निकाली हैं। ALIMCO द्वारा यंग प्रोफेशनल, अकाउंटेंट, आईटी एक्सपर्ट समेत कुल 12 पदों पर आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।

बता दें की इन पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया 1 मई 2025 से शुरू हो चुकी है और इच्छुक उम्मीदवार 30 मई 2025 तक आधिकारिक वेबसाइट alimco.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसको लेकर दिशा निर्देश जारी किया गया हैं।

भर्ती से जुड़ी मुख्य जानकारी:

कुल पदों की संख्या: 12 पद।

ऑनलाइन आवेदन की शुरुआत: 1 मई 2025

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि: 30 मई 2025

शैक्षणिक योग्यता:

इन पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास निम्नलिखित में से कोई एक डिग्री होनी चाहिए: B.Com, B.Sc, B.Tech/BE, M.Sc, MCA. आदि।

वेतनमान:

लीड एआई विशेषज्ञ वेतन ₹1,80,000/-, आईटी सलाहकार – तकनीकी वेतन ₹1,05,000/-, यूआई/यूएक्स डेवलपर वेतन ₹1,05,000/-, एआई एक्सेसिबिलिटी कंसल्टेंट वेतन ₹1,05,000/- सहायक प्रबंधक ₹75,000/-, युवा पेशेवर ₹30,000/-, क्यूसी सहायक (मैकेनिकल) ₹30,000/-, अकाउंटेंट ₹35,000/-, रिसेप्शनिस्ट ₹30,000/- होनी चाहिए।

आवेदन प्रक्रिया:

उम्मीदवारों को ALIMCO की आधिकारिक वेबसाइट www.alimco.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरना होगा। आवेदन से पहले सभी दस्तावेजों और पात्रता मापदंडों को ध्यानपूर्वक जांचना आवश्यक है।

बिहार के 26 जिलों में आज आएगी तेज आंधी, गिरेंगे ओले!

पटना। बिहार में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। अप्रैल के अंतिम सप्ताह से ही राज्य के कई हिस्सों में बदले मौसम का असर देखने को मिल रहा है। मई की शुरुआत होते ही बारिश, तेज आंधी और वज्रपात ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शुक्रवार को राज्य के 26 जिलों में भारी बारिश, ओलावृष्टि, वज्रपात और तेज हवा की चेतावनी जारी की है। साथ ही 5 मई तक लोगों को सतर्क रहने का सुझाव दिया गया है।

मौसम विभाग के अनुसार, आज पटना समेत राज्य के कई जिलों में तेज हवाएं चल सकती हैं, जिनकी रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंच सकती है। इसके अलावा कहीं-कहीं ओले गिरने की भी संभावना जताई गई है। साथ ही एक दो स्थान पर ठनका भी गिर सकता हैं।

इन जिलों में जारी हुआ येलो अलर्ट

आज जिन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, उनमें पटना, मुजफ्फरपुर, वैशाली, दरभंगा, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीवान, सारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, समस्तीपुर, बक्सर, भोजपुर, अरवल, भभुआ, रोहतास, औरंगाबाद, गया, नालंदा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, शेखपुरा और जहानाबाद शामिल हैं।

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बिहार के इन जिलों में मेघगर्जन के साथ मूसलाधार बारिश और ठनका गिरने की संभावना जताई गई है। पिछले कुछ दिनों में वज्रपात की घटनाओं में कई लोगों की जान भी जा चुकी है, जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

किसानों और आमजनों के लिए चेतावनी

आईएमडी ने किसानों और आम नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की है। खेतों में काम कर रहे किसानों को सलाह दी गई है कि वे मौसम पूरी तरह साफ होने तक खुले में काम न करें। वज्रपात से बचाव के लिए सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।

चक्रवातीय परिसंचरण है वजह

मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और आस-पास के क्षेत्रों में ऊपरी वायुमंडलीय चक्रवातीय परिसंचरण बना हुआ है। इसके अलावा, दक्षिण-पूर्व राजस्थान के मध्य भागों में भी ऐसा ही परिसंचरण बना है, जिससे बिहार समेत पूर्वी भारत के कई इलाकों में मौसम में यह बदलाव देखा जा रहा है। राज्य में बारिश आंधी का यह सिलसिला 7 मई तक जारी रह सकता है।

यूपी के 5 जिलों को जोड़ेगी खलीलाबाद-बहराइच रेल लाइन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को एक और बड़ी रेलवे सौगात मिलने जा रही है। रेलवे बोर्ड ने खलीलाबाद-बहराइच नई रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है, जो राज्य के पूर्वी और तराई क्षेत्र के जिलों को आपस में जोड़ेगी। यह रेल लाइन बलरामपुर और श्रावस्ती होते हुए लगभग 240 किलोमीटर लंबी होगी और साल 2026 तक इसके पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है।

इन जिलों को होगा सीधा फायदा

इस रेल परियोजना से संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच जिलों को सीधा लाभ मिलेगा। यह रेल लाइन न सिर्फ आवागमन को आसान बनाएगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास और रोजगार की नई संभावनाएं भी खोलेगी।

रेल मार्ग पर बनेंगे 16 स्टेशन

इस नए रूट पर बरदेहरा, भिनगा, लक्ष्मनपुर, गोडपुरवा, इकौना, श्रावस्ती, खगईजोत, श्रीदातागंज, उतरौला, बंजरहा, डुमरियागंज, भग्गोभार, बांसी, खेसरहा, मेहदावल और भगौली बाजार जैसे स्थानों पर स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। इन स्टेशनों के आसपास व्यापारिक गतिविधियों के बढ़ने की पूरी संभावना है।

रेलवे स्टेशन को मिलेगा जंक्शन का दर्जा

इस परियोजना के तहत एक मौजूदा रेलवे स्टेशन को जंक्शन का दर्जा भी दिया जाएगा, जिससे यात्री सुविधाएं और ट्रेनों की आवाजाही में बड़ा इजाफा होगा। जंक्शन बनने से क्षेत्र को और अधिक ट्रेनों की सुविधा मिल सकेगी, जिससे यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा।

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू

रेलवे बोर्ड की मंजूरी के बाद अब भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। सरकार और रेलवे विभाग मिलकर इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए सक्रिय हैं।

स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार

इस रेल लाइन के निर्माण और स्टेशनों के विकास से स्थानीय लोगों के लिए व्यापार और रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे। होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट, दुकानें और ट्रांसपोर्ट जैसी सेवाओं में स्थानीय लोग रोजगार पा सकेंगे, जिससे गांवों और कस्बों की आर्थ‍िक स्थिति मजबूत होगी।

UP PET परीक्षा को लेकर खुशखबरी! UPSSSC ने जारी की अहम सूचना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे लाखों युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (PET) को लेकर एक अहम निर्णय लिया गया है। अब PET में शामिल होने वाले उम्मीदवारों का स्कोर तीन साल तक वैध रहेगा। इसका सीधा फायदा 2025 या उसके बाद PET देने वाले उम्मीदवारों को मिलेगा।

20 नवंबर 2020 के शासनादेश में हुआ संशोधन

उत्तर प्रदेश सरकार ने 20 नवंबर 2020 को जारी पुराने शासनादेश को संशोधित करते हुए PET स्कोर की वैधता अवधि को एक साल से बढ़ाकर तीन साल कर दिया है। इस निर्णय के बाद अभ्यर्थियों को बार-बार PET परीक्षा में बैठने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।

ग्रुप C भर्तियों के लिए मिलेगी राहत

UPSSSC द्वारा ग्रुप C के अंतर्गत भर्तियों के लिए दो-चरणीय परीक्षा प्रणाली अपनाई गई है। पहले चरण में PET परीक्षा होती है और उसके स्कोर के आधार पर अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाता है। अभी तक PET स्कोर केवल एक वर्ष तक ही मान्य होता था, लेकिन अब यह तीन वर्षों तक भर्ती प्रक्रिया में उपयोग किया जा सकेगा।

कार्मिक विभाग ने दी मंजूरी

इस निर्णय की प्रक्रिया कई महीनों से चल रही थी। आयोग ने PET स्कोर की वैधता बढ़ाने के लिए कार्मिक विभाग को प्रस्ताव भेजा था, जिसे अब मंजूरी दे दी गई है। शासन की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं और इन्हें उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेजा गया है।

अभ्यर्थियों को मिलेगा फायदा

इस बदलाव से PET में अच्छा स्कोर करने वाले अभ्यर्थियों को बार-बार परीक्षा में बैठने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही उन्हें ग्रुप C की विभिन्न भर्तियों में अधिक अवसर मिलेंगे। यह निर्णय खासकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आने वाले युवाओं के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा।

यूपी में B.SC डिग्रीधारकों के लिए नौकरियों की बहार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे नर्सिंग क्षेत्र के युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ ने नर्सिंग ऑफिसर के कुल 733 पदों पर भर्ती के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। इनमें से 626 पद सामान्य भर्ती के तहत और 107 पद बैकलॉग के तहत भरे जाएंगे।

आवेदन की तिथियां:

ऑनलाइन आवेदन की शुरुआत: 25 अप्रैल 2025

परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि: 25 मई 2025

आवेदन शुल्क:

सामान्य / ओबीसी / ईडब्ल्यूएसके लिए आवेदन शुल्क ₹2360/- रुपया, जबकि एससी / एसटी / पीएच के लिए ₹1416/- निर्धारित किया गया हैं। (शुल्क का भुगतान केवल ऑनलाइन माध्यम - डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, या UPI से किया जा सकता है)

आयु सीमा:

इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु: 18 वर्ष, जबकि अधिकतम आयु: 40 वर्ष निर्धारित किया गया हैं। (सरकारी नियमों के अनुसार आरक्षित वर्गों को आयु में छूट प्रदान की जाएगी)

पात्रता:

उम्मीदवार के पास बी.एससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बी.एससी नर्सिंग, या जनरल नर्सिंग मिडवाइफरी (GNM) में डिप्लोमा होना चाहिए। GNM डिप्लोमा धारकों के लिए कम से कम 2 वर्षों का अनुभव अनिवार्य है। भारतीय नर्सिंग परिषद में पंजीकरण अनिवार्य है।

आवेदन के लिए वेबसाइट : https://nursing2025.kgmu.edu.in/

भारत Vs पाकिस्तान: किसके पास सबसे ताकतवर टैंक फोर्स?

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के दौरान सैन्य शक्ति की तुलना की जा रही है। ऐसे में जमीनी लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभाने वाले मुख्य युद्धक टैंक (Main Battle Tanks - MBTs) की ताकत और गुणवत्ता का विश्लेषण महत्वपूर्ण हो जाता है।

भारत की टैंक शक्ति मजबूत

भारत की जमीनी सेना दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक है, और इसका टैंक बेड़ा भी काफी प्रभावशाली है। वर्तमान में भारतीय सेना के पास लगभग 4,201सक्रिय टैंक हैं। इसमें निम्नलिखित प्रमुख टैंक शामिल हैं:

T-90S Bhishma: रूस निर्मित और भारत में असेंबल किए गए ये टैंक भारतीय सेना की रीढ़ हैं। लगभग 1,100 से अधिक T-90S सेवा में हैं। ये टैंक 1,000 हॉर्सपावर इंजन, थर्मल साइट्स और आधुनिक फायर-कंट्रोल सिस्टम से लैस हैं।

T-72 Ajeya: 1980 के दशक से सेवा में मौजूद T-72 टैंकों की संख्या अब भी लगभग 2,000 से अधिक है। हाल ही में भारत ने इनके लिए रूस से $248 मिलियन की लागत से 1,000 हॉर्सपावर इंजन खरीदने का समझौता किया है, जिससे इनकी ऑपरेशनल क्षमता में सुधार होगा।

Arjun MK1A: भारत में विकसित यह टैंक भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की एक बड़ी उपलब्धि है। यह 68.25 टन वजनी टैंक उच्च स्तरीय कवच, लेजर रेंज फाइंडर, और आधुनिक फायरिंग प्रणाली से लैस है। हाल ही में 118 Arjun MK1A टैंकों का ऑर्डर दिया गया है।

भविष्य की योजनाएं

भारत "Future Ready Combat Vehicle (FRCV)" परियोजना के तहत लगभग 1,770 नए टैंक विकसित करने की योजना बना रहा है, जो T-72 के प्रतिस्थापन के रूप में आएंगे। इससे भारत की टैंक शक्ति और भी अधिक उन्नत और आत्मनिर्भर हो जाएगी।

पाकिस्तान की टैंक शक्ति कमजोर

पाकिस्तान की जमीनी सेना का टैंक बेड़ा भारत से कम संख्या में है, वर्तमान में पाकिस्तान के पास लगभग 2,627 टैंक सक्रिय टैंक हैं। 

Al-Khalid: यह पाकिस्तान और चीन की संयुक्त परियोजना है। यह टैंक 1,200 हॉर्सपावर इंजन और 125 मिमी स्मूथबोर गन से लैस है। इसकी गति और फायरिंग पावर इसे एक प्रतिस्पर्धी टैंक बनाती है।

Haider MBT: नवीनतम पाकिस्तानी टैंक, जो चीन के VT-4 पर आधारित है। इसमें उन्नत फायर-कंट्रोल सिस्टम, स्वचालित लोडर और थर्मल इमेजिंग सिस्टम हैं। यह पाकिस्तान की आक्रामक क्षमता को बढ़ाता है।

Al-Zarrar: पुराने Type 59 टैंकों का आधुनिक संस्करण है, जिसे स्थानीय स्तर पर अपग्रेड किया गया है। हालांकि इनकी क्षमताएं आधुनिक टैंकों के मुकाबले सीमित हैं, फिर भी ये पाकिस्तान के रक्षा ढांचे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

महिलाओं में बढ़ रही हैं ये 5 प्रमुख स्वास्थ्य समस्याएं? जानें विशेषज्ञों की राय

हेल्थ डेस्क। हाल के वर्षों में महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं। बदलती जीवनशैली, खानपान की आदतें, तनाव और जागरूकता की कमी के चलते कई बीमारियां महिलाओं को तेजी से अपनी चपेट में ले रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर जांच, संतुलित जीवनशैली और सही जानकारी से इन समस्याओं को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

1. स्तन कैंसर (Breast Cancer)

स्तन कैंसर दुनियाभर में महिलाओं में सबसे आम प्रकार का कैंसर बन चुका है। भारतीय महिलाओं में यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है। डॉ. रितु गुप्ता, वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट, बताती हैं कि, "30 वर्ष की आयु के बाद हर महिला को साल में एक बार मैमोग्राफी जरूर करानी चाहिए। समय पर जांच और इलाज से इस बीमारी को रोका जा सकता है।"

2. सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer)

यह गर्भाशय ग्रीवा से संबंधित कैंसर है, जो मुख्य रूप से ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के संक्रमण से होता है।गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सविता मल्होत्रा कहती हैं, "HPV वैक्सीन और नियमित पैप स्मीयर टेस्ट महिलाओं को इस कैंसर से बचा सकता है। यह भारत में महिलाओं की मृत्यु का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है।"

3. थायराइड रोग (Thyroid Disorders)

महिलाओं में हाइपोथायरॉइडिज्म सबसे आम है, जिसमें शरीर पर्याप्त थायराइड हार्मोन नहीं बना पाता। इससे वजन बढ़ना, थकावट और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं होती हैं। एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. अंशुल वर्मा बताते हैं, "थायराइड असंतुलन महिला हार्मोन पर सीधा असर डालता है, जिससे मासिक धर्म अनियमित और प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। समय पर टेस्ट कराना जरूरी है।"

4. एनीमिया (Anemia)

आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया भारतीय महिलाओं में बहुत आम है। यह थकान, चक्कर आना और त्वचा की रंगत फीकी पड़ने जैसे लक्षणों के रूप में सामने आता है। डायटीशियन नीता मिश्रा के अनुसार, "भारत में हर दूसरी महिला एनीमिया से पीड़ित है। आयरन युक्त भोजन और नियमित ब्लड टेस्ट इस समस्या को रोकने में मददगार हो सकते हैं।"

5. फाइब्रॉएड (Uterine Fibroids)

यह गर्भाशय में बनने वाली गांठें होती हैं जो अधिकतर 30 से 45 की उम्र की महिलाओं में पाई जाती हैं। इनमें पेट दर्द, मासिक धर्म में भारी रक्तस्राव और कभी-कभी बांझपन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। डॉ. प्रियंका भल्ला, गाइनकोलॉजिस्ट, बताती हैं, "हालांकि अधिकतर फाइब्रॉएड गैर-घातक होते हैं, लेकिन इनके लक्षण गंभीर होने पर मेडिकल या सर्जिकल हस्तक्षेप जरूरी होता है।"

यूपी में पॉपकार्न मेकिंग मशीनों का निःशुल्क वितरण

बलिया, उत्तर प्रदेश।

स्वरोजगार को बढ़ावा देने और पारंपरिक उद्योगों को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बलिया जनपद में 10 पॉपकार्न मेकिंग मशीनों का निःशुल्क वितरण करने की योजना शुरू की है। यह वितरण खादी नीति के तहत किया जाएगा।

जिला ग्रामोद्योग अधिकारी गौतम त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना विशेष रूप से भुर्जी समाज के कारीगरों और इस उद्योग में रुचि रखने वाले लोगों के लिए तैयार की गई है। चयन प्रक्रिया के तहत एक कमेटी आवेदकों का परीक्षण कर चयन करेगी, जिसके बाद चयनित उम्मीदवारों की सूची लखनऊ स्थित खादी बोर्ड मुख्यालय भेजी जाएगी।

पात्रता और आवेदन प्रक्रिया

इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक की आयु 18 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इच्छुक उम्मीदवारों को खादी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट www.upkvib.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। साथ ही, आवेदन की हार्ड कॉपी जिला ग्रामोद्योग कार्यालय, रामपुर उदयभान, बलिया में जमा करनी अनिवार्य है। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 10 मई, 2025 निर्धारित की गई है।

गौतम त्रिपाठी ने बताया कि चयनित उद्यमियों को मुख्यालय से टूल किट्स प्राप्त होने के बाद मशीनों का वितरण किया जाएगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और पारंपरिक लघु उद्योगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

स्थानीय उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा

इस योजना के माध्यम से न केवल पॉपकार्न उद्योग को गति मिलेगी, बल्कि इससे जुड़े कारीगरों को भी स्थायी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। पॉपकार्न मशीनें मिलने से कारीगर घरेलू स्तर पर उत्पादन शुरू कर सकेंगे, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।

बिहार में नौकरियों की बहार: BSSC ने निकाली 344 पदों पर बंपर भर्तियां

पटना। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) ने राज्य के युवाओं के लिए सुनहरा अवसर लेकर आया है। आयोग ने दो बड़े भर्ती विज्ञापनों के माध्यम से कुल 344 पदों पर नियुक्तियों की घोषणा की है। इनमें प्रयोगशाला सहायक (Lab Assistant) के 143 पद और फील्ड असिस्टेंट (Field Assistant / क्षेत्र सहायक) के 201 पद शामिल हैं। योग्य अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट bssc.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।

प्रयोगशाला सहायक पदों पर भर्ती

प्रयोगशाला सहायक के 143 पदों के लिए उम्मीदवार साइंस विषयों के साथ 12वीं पास होने चाहिए। आवेदन की प्रक्रिया 15 मई 2025 से शुरू होगी। इन पदों में से 48 पद महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण के तहत आरक्षित हैं। इच्छुक उम्मीदवार नोटिश को पढ़ें और आवेदन करें।

कृषि विभाग में फील्ड असिस्टेंट की भर्ती

कृषि निदेशालय के कृषि प्रक्षेत्र में फील्ड असिस्टेंट (क्षेत्र सहायक) के 201 पदों पर भी भर्ती निकाली गई है। इसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 23 मई 2025 निर्धारित की गई है। इन पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता आईएससी (साइंस स्ट्रीम) या कृषि में डिप्लोमा होना अनिवार्य है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि इसके समकक्ष कोई भी अन्य शैक्षणिक योग्यता स्वीकृत नहीं होगी।

उम्मीदवारों की आयु सीमा:

इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु: 18 वर्ष, जबकि अधिकतम आयु: 37 वर्ष (आरक्षित वर्गों को नियमानुसार छूट प्राप्त होगी) निर्धारित किया गया हैं।

कैसे करें आवेदन?

उम्मीदवार आयोग की वेबसाइट bssc.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन से जुड़ी विस्तृत जानकारी, पात्रता शर्तें और परीक्षा पैटर्न वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।

राफेल Vs जे-20: भारत और चीन के जेट्स में कौन है आसमानी शेर?

नई दिल्ली: भारत और चीन दोनों एशिया के शक्तिशाली देश हैं और अपनी वायु सेना को आधुनिक बनाने में लगातार प्रयासरत हैं। भारत ने फ्रांस से अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमान खरीदे हैं, जबकि चीन ने घरेलू तकनीक से चेंगदू जे-20 स्टील्थ फाइटर तैयार किया है। इस रिपोर्ट में हम इन दोनों विमानों की पूरी तकनीकी और सामरिक तुलना करेंगे।

1. डिज़ाइन और स्टील्थ क्षमता

जे-20: यह एक फिफ्थ जनरेशन स्टील्थ फाइटर है, जिसकी डिजाइन रडार से बचने के लिए खासतौर पर की गई है। इसकी लंबी नुकीली बॉडी और इनलेट्स इसे उच्च स्टील्थ क्षमता देते हैं।

राफेल: यह एक 4.5 जनरेशन मल्टीरोल फाइटर जेट है। इसमें सीमित स्टील्थ फीचर्स हैं, लेकिन इसकी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर प्रणाली इसे दुश्मन के रडार से छिपने में मदद करती है।

2. इंजन और गति

राफेल: इसमें दो Snecma M88-2 इंजन लगे हैं, जो इसे Mach 1.8 (लगभग 2,222 किमी/घंटा) की गति देने में सक्षम हैं।

जे-20: वर्तमान में इसमें WS-10B इंजन लगे हैं, और कुछ वर्जन में रूसी AL-31F इंजन भी हैं। इसकी अधिकतम गति Mach 2.0 तक मानी जाती है।

3. हथियार प्रणाली

राफेल: इसमें SCALP क्रूज मिसाइल, Meteor BVR मिसाइल और MICA मिसाइल जैसी उन्नत हथियार प्रणाली होती है। यह हवा से हवा, हवा से जमीन और परमाणु हमलों में सक्षम है।

जे-20: इसमें PL-15 (लॉन्ग रेंज), PL-10 (शॉर्ट रेंज) और कुछ लेजर-गाइडेड बम शामिल हैं। इसकी हथियार प्रणाली काफी प्रभावशाली है, लेकिन इसकी विश्वसनीयता पर सवाल हैं।

4. एवियोनिक्स और रडार

राफेल: इसमें RBE2-AA AESA रडार, स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और हेल्मेट-माउंटेड डिस्प्ले जैसी आधुनिक टेक्नोलॉजी है।

जे-20: यह भी AESA रडार से लैस है, लेकिन इसकी इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर क्षमता राफेल के मुकाबले कुछ कम आंकी जाती है।

5. कॉम्बैट प्रूव्ड या नहीं?

राफेल: यह पहले ही कई युद्ध अभियानों (लीबिया, अफगानिस्तान, माली) में अपनी क्षमता दिखा चुका है। और इसे आसमानी शेर भी कहा जाता हैं।

जे-20: चीन का ये जेट अभी तक किसी युद्ध में हिस्सा नहीं लिया है। इसकी वास्तविक क्षमता परीक्षण के दौर में ही है। इसलिए युद्ध के अनुभव, हथियार प्रणाली और एवियोनिक्स के मामले में राफेल ज्यादा मजबूत साबित होता है।

उम्र के अनुसार कितना होना चाहिए ब्लड शुगर, देखें चार्ट

हेल्थ डेस्क: डायबिटीज आज एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, जो न केवल बुजुर्गों को बल्कि युवाओं और बच्चों को भी तेजी से प्रभावित कर रही है। इस बीमारी का सबसे अहम संकेतक है — ब्लड शुगर लेवल। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उम्र के साथ ब्लड शुगर का सामान्य स्तर भी थोड़ा-बहुत बदल सकता है? आइए जानें उम्र के अनुसार ब्लड शुगर का सामान्य स्तर क्या होना चाहिए और किन बातों का रखें ध्यान।

क्या होता है ब्लड शुगर?

ब्लड शुगर यानी रक्त में मौजूद ग्लूकोज़ की मात्रा, जो शरीर की ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। भोजन करने के बाद शरीर इसे तोड़कर ग्लूकोज़ में बदलता है, जो इंसुलिन की मदद से कोशिकाओं में पहुंचती है। जब यह प्रक्रिया बाधित होती है, तब ब्लड शुगर असामान्य रूप से बढ़ या घट सकता है।

डायबिटीज की पहचान कैसे करें?

यदि निम्न लक्षण दिखें तो तुरंत ब्लड शुगर जांच कराएं: बार-बार प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकान महसूस होना, धुंधली नजर, घाव धीरे भरना। 

उम्र के अनुसार कितना होना चाहिए ब्लड शुगर, देखें चार्ट

0–5 साल के बच्चों के लिए

खाली पेट (Fasting): 70–100 mg/dL

खाने के 2 घंटे बाद: 90–140 mg/dL

6–12 साल के बच्चों के लिए

खाली पेट (Fasting): 80–100 mg/dL

खाने के 2 घंटे बाद: 90–140 mg/dL

13–19 साल के किशोरों के लिए

खाली पेट (Fasting): 70–110 mg/dL

खाने के 2 घंटे बाद: 90–140 mg/dL

20–40 साल के युवाओं के लिए

खाली पेट (Fasting): 70–99 mg/dL

खाने के 2 घंटे बाद: 90–140 mg/dL

41–60 साल के वयस्कों के लिए

खाली पेट (Fasting): 70–100 mg/dL

खाने के 2 घंटे बाद: 90–140 mg/dL

60 वर्ष और उससे ऊपर के बुजुर्गों के लिए

खाली पेट (Fasting): 70–110 mg/dL

खाने के 2 घंटे बाद: 100–150 mg/dL

वडोदरा में डायरिया और बुखार का बढ़ता प्रकोप

वडोदरा, 2 मई: शहर में तापमान के साथ-साथ संक्रामक बीमारियों का भी ग्राफ तेजी से चढ़ रहा है। वडोदरा नगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग ने शहर के पांच प्रमुख क्षेत्रों में सर्वेक्षण किया, जिसमें डायरिया और बुखार के सैकड़ों मामले सामने आए। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसे गंभीर मानते हुए त्वरित कदम उठाए हैं।

बता दें की नगर निगम की टीम ने रामदेवनगर, मानेजा, तरसाली, वारसिया और फतेहगंज जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में अभियान चलाया, जिसमें कुल 1.31 लाख की आबादी को कवर किया गया। इस सर्वे में डायरिया के 39 मरीज और बुखार के 473 मरीज चिन्हित किए गए। गर्मी के मौसम में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है।

संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए नगर निगम ने अब तक 5367 घरों में फॉगिंग की है। इसके साथ ही संदिग्ध डेंगू के 42 नमूने लिए गए, जिनमें से 2 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं, 891 मलेरिया संदिग्ध सैंपल में से 1 केस पॉजिटिव मिला।

निर्माण स्थलों और स्कूलों पर भी चला जांच अभियान

स्वास्थ्य विभाग की एक विशेष टीम ने 30 निर्माण स्थलों पर भी सर्वे किया, जिनमें से 1 साइट को नोटिस जारी किया गया। संभावित संक्रमण के खतरे को देखते हुए 24 स्कूल और कॉलेजों की भी जांच की गई, जिसमें 2 स्कूलों को नोटिस दिया गया।

नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि, "बढ़ते तापमान के कारण पानी और भोजन से संबंधित संक्रमणों का खतरा काफी बढ़ गया है। हम लोगों से स्वच्छता बनाए रखने और किसी भी लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की अपील करते हैं।"

जनता से की गई सावधानी बरतने की अपील

नगर पालिका ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे उबला हुआ पानी पिएं, खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से बचें और किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर स्वास्थ्य केंद्रों से संपर्क करें। शहरभर में निगरानी और फॉगिंग अभियान जारी रहेगा।

यूपी के नर्सिंग कॉलेजों में एडमिशन का बदला नियम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नर्सिंग शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव करते हुए राज्य सरकार ने राजकीय नर्सिंग कॉलेजों में जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (GNM) पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया में संशोधन किया है। अब तक इंटरमीडिएट के अंकों के आधार पर मिलने वाले दाखिले की जगह अब प्रवेश परीक्षा के जरिए एडमिशन होगा। यह नई व्यवस्था शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू की जाएगी।

सरकारी आदेश के मुताबिक, अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय इस परीक्षा को आयोजित करेगा। उत्तर प्रदेश जनरल नर्सिंग एंट्रेंस टेस्ट (UPGNET-2025) के नाम से होने वाली इस प्रवेश परीक्षा के आधार पर राजकीय क्षेत्र के 9 नर्सिंग कॉलेजों की 453 सीटों पर छात्रों का चयन किया जाएगा।

निजी कॉलेजों में भी होगा परीक्षा से एडमिशन

बता दें की इससे पहले सरकार ने निजी क्षेत्र के नर्सिंग कॉलेजों में भी 2025-26 सत्र से प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दाखिले की व्यवस्था लागू करने की घोषणा की थी। राज्य में करीब 386 निजी नर्सिंग कॉलेजों में GNM की लगभग 19,000 सीटें हैं।

कौन कर सकेगा आवेदन?

स्टेट मेडिकल फैकल्टी के सचिव के अनुसार, इंटरमीडिएट पास छात्र-छात्राएं इस परीक्षा में आवेदन कर सकेंगे। अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश परीक्षा की विस्तृत जानकारी और आवेदन प्रक्रिया की सूचना जल्द जारी की जाएगी।

क्या बोले अधिकारी?

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा, “GNM की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। अब सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में एक समान प्रवेश प्रक्रिया लागू होगी।”

ये हैं सरकारी कॉलेज, जिनमें प्रवेश परीक्षा से होगा दाखिला:

केजीएमयू कॉलेज ऑफ नर्सिंग, लखनऊ

एलएलआर स्कूल ऑफ नर्सिंग, कानपुर

यूएचएम स्कूल ऑफ नर्सिंग, कानपुर

एसआरएनएच जीएनएमटीसी, प्रयागराज

जीएनएमटीसी जिला चिकित्सालय, गोरखपुर

स्कूल ऑफ नर्सिंग, जिला चिकित्सालय, बरेली

स्कूल ऑफ नर्सिंग, एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा

स्कूल ऑफ नर्सिंग, बलरामपुर चिकित्सालय, लखनऊ

स्कूल ऑफ नर्सिंग, एसबीवीपी जिला चिकित्सालय, मेरठ

यूपी में कैंप लगाकर ₹5-5 लाख लोन देगी सरकार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के युवाओं को स्वरोजगार की राह पर आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (CM YUVA) के तहत अब प्रदेश के विभिन्न जिलों में विशेष कैंप लगाकर पात्र युवाओं को ₹5 लाख तक का ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनाना है।

योजना के तहत क्या मिल रहा है लाभ?

इस योजना के अंतर्गत 21 से 40 वर्ष की आयु के उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी युवाओं को 5 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त लोन दिया जा रहा है। यह लोन उन्हें अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही सरकार की ओर से ट्रेनिंग व मार्गदर्शन की भी सुविधा दी जा रही है ताकि युवा सही दिशा में अपने उद्यम को आगे बढ़ा सकें।

जिलों में कैंप के जरिए दिया जा रहा लोन

अप्रैल माह में योजना के प्रति युवाओं का उत्साह देखने को मिला। प्रदेशभर में 48,000 से अधिक युवाओं ने इस योजना के तहत आवेदन किया। ऋण वितरण में जौनपुर जिला पहले स्थान पर रहा, उसके बाद आगरा दूसरे और हापुड़ तीसरे स्थान पर रहा।

मुख्यमंत्री ने की थी योजना की शुरुआत

इस योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 जनवरी, 2025 को उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर किया था। इसका मुख्य उद्देश्य अगले 10 वर्षों में 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है। हर साल 1 लाख युवाओं को लाभ देने का लक्ष्य तय किया गया है।

कैसे करें ऑनलाइन आवेदन?

सबसे पहले MSME विभाग की वेबसाइट पर जाएं। “New User Registration” पर क्लिक करें। योजना में ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ का चयन करें। आधार नंबर दर्ज करें और OTP द्वारा सत्यापन करें। व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि आदि स्वतः आ जाएगी। मोबाइल नंबर, जिला, ई-मेल भरकर Captcha डालें और Submit करें।

योजना की प्रमुख विशेषताएं

21 से 40 वर्ष के युवाओं को व्यवसाय स्थापित करने के लिए सहायता। 

न्यूनतम 8वीं पास युवा इस योजना के लिए पात्र। 

ब्याज मुक्त ऋण, आसान शर्तों पर चुकता करने की सुविधा। 

परियोजना लागत का 10% सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा। 

व्यवसायिक ट्रेनिंग और मेंटरशिप की सुविधा।

बिहार जमीन सर्वे: स्वघोषणा पत्र को लेकर नए निर्देश

पटना: बिहार सरकार द्वारा भूमि प्रबंधन प्रणाली को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के लिए राज्यभर में जमीन सर्वेक्षण कार्य युद्धस्तर पर जारी है। इस सर्वेक्षण अभियान का मुख्य उद्देश्य है—भूमि के स्वामित्व की सटीक जानकारी जुटाना, जमीन से जुड़ी विवादों को समाप्त करना और डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने स्वघोषणा पत्र को लेकर एक नया और महत्त्वपूर्ण निर्देश जारी किया है।

स्वघोषणा पत्र का उद्देश्य क्या है?

स्वघोषणा पत्र एक ऐसा दस्तावेज़ है, जिसमें रैयत (भूमि धारक) स्वयं यह घोषणा करता है कि संबंधित भूमि पर उसका अधिकार है और वह उससे जुड़ी सभी कानूनी जानकारियों को प्रमाणित करता है। यह पत्र भूमि के स्वामित्व को सत्यापित करने की प्रक्रिया का एक आवश्यक हिस्सा है।

नए निर्देश क्या हैं?

राज्य सरकार ने जिलों के सभी संबंधित अधिकारियों और अमीनों को यह निर्देश दिया है कि वे घर-घर जाकर रैयतों को स्वघोषणा पत्र भरवाने के लिए प्रेरित करें। जिन लोगों ने अब तक यह पत्र नहीं भरा है, उनके घर जाकर अमीन खुद स्वघोषणा पत्र और वंशावली फार्म लेकर उपस्थित होंगे। अमीन रैयतों से बातचीत कर उनसे भूमि से जुड़े कागजात लेंगे और उन्हें या तो ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा करने के लिए प्रेरित करेंगे।

रैयतों से क्या अपेक्षा की जा रही है?

सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिनके पास भूमि संबंधित कागजात उपलब्ध हैं—जैसे खतियान, रसीद, वंशावली, या अन्य दस्तावेज़—उन्हें निर्धारित समय सीमा के भीतर स्वघोषणा पत्र के साथ जमा कर देना चाहिए। इससे न केवल सर्वेक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि भविष्य में भूमि विवादों को भी रोका जा सकेगा।

यूपी में बिगड़ेगा मौसम, 16 जिलों में बारिश के आसार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मौसम एक बार फिर करवट ले रहा है। प्रदेश के कई इलाकों में गुरुवार को तेज बारिश, ओलावृष्टि और आंधी ने तापमान में गिरावट ला दी। गोरखपुर, महराजगंज, संतकबीरनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर और श्रावस्ती समेत पूर्वांचल के कई जिलों में गरज-चमक के साथ झमाझम बारिश हुई, जिससे मौसम सुहावना हो गया। गोरखपुर में तेज हवाओं और ओलों के साथ बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया।

मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए राज्य के 16 जिलों में गरज-चमक और वज्रपात का येलो अलर्ट जारी किया है। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, एक शक्तिशाली पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में सक्रिय है। इसके साथ बंगाल की खाड़ी से आ रही नमीयुक्त पुरवाई और दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के मिलन से प्रदेश का मौसम अगले कुछ दिनों तक प्रभावित रहेगा।

इन जिलों में गरज-चमक के साथ वज्रपात:

आज यानि की शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, बिजनौर, झांसी और ललितपुर में बारिश के आसार हैं। इन जिलों में शुक्रवार को तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश और बिजली गिरने की संभावना है। लोगों को खुले में न निकलने और सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

बुंदेलखंड और एनसीआर में धूलभरी आंधी के आसार

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि शुक्रवार को बुंदेलखंड और दिल्ली एनसीआर के 12 जिलों में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी आंधी चल सकती है। इसका असर यातायात और विजिबिलिटी पर भी पड़ सकता है। साथ ही, इन गतिविधियों के चलते दिन के तापमान में दो से तीन डिग्री तक की गिरावट भी देखने को मिल सकती है।

फसलों और किसानों पर असर

मौसम में इस बदलाव से रबी फसलों की कटाई पर असर पड़ सकता है। बारिश और तेज हवाएं गेहूं, चना और सरसों की फसलों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सतर्क रहने और फसलों की सुरक्षा के उपाय करने की सलाह दी है। मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वज्रपात के समय पेड़ों के नीचे खड़े न हों, बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल न करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

यूपी में फिर बदली स्कूलों की टाइमिंग, आदेश जारी

प्रयागराज। उत्तर भारत में पड़ रही झुलसाने वाली गर्मी का असर अब स्कूलों पर भी साफ दिखाई देने लगा है। प्रयागराज में लगातार बढ़ते तापमान और लू के प्रकोप को देखते हुए जिलाधिकारी (DM) प्रयागराज ने स्कूलों के समय में बदलाव का आदेश जारी किया है। यह कदम बच्चों को तेज़ धूप और भीषण गर्मी से बचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

जारी आदेश के अनुसार, अब कक्षा 1 से 8वीं तक के सभी CBSE, ICSE, सहायता प्राप्त एवं मान्यता प्राप्त हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूल सुबह 7:00 बजे से 11:30 बजे तक संचालित होंगे। यह नया समय तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

परिषदीय विद्यालयों में समय यथावत

हालांकि, यह आदेश परिषदीय विद्यालयों (राजकीय और सहायता प्राप्त प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों) पर लागू नहीं होगा। इन स्कूलों में पूर्व निर्धारित समय अनुसार ही पढ़ाई जारी रहेगी। शिक्षा विभाग का कहना है कि इन विद्यालयों के लिए अलग से कोई आदेश फिलहाल जारी नहीं किया गया है।

15 मई से शुरू होगा ग्रीष्म अवकाश

बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) प्रवीण कुमार तिवारी द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, 15 मई 2025 से सभी मान्यता प्राप्त और सहायता प्राप्त स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया है। यानी 15 मई के बाद स्कूल पूरी तरह से बंद रहेंगे।

डीएम का आदेश, बीएसए की सख्त चेतावनी

जिलाधिकारी प्रयागराज के निर्देश पर यह फैसला लिया गया है, जिसका उद्देश्य है कि बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित न हो और उनकी सेहत भी सुरक्षित रहे। बीएसए ने स्कूल प्रबंधनों को सख्त चेतावनी दी है कि आदेशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।