उत्तर प्रदेश का औद्योगिक नगर कानपुर एक बार फिर विकास के नए युग में प्रवेश करने को तैयार है। ‘विजन-2051’ के तहत शहर के सर्वांगीण विकास के लिए 1.32 लाख करोड़ रुपये की 105 परियोजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। इसमें सबसे प्रमुख है 124 किलोमीटर लंबी एक और आउटर रिंग रोड का निर्माण, गंगा नदी पर चार नए पुल, रैपिड रेल कॉरिडोर और एयरपोर्ट का विस्तार।
कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) द्वारा तैयार किए गए विजन डाक्युमेंट में वर्ष 2051 तक की जरूरतों का खाका खींचा गया है। यह दस्तावेज कंसलटेंसी कंपनी ट्रैक्टेबेल द्वारा चार वर्षों की मेहनत से तैयार किया गया है और अब इसे नगर निगम, एनएचएआई सहित अन्य विभागों को भेजा जा रहा है ताकि उनके सुझावों के आधार पर अंतिम मंजूरी के लिए शासन को सौंपा जा सके।
एक और आउटर रिंग रोड, गंगा पर चार-चार लेन के दो पुल
फिलहाल शहर के चारों ओर 93.20 किलोमीटर की आउटर रिंग रोड का निर्माण चल रहा है। इसी के समानांतर अब एक और आउटर रिंग रोड बनाई जाएगी, जिसकी लंबाई 124 किलोमीटर होगी। यह रिंग रोड चौबेपुर से शुरू होकर बिधनू, भिसार होते हुए अचलगंज (उन्नाव) तक फैलेगी। इस रूट पर गंगा नदी पर चार-चार लेन के दो नए पुल बनाने की योजना है। इसके अलावा, दो और पुलों का प्रावधान भी किया गया है जिससे शहर और आसपास के क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम और सड़कों का चौड़ीकरण
विजन के तहत मेट्रो विस्तार को भी प्रमुखता दी गई है। आईआईटी से मंधना और पनकी से कैंट तक मेट्रो के नए रूट जोड़े जाएंगे, जिससे नेटवर्क में कुल 74.92 किलोमीटर की वृद्धि होगी। इसके साथ ही शहर में कई प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण किया जाएगा, जैसे कि पनकी तिराहा से कल्याणपुर छह लेन रोड, भौंती-रमईपुर चार लेन मार्ग, और रामादेवी से सरसौल तक छह लेन की सड़क।
78 लाख की आबादी को ध्यान में रखकर तैयार योजना
विजन-2051 की खास बात यह है कि इसे कानपुर की संभावित 78 लाख की आबादी को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसमें आवासीय टाउनशिप, सात मल्टीलेवल पार्किंग, व्यावसायिक हब, सड़क चौड़ीकरण और पर्यावरण अनुकूल योजनाएं शामिल हैं ताकि बढ़ती जनसंख्या के अनुसार शहर में आवास, परिवहन और रोजगार की समस्या ना हो।
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