बिहार में गिट्टी-बालू कारोबारियों के लिए नया नियम लागू

पटना: बिहार में गिट्टी, बालू, मिट्टी और अन्य खनिज उत्पादों के कारोबार को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। खनन विभाग ने नए निर्देश जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अब राज्य के सभी खनिज उत्पादों का भंडारण करने वाले व्यापारियों को के-लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। यह नियम सभी छोटे, मध्यम और बड़े व्यापारियों पर समान रूप से लागू होगा।

CCTV लगाना अनिवार्य

बिहार में नए नियमों के तहत 25 हजार घन फुट तक भंडारण करने वाले व्यापारियों को छोटा व्यापारी माना जाएगा। इन्हें भंडारण स्थल पर CCTV कैमरा लगाना अनिवार्य होगा। इस श्रेणी के व्यापारियों को लाइसेंस के लिए: एक वर्ष के लिए ₹5000, पांच वर्ष के लिए ₹20000 का चालान जमा करना होगा।

इसके अलावे मध्यम व्यापारियों पर भी सख्ती की जाएगी।  25 हजार से 1 लाख घन फुट तक भंडारण करने वाले व्यापारियों को मध्यम श्रेणी में रखा गया है। इन्हें: सार्वजनिक या निजी धर्मकांटा (वजन मशीन) की व्यवस्था करनी होगी। CCTV कैमरा अनिवार्य रूप से लगाना होगा। पांच वर्ष के लिए ₹50000 का चालान जमा करना होगा। 

वहीं, बड़े कारोबारियों के लिए सख्त प्रावधान किया हैं। 1 लाख से 10 लाख घन फुट तक भंडारण करने वाले वृहद व्यापारियों को: स्वयं का धर्मकांटा लगाना अनिवार्य होगा, भंडारण स्थल पर CCTV कैमरा लगाना होगा, पांच वर्ष के लाइसेंस के लिए ₹2 लाख का चालान देना होगा

ऑनलाइन आवेदन की सुविधा

इच्छुक व्यवसायी खनन विभाग के पोर्टल खननसाफ्ट.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ निम्न दस्तावेज जरूरी होंगे: चालान की मूल प्रति, आधार कार्ड, चरित्र प्रमाण-पत्र, GST पंजीकरण और भुगतान की अद्यतन स्थिति, जमीन सत्यापन प्रतिवेदन, मालिकाना हक या किरायानामा संबंधित दस्तावेज। 

क्यों जरूरी है यह कदम?

खनन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम अवैध खनन और गिट्टी-बालू के अवैध कारोबार को रोकने के लिए उठाया गया है। इससे न केवल सरकारी राजस्व बढ़ेगा, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। इसको लेकर सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं।

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