बिहार के गांव-गांव में सर्वे, सभी को मिलेगा पक्का घर

पटना। बिहार के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत राज्य भर में चल रहे लाभार्थियों के सर्वे की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया गया है। अब इच्छुक और पात्र ग्रामीण 15 मई 2025 तक इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपना नाम सूची में दर्ज करवा सकते हैं। पहले यह तिथि 30 अप्रैल निर्धारित की गई थी, लेकिन ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इसे 15 दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया है।

ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव द्वारा जारी पत्र के अनुसार, राज्य के सभी उप विकास आयुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सर्वे कार्य में तेजी लाएं और इस बार जीविका से जुड़े सभी परिवारों का भी सर्वे सुनिश्चित करें। इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य यह है कि हर जरूरतमंद को पक्का घर मिल सके।

जीविका से जुड़े परिवारों को भी मिलेगा लाभ

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के अनुरोध पर अब सतत जीविकोपार्जन योजना से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य योग्य परिवारों को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा। इसके लिए सर्वे के दौरान विशेष सतर्कता बरती जा रही है ताकि कोई भी पात्र परिवार सूची से वंचित न रह जाए।

क्या है योजना का उद्देश्य?

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का मकसद ग्रामीण भारत के हर गरीब परिवार को एक पक्का और सुरक्षित घर प्रदान करना है। बिहार सरकार और केंद्र सरकार मिलकर इस योजना को राज्य के हर गांव में लागू कर रही है। इस योजना के तहत न सिर्फ घर बनाए जाते हैं, बल्कि लाभार्थियों को शौचालय, रसोईघर और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं।

अब क्या करें ग्रामीण नागरिक?

जो लोग अब तक योजना से वंचित हैं, उन्हें चाहिए कि वे अपने नजदीकी पंचायत कार्यालय या ग्राम रोजगार सेवक से संपर्क करें। संबंधित दस्तावेज जैसे राशन कार्ड, जाति प्रमाणपत्र और जीविका से जुड़े होने के प्रमाण साथ लेकर जाएं ताकि समय रहते सर्वे में उनका नाम जुड़ सके।

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