चीनी मिसाइल PL-15 का सच: भारत के लिए कितनी बड़ी चुनौती?

नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों की सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं और अपनी-अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन कर रही हैं। इसी बीच पाकिस्तान एयर फोर्स के एक फाइटर जेट की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है, जिसमें चीन की अत्याधुनिक PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल लगी हुई दिखाई दे रही है।

PL-15 क्यों है चर्चा में?

चीन की PL-15 मिसाइल हवा से हवा में मार करने वाली एक लंबी दूरी की मिसाइल है, जिसकी रेंज करीब 300 किलोमीटर बताई जा रही है। यह मिसाइल मैक 5 (करीब 6,185 किमी/घंटा) की रफ्तार से उड़ सकती है और एक्टिव रडार गाइडेंस सिस्टम से लैस है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसका मल्टी टारगेट ट्रैकिंग सिस्टम, जो एक साथ कई दुश्मन विमानों को ट्रैक कर सकता है और सटीक हमला कर सकता है। चीन ने इस मिसाइल का निर्माण 2011 में शुरू किया और 2012 में इसका परीक्षण किया गया। 2018 में इसे आधिकारिक रूप से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) में शामिल किया गया।

क्या भारत को है खतरा?

पाकिस्तानी जेट्स पर PL-15 और PL-10 मिसाइलों की मौजूदगी को लेकर भारत में चिंता जरूर है, लेकिन रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो भारतीय वायुसेना पूरी तरह तैयार है। भारत के पास राफेल फाइटर जेट हैं, जो फ्रांसीसी मेटियोर मिसाइल से लैस हैं। मेटियोर की रेंज 150-200 किमी है और यह मैक-4 की रफ्तार से उड़ती है। खास बात यह है कि इसमें रैमजेट इंजन लगा होता है, जिससे यह मिसाइल पूरे रास्ते स्थिर गति बनाए रखती है और पायलट हवा में ही इसका टारगेट बदल सकता है। इसके उलट, PL-15 में ड्यूल पल्स सॉलिड फ्यूल रॉकेट मोटर का इस्तेमाल होता है, जो तेज़ी से जलता है और लंबे समय तक रफ्तार बनाए नहीं रख पाता।

भारत के पास क्या जवाब है?

PL-15 के मुकाबले भारत के पास एक और हथियार है — रूसी R-37M मिसाइल। यह मिसाइल 300 से 400 किमी की दूरी तक टारगेट को भेद सकती है और इसकी स्पीड मैक 6 (करीब 7,100 किमी/घंटा) है। रूस ने इस मिसाइल का बड़े पैमाने पर यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल किया है और इसके परिणाम प्रभावशाली रहे हैं।

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