भारत Vs पाकिस्तान: किस देश के पास हैं घातक ड्रोन?

नई दिल्ली। 21वीं सदी का युद्ध अब बंदूकों और टैंकों से नहीं, तकनीक से लड़ा जा रहा है — और ड्रोन इस नई युद्ध शैली का सबसे शक्तिशाली हथियार बन चुके हैं। एयर स्ट्राइक हो या निगरानी मिशन, दुश्मन की सरहद में बिना किसी सैनिक को भेजे ही कार्रवाई करना अब संभव है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि भारत और पाकिस्तान में किस देश के पास है ज़्यादा घातक और उन्नत ड्रोन शक्ति?

भारत: टेक्नोलॉजी में अग्रणी, अब आत्मनिर्भर की ओर

भारत ने बीते एक दशक में ड्रोन तकनीक में जबरदस्त प्रगति की है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO), हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), और निजी कंपनियों के सहयोग से भारत अब न केवल उन्नत सर्विलांस ड्रोन बना रहा है, बल्कि हथियारयुक्त कॉम्बैट ड्रोन के क्षेत्र में भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

भारत के प्रमुख ड्रोन:

Heron (इज़रायल निर्मित): निगरानी और लंबी दूरी की टोही में सक्षम।

Switch UAV (स्वदेशी): सेना के लिए हल्के, पोर्टेबल ड्रोन, जो LoC पर तैनात किए गए हैं।

Rustom-II (स्वदेशी): DRDO द्वारा विकसित, निगरानी और स्ट्राइक मिशनों के लिए तैयार किया जा रहा है।

Predator MQ-9B (अमेरिकी ड्रोन): भारत ने हाल ही में अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन खरीदने की डील फाइनल की है, जो मिसाइलों और बमों से लैस होते हैं।

पाकिस्तान: चीन पर निर्भर, लेकिन हमलों में तेजी

पाकिस्तान ने हाल के वर्षों में चीन के साथ मिलकर अपनी ड्रोन शक्ति को बढ़ाया है। हालांकि तकनीकी रूप से यह भारत से पीछे है, लेकिन कम लागत में कारगर ड्रोन ऑपरेशन करने की रणनीति पर काम कर रहा है और चीन तुर्की से ड्रोन की खरीद कर रहा हैं।

पाकिस्तान के प्रमुख ड्रोन:

Shahpar II: निगरानी और सीमित हथियार क्षमता वाला ड्रोन।

Wing Loong II (चीनी): अटैक ड्रोन, लेजर-गाइडेड मिसाइल से लैस।

Burraq (स्वदेशी/चीनी तकनीक पर आधारित): पाकिस्तान का पहला हथियारयुक्त ड्रोन, जो सीमित स्ट्राइक क्षमता रखता है।

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