ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बनाई कोरोना वैक्सीन, 500 से ज्यादा लोगों पर ट्रायल

न्यूज डेस्क: ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता कोरोना वायरस (कोविड-19) से मुकाबले के लिए तैयार की जा रही एक वैक्सीन के परीक्षण की तैयारी में जुट गए हैं। इसके लिए 500 से ज्यादा वालंटियर्स की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई है। यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट और ऑक्सफोर्ड ग्रुप की क्लीनिकल टीमें 510 वालंटियर्स की भर्ती करेंगी। इन प्रतिभागियों को सीएचएडीओएक्स1 एनकोवी-19 वैक्सीन या तुलना के लिए एक नियंत्रित इंजेक्शन दिया जाएगा।
कोविड-19 की रोकथाम के लिए एक वैक्सीन बनाने के प्रयास में जुटे शोधकर्ताओं ने कहा कि आगामी परीक्षण के लिए शुक्रवार से इंग्लैंड के टेम्स वैली क्षेत्र में 18 से 55 साल की उम्र के स्वस्थ वालंटियर्स की छानबीन शुरू की गई। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर एड्रियन हिल ने कहा, 'ऑक्सफोर्ड टीम को वर्ष 2014 में पश्चिम अफ्रीका में इबोला के प्रकोप समेत त्वरित वैक्सीन प्रतिक्रिया का असाधारण अनुभव है। इस बार बड़ी चुनौती है। वैक्सीन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण की व्यवहारिकता को परखने के लिहाज से आगामी परीक्षण बेहद महत्वपूर्ण होगा।

शोधकर्ताओं के अनुसार, यह नया टीका एक एडीनोवायरस वैक्सीन वेक्टर और सार्स-कोवी-2 या कोविड-19 पर आधारित है। वहीं अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान में संक्रामक रोगों में अनुसंधान का नेतृत्व करने वाले एंथोनी फौसी का कहना है कि इस जानलेवा वायरस से बचने के लिए जल्द से जल्द वैक्सीन तैयार करने की जरूरत है ताकि दूसरी बार इसकी प्रकोप से बचा जा सके।

मालूम हो कि इस वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं ढूंढा जा सका है... ना तो इसकी कोई वक्‍सीन ही बाजार में आ पाई है। अमेरिका को वैक्सीन बनाने में प्राथमिक सफलता मिली गई है लेकिन अभी यह भी ट्रायल के ही दौर में है। वैज्ञानिकों की मानें तो कोरोना वायरस की वैक्‍सीन को आने में अभी काफी वक्‍त लग सकता है। यही नहीं यदि वैक्‍सीन को मंजूरी मिल भी गई तो बड़े पैमाने पर उत्‍पादन और आम आदमी तक इसकी पहुंच में लंबा वक्‍त लगेगा। 

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