न्यूज डेस्क: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना वायरस के टीके बनाने का काम तेजी से चल रहा है. खुद वैज्ञानिक मानने लगे हैं कि कोरोना वायरस का टीका तैयार किए बिना इससे निजात पाना मुश्किल है. न्यू जर्सी में रूटगर्स यूनिवर्सिटी के निदेशक नीर इयाल का कहना है कि हमें अपने टीके (Vaccine) को जल्द से जल्द तैयार करने के लिए 100 हेल्दी लोगों की जरूरत है जिनके भीतर कोरोना वायरस को फैलाया जा सके. इसकी मदद से हम अपने तैयार टीके का आखिरी ट्रायल कर सकेंगे. दुनिया को जल्द से जल्द टीके उपलब्ध कराने के लिए ये सबसे सटीक और अचूक तरीका माना जाता है.
मामले से जुड़े एक दूसरे वैज्ञानिक का कहना है कि फेज-3 ट्रायल (Trial) के दौरान टीकों को हेल्दी लोगों में टेस्ट करना सबसे सही तरीका होता है. हम ऐसे 100 लोगों के शरीर में कोरोना वायरस डालेंगे. इसके बाद अपने बनाए टीके का परीक्षण करेंगे. एक बार इन लोगों में टीका कारगर साबित होने का मतलब है ये इलाज के लिए तैयार हैं.
भारत में भी हो सकते हैं ट्रायल
वैज्ञानिकों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे इस ट्रालय में भारत से भी कुछ लोगों को चुना जा सकता है. किसी भी अंतरराष्ट्रीय टीके को मान्यता के लिए कम से कम 6 देशों में क्लीनिकल ट्रायल करना होता है. अगर भारत में भी इस टीके के सफल परिणाम निकलते हैं तो देश में कोरोना वायरस के लिए इस टीके का भी इस्तेमाल हो सकता है.
उल्लेखनीय है कि भारत समेत दुनियाभर में तांडव मचा रहा है. दुनियाभर में अब तक 34 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकी 7 लाख से ज्यादा संक्रमित हैं. इधर, पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना के 106 नए मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही देश में करोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1024 हो गई है. कोरोना से देश में 27 लोगों की मौत हो चुकी है.
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