पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैलाकर महाशक्ति बनना चाहता है चीन, खुल गई उसकी पोल

न्यूज डेस्क: चीन की लापरवाही ने पूरी दुनिया में लाखों करोड़ों लोगों का जीवन बर्बाद कर दिया है और अब इसी वजह से अमेरिका की एक अदालत में चीन के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया गया है . जिसमें चीन से 20 ट्रिलियन डॉलर्स यानी 1500 लाख करोड़ रुपये का मुआवज़ा मांगा गया है . ये रकम चीन की मौजूदा GDP से भी ज्यादा है .
चीन के खिलाफ केस फाइल करने वाले वकील का दावा है कि ये चीन ने कोरोना वायरस को एक जैविक हथियार के तौर पर निर्मित किया था और ये एक तरह का प्रायोजित आतंकवाद है. इसलिए चीन को ये हर्ज़ाना देना चाहिए. अब आपको ये समझना चाहिए कि आर्थिक नुकसान के बावजूद चीन कैसे अब भी फायदे में हैं. चीन ने अब विदेश से आने वाले यात्रियों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है. इनमें चीन के वो नागरिक भी शामिल हैं जो विदेशों में रहते हैं. यानी दुनिया में तबाही मचाने के बाद अब चीन खुद को पूरी तरह से सुरक्षित कर रहा है.

चीन अब दुनिया भर में फिर से सामान बेचने लगा है और चीन के उद्योगपति भी मौके का फायदा उठाकर बड़े पैमाने पर दुनिया के अलग अलग देशों में निवेश कर रहे हैं . यानी चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस अब चीन के लिए ही एक अवसर बन गया है. चीन ने कैसे खुद को तो बचा लिया और दुनिया को संकट में डाल दिया. इसे आपको एक उदाहरण से समझना चाहिए.

चीन की राजधानी बीजिंग में इस वायरास से सिर्फ 8 लोगों की मौत हुई और चीन के ही शंघाई में इस वायरस से सिर्फ 5 लोग मारे गए. वुहान से बीजिंग की दूरी 1100 किलोमीटर है जबकि शंघाई सिर्फ 830 किलोमीटर दूर है. लेकिन इन शहरों में ये वायरस इतनी तेजी से नहीं फैला जबकि वुहान से 12 हज़ार किलोमीटर दूर अमेरिका, साढ़े 8 हज़ार किलोमीटर दूर इटली, साढ़े 5 हज़ार किलोमीटर दूर ईरान और 10 हजार किलोमीटर दूर स्पेन में इस वायरस ने हज़ारों लोगों की जान ले ली है. ज़ाहिर है इस समय अगर सिर्फ चीन की अर्थव्यस्था बड़ी हो रही है तो फायदा भी चीन को ही हो रहा है. 

कहा जाता है कि वर्ल्ड ऑर्डर हमेशा बदलता रहता है और नई महाशक्तियां एक दूसरे की जगह लेती रहती हैं. 1956 में Suez नहर संकट के दौरान ब्रिटेन सरकार की नाकामी की वजह से ब्रिटेन वर्ल्ड ऑर्डर में पीछे हो गया था और अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बन गया था. ऐसा ही आज भी हो रहा है. चीन से निकला ये वायरस इस वर्ल्ड ऑर्डर को बदलने में सक्षम है और चीन अमेरिका को पीछे धकेलने के लिए बिल्कुल तैयार है. लेकिन लाखों लोगों को संक्रमित करके और हज़ारों लोगों की मौत की वजह बनकर चीन महाशक्ति क्यों बनना क्यों चाहता हैं। 

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